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Updated: 02 मई, 2017 12:05 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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एक खबर जो अपनी तरफ सबका ध्यान आकर्षित कर रही है, वो आती है गुजरात से, वाया गाजियाबाद. हां, थोड़ा अजीब है, क्योंकि गुजरात और गाजियाबाद के सिरे आपस में मिलते ही नहीं. वलसाड़ गुजरात के भाजपा सांसद केसी पटेल ने एक महिला वकील पर उन्हें 'हनी ट्रैप' करने का आरोप लगाया है और शिकायत की है कि महिला 5 करोड़ रुपये मांग कर रही है.

सांसद साहब का दावा है कि एक महिला ने उनसे कुछ मदद मांगी थी, जिसके लिए उन्हें अपने घर गाजियाबाद बुलाया. वहां पहुंचने पर महिला ने उन्हें सॉफ्ट ड्रिंक दिया, जिसमें नशीली दवा मिली थी, जिससे वह बेहोश हो गए. उनका अश्लील वीडियो बनाया गया और होश में आने पर उनसे 5 करोड़ की डिमांड की गई और पैसा नहीं दिए जाने पर सांसद को बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी भी दी.

patel-650_050117071606.jpgसांसद के सी पटेल

वैसे इस मामले में गुजरात के इन सांसद की तारीफ करनी होगी. एक तरफ जहां बाकी सांसद इतने व्यस्त रहते हैं कि अपने ही क्षेत्र के लोगों की मदद करने का समय नहीं निकाल पाते, वहां पटेल साहब की नर्मदिली और दयालुता का कहना ही क्या जो उस महिला की मदद करने के लिए गुजरात से गाजियाबाद तक आ गए. पर उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उनकी शराफत का उन्हें ये सिला मिलने वाला है. इसके लिए उन्होंने बड़े ही मीठे से शब्द का जिक्र किया 'हनी ट्रेप'.

उधर महिला का कहना है कि- सांसद का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था. वहीं उनकी मुलाकात हुई थी. केस के सिलसिले में सांसद ने उसे घर पर बुलाया और रेप किया. और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. सांसद ने उससे कहा, 'तुम हमें जानती नहीं हो. हमारी केंद्र में सरकार है, गुजरात में है, उत्तर प्रदेश में भी हमारी सरकार है. हम जैसा चाहेंगे वैसा करेंगे.' इसके बाद कई बार महिला का रेप किया गया.

अब किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ये 'हनी ट्रैप' है क्या. 

क्या है हनी ट्रैप-

किसी चाल के तहत जब कोई आकर्षक व्यक्ति किसी महत्वपूर्ण जानकारी या खूफिया सुराग जानने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति को किसी भी प्रकार का लोभ या लालच देता है, और सामने वाला व्यक्ति उसमें फंसकर वो राज़ खोल देता है तो उसे हनी ट्रेपिंग कहा जाता है. ज्यादातर सेना और सुरक्षा से संबंधित जगहों पर महिलाओं को ही इस काम के लिए रखा जाता है. वो अपने रूप जाल का सहारा लेकर व्यक्ति से कई जानकारियां आराम से निकलवा लेती हैं.

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महिलाएं इसलिए क्योंकि खूफिया जानकारी निकलवाने और राज़ जानने में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा बेहतर होती हैं. क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट अरुणा बरोटा का कहना है कि 'परिस्थितियों को सहजता के साथ डील करने की क्षमता महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा होती है. वो ज्यादा ईमानदार, समर्पित और आज्ञाकारी होती हैं इसलिए जासूसी में ज्यादा सफल होती हैं.'

कौन हैं जो इस तरह के जाल में फंसते हैं-

कुछ पुरुषों को प्रवृत्ति ही उन्हें इन हनी ट्रेप्स में फंसाती है. वो प्रवृत्ति है सबकुछ भूलकर महिलाओं पर मोहित होने की. ऐसे में महिलाओं के लिए किसी भी पुरुष को अपनी अदाओं से रिझाना बहुत आसान हो जाता है, और महिला आकर्षक हो तो इस, बात की संभावना और भी बढ़ जाती है कि पुरुष उनकी बातों में आ जाते हैं, महज थोड़े से लालच में. ये लालच होता है महिला के करीब जाने का, सेक्स का. इधर महिला ने इशारा किया और उधर सामने वाला फंसा. और इस तरह महिलाएं अपने काम में कामयाब हो जाती हैं. और फिर पुरुष चाहें कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, महिलाओं के रूप जाल के आगे उनकी सारी समझदारी और होशियारी धरी की धरी रह जाती है.

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दिल्ली विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के अशुम गुप्ता का कहना है कि- 'बेहद प्रतिभावान पुरुष भी सेक्स के वादे के आगे अपनी तार्किक सोच और समझने की शक्ति खो देते हैं. हार्मोन्स का बढ़ता स्तर उनसे वो करवा डालता है जो नहीं होना चाहिए. समाज लालच में फंसने वाले व्यक्ति का स्वीकार लेता है लेकिन महिला के मामले में ऐसा नहीं है'.

भरतीय अफसरों के साथ हुए हैं कई मामले-

भारत में कई मामले ऐसे हुए हैं जहां पुरुष इस तरह के विदेशी हनी ट्रेप्स में फंस चुके हैं. मई 2008 में बीजिंग में तैनात वरिष्ठ रॉ ऑफिसर मनमोहन शर्मा को दिल्ली बुलाया गया जो चीन के हनी ट्रेप में फंस गए थे. कहा गया कि मनमोहन शर्मा का अपनी चाइनीज़ लैंग्वेज टीचर के साथ प्रेम प्रसंग था, भारतीय अधिकारियों का मानना था कि वो महिला असल में चीनी सरकार की खबरी थी. 2007 में एक और रॉ अफसर रवि नायर को हॉन्गकॉन्ग से बुलाया गया, क्योंकि उनकी दोस्ती एक ऐसी महिला से थी जिसे चीन की जासूस बताया गया था. ऐसे ही न जाने कितने मामले इतिहास में दर्ज हैं. 

लेकिन सांसद के सी पटेल के मामले में 'हनी ट्रेप' में फंसने की वजह वाजिब नहीं लगती. साफ जाहिर है कि अपनी छवि बचाने के लिए वो इस पूरे प्रकरण को हनी ट्रेप का नाम दे रहे हैं, पर उनकी कहानी पर भरोसा चाहकर भी नहीं होता. आपका क्या कहना है?

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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