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Updated: 03 मार्च, 2020 10:57 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेकर गंभीर रूप से बीमार करने और मौत के घाट उतारने के बाद, कोरोना वायरस (Coronavirus disease) ने भारत (Coronavirus cases in India) में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. नोएडा के एक निवासी को कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए जाने पर उसके बच्‍चे के स्‍कूल को बंद कर देना पड़ा है. इसके अलावा यूपी में भी कोरोनावायरस के छह मरीज पाए गए हैं. मंगलवार को आई इन खबरों से भय का माहौल बन गया है. इस गंभीर बीमारी के मद्देनजर भारत सरकार (Modi Govt on Coronavirus outbreak) के दावे कुछ भी हों लेकिन कोरोना को लेकर मची गफलत कैसी है? लोगों में खौफ कितना ज्यादा है? इसे हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ट्वीट (PM Modi Tweet on Coronavirus) से भी समझ सकते हैं जो उन्होंने कोरोना वायरस को लेकर किया है. पीएम मोदी के ट्वीट देखकर ये अपने आप में साफ़ हो जाता है कि कहीं न कहीं सरकार भी इस बात को लेकर भयभीत है कि यदि ये जानलेवा बीमारी भारत आ गई और इसके कारण लोग अपनी जान गंवाने लग गए तो क्या होगा? ध्यान रहे कि भारत के सन्दर्भ में सरकार की तरफ से तर्क यही दिया जा रहा है कि यहां बीमारी अपनी शुरूआती स्टेज में है. सरकार द्वारा लगातार इसकी रोकथाम (Coronavirus prevention) के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. सरकार का दावा है कि वो इस बीमारी के चलते भविष्य में होने वाली त्रासदी से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. लेकिन कौतूहल से भरे लोगों के सवाल हैं कि थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हमने कुछ ऐसे सवालों की फहरिस्‍त तैयार की है, जो कोरोनावायरस के सिलसिले में सबसे ज्‍यादा पूछे जा रहे हैं.

Corona Virus, Questions, Death, India,  Doctor, Precautionभारत में कोरोना वायरस के प्रसार के बाद तमाम सवाल है जो लोगों के दिमाग में आ रहे हैं

Coronavirus sample test किन माध्यमों से लिया जाएगा?

कोरोना वायरस एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है और ऐसे भी मौके आ रहे हैं जिसमें ये बीमारी निमोनिया का रूप ले ले रही है जिस कारण मरीज का बचना मुश्किल हो जा रहा है. ध्यान रहे कि निमोनिया जान लेवा इसलिए भी है क्योंकि इसमें फेफड़ों में फ्लूइड का निर्माण होने लग जाता है. फ़िलहाल जो भी मरीज इस बीमारी की चपेट में आए हैं या फिर जिन्हें ये बीमारी हुई है बतौर सैम्पल उनका रक्त लिया गया है.

खून की जांच के बाद ही ये स्पष्ट हो पा रहा है कि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. देश की सरकार इस बीमारी के प्रति खासी गंभीर नजर आ रही है और उसने बीमारी के निदान के लिए हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 भी जारी किया है.

Coronavirus disease क्या सिर्फ मांसाहारियों को होगी?

इस समय जो सवाल सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है वो ये है कि क्या यह बीमारी या फिर वो लोग जो इस बीमारी की चपेट में हैं क्या ये उन्हें मांस खाने के कारण हुई है ? बता दें कि कोरोना वायरस के कारण वेज और नॉन वेज की बहस को नए आयाम मिले हैं. एक बड़ा वर्ग वो है जिसका मानना है कि बीमारी उन्हीं को होगी जो मांस का भक्षण करते हैं.

तो बता दें कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि केवल मांसाहार करने वाले ही इस बीमारी की चपेट में आएंगे. बीमारी में सफाई को एक ख़ास तरजीह दी जा रही है तो यदि व्यक्ति शाकाहार खा रहा है और वो साफ़ नहीं है तो वो भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ सकता है.

ज्ञात हो कि इस बीमारी में मांसाहार का जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि दुनिया भर में तमाम लोग घर के बाहर इसका सेवन करते हैं और बाहर के खाने में सफाई का कितना ध्यान रखा जाता है ये बात किसी से छुपी नहीं है.

Coronavirus कितने दिन और कितने तापमान तक जीवित रहता है?

एक बड़ा सवाल जो इस वक़्त लोगों की जुबान पर है वो ये कि कोरोना वायरस कितने दिन तक जीवित रहता है और क्‍या किसी खास तापमान का उस पर असर होता है? तो बता दें कि विशेषज्ञों ने पाया है कि सतह पर पड़ा हुआ कोरोनावायरस नौ दिन तक जीवित रहा है. इतना ही नहीं वह माइनस 4 से लेकर 70 डिग्री तक सर्वाइव कर सकता है. ऐसे में सलाह यही दी जा रही है कि अपने हाथ को बार-बार धोते रहें. ऐसे सेनेटाइजर का इस्‍तेमाल करें, जिसमें 75 फीसदी तक अल्कोहल हो. डॉक्टर्स तक इसे एक जिद्दी वायरस मान रहे हैं उनका भी यही कहना है कि इससे लड़ने के बजाए इसके प्रभाव को हल्का करने वाले कारकों पर काम करना चाहिए.

Coronavirus test lab कहां-कहां हैं?

बात भारत के सन्दर्भ में हो रही है तो बता दें कि 15 लैब काम कर रही हैं और 19 और लैब बनाए जाने की योजना है. फिलहाल 25,000 नमूनों का परीक्षण करने के लिए लैब को संसाधन उपलब्‍ध कराए गए हैं. अभी क्योंकि भारत में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है इसलिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) को सभी जांच का हब बनाया जा रहा है. देश भर में कहीं भी जांच हो फाइनल मुहर एनआईवी पुणे ही लगा रहा है और बता रहा है कि आया हुआ सैम्पल पॉजिटिव है या फिर नेगेटिव.

Coronavirus test report कितने दिन में आती है?

जैसा कि हम बता चुके हैं देश भर में 15 प्रयोगशालाएं कोरोना वायरस की जांच में लगी हैं और इनकी शुरूआती रिपोर्ट्स को तस्दीक के लिए पुणे भेजा जा रहा है तो अगर बहुत जल्दी भी रिपोर्ट्स आई तो सम्पूर्ण प्रक्रिया में 3 से 4 दिन लग जा रहे हैं. पुणे से आई फाइनल रिपोर्ट ही बता रही है कि व्यक्ति इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आया है या नहीं.

Coronavirus vaccine कब तक बाजार में आ जाएगी?

फिलहाल कोरोना वायरस पर अनुसंधान चल रहा है. इसकी दवा या वैक्‍सीन को लेकर दावे के साथ कोई इलाज अभी आया नहीं है. दुनियाभर में कोरोना वायरस बीमारी के मरीजों को स्थिर रखने के लिए पहले से मौजूद उपचार प्रणालियों का ही उपयोग किया जा रहा है. इस वायरस की चुनौती ही यही है कि ये एकदम नया है. इसीलिए इसका नाम भी नोवेल कोरोनावायरस रखा गया है.

coronavirus quarantine period कितना है, और यह isolation से किस तरह अलग है?

coronavirus बीमारी के साथ quarantine शब्‍द का इस्‍तेमाल बहुत हुआ है. कोरोनावायरस के इन्‍फैक्‍शन की आशंका से जिन लोगों को अलग-थलग रखा जा रहा है, उनके बारे में इस टर्म का इस्‍तेमाल हो रहा है. दुनिया के अलग अलग देशों में यह अवधि अलग है, लेकिन सामान्‍यत: 15 दिन के लिए कोरोनवायरस के संक्रमण की आशंका वाले लोगों को अलग रखा जा रहा है.

अब सवाल ये कि quarantine और isolation में क्‍या फर्क है? Quarantine उन सेहतमंद लोगों को किया जा रहा है, जिनके भीतर कोरोनावायरस होने की आशंका है. इन्‍हें संबंधित टेस्‍ट के बाद ही घर जाने दिया जा रहा है. जबकि इस बीमारी की चपेट में आए लोगों को इलाज के लिए isolation में रखा जा रहा है, जहां इन्‍हें उपचार दिया जा सके और इनसे संक्रमण कहीं और न फैले.

बहरहाल, अगर पॉजिटिव हुए तो घबराने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है. व्यक्ति सफाई से रहे और स्वस्थ जीवन शैली अपनाए. साथ ही वो अपने डॉक्टर ससे भी परामर्श करता रहे. यदि हम ऐसा कर ले जाते हैं तो इस जानलेवा बीमारी से बड़ी ही आसानी के साथ बचा जा सकता है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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