New

होम -> समाज

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 14 जून, 2016 01:20 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

दुनिया में सबसे ज्‍यादा आबादी वाले चीन में स्‍पर्म डोनेशन पर जोर? सुनने में अजीब और विरोधाभासी लगता है. लेकिन तेजी से आर्थित तरक्की करने वाला यह देश एक नए संकट को अपनी ओर बढ़ता देख रहा है और मदद के लिए युवाओं को पुकार रहा है.

कभी चीन ने अपने देश में सख्‍त एक संतान पॉलिसी लागू की हुई थी. लेकिन अब उसमें रियायत देने के बावजूद लोग बच्‍चे पैदा नहीं कर रहे हैं. कारण ये है कि वे अपने जीवन स्‍तर को बनाए रखने की जद्दोजहद में ज्‍यादा जिम्‍मेदारी लेना नहीं चाहते. और दूसरा भागदौड़ भरी लाइफस्‍टाइल में नपुंसकता भी बढ़ रही है. ऐसे में इन दो चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार को इमरजेंसी इंतजामों से ही उम्‍मीद है.

यह भी पढ़ें: एक देश ने क्यों की ये अपील ‘खूब सेक्स करो’

चीन ने अपने युवाओं से कहा, 'स्पर्म डोनेट करें'

चीन ने अपने देश के 20 से 45 वर्ष की उम्र वाले पुरुषों से स्पर्म डोनेट करने की अपील की है. अधिकारियों को डर है कि स्पर्म की कमी की समस्या और विकराल हो सकती है. इसलिए वे नए स्पर्म डोनर्स तलाशने के लिए हरसंभव कोशिशें कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: 'पत्नियों को कुंवारों से साझा करें!', चीन में क्यों आए ऐसे हालात

युवाओं को स्पर्म डोनेशन के प्रति आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर जबर्दस्त प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. इसके लए वीडियो गेम कैरेक्टर्स से लेकर स्पर्म डोनेट करने वालों को 1000 हजार डॉलर तक का कैश और रोज-गोल्ड आईफोन देने जैसे वादे किए जा रहे हैं.

कुछ स्पर्म बैंकों ने तो इसके लिए देशभक्ति की भावनाओं का भी सहारा लिया और लोगों को बताया कि बढ़ती हुई आबादी और घटते हुए वर्कफोर्स को देखते हुए उनसे 'अपनी संवेदना' दिखाने की अपील की गई है. एक सरकारी न्यूज साइट पर एक आर्टिकल में पुरुषों से अपील की गई है, 'देश के बूढ़े होने की समस्या को कम करने में मदद करें.' 

चीन में क्यों मुश्किल है स्पर्म डोनेट करनाः

लेकिन चीन में स्पर्म डोनेशन कई कारणों से आसान नहीं. सबसे बड़ी बात चीन की परंपरागत चिकित्सा ने उच्च स्तर के स्पर्म को लंबे जीवन से संबंद्ध किया है, जिसकी वजह से कई पुरुष किसी भी कीमत पर स्पर्म डोनेट नहीं करना चाहते हैं. इतना ही नहीं बढ़ती हुई नपुंसकता के बावजूद कई परिवार किसी अनजान व्यक्ति के स्पर्म का प्रयोग करने में असहज महसूस करते हैं क्योंकि उनकी नजर में यह कंफ्यूसियस मूल्यों के खिलाफ है.

यह भी पढ़ें ‘अंजान’ स्पर्म डोनर को ढ़ूंढकर रचाई अनूठी शादी!

हालांकि हाल में आए कई विज्ञापनों से स्पर्म डोनेशन के बारे में उन पुराने विचारों को खत्म करने की कोशिश की गई है. इन विज्ञापनों में कहा गया है, 'स्पर्म डोनेट करना ब्लड डोनेट करने जैसा ही है.' बीजिंग स्पर्म बैंक के संदेश में कहा गया है, 'यह समाज को कुछ देने जैसा है.'

जनसंख्या नियंत्रण के लिए वर्षों तक चीन द्वारा अपनाई गई वन चाइल्ड पॉलिसी का नतीजा वहां बूढ़े लोगों की बढ़ती आबादी के रूप में सामने आया है. इसी को देखते हुए हाल ही में चीन नें दो बच्चों को पैदा करने की इजाजत दी है.

चीन की वर्तमान आबादी 1.35 अरब में से करीब 20.2 करोड़ लोग 60 से ज्यादा की उम्र के हैं, जोकि कुल आबादी का लगभग 15.5 फीसदी है. 2050 तक चीन में 60 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों की संख्या 30.2 करोड़ या कुल आबादी का 24 फीसदी हो जाने की संभावना है. इसी को देखते हुए चीनी सरकार दो बच्चे पैदा करने और युवाओं से स्पर्म डोनेट करने की मांग कर रही है. 

#चीन, #स्पर्म, #आबादी, China, Sperm, Population

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय