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बड़ा आर्टिकल  |  
Updated: 04 जुलाई, 2018 12:59 PM
गिरिजेश वशिष्ठ
गिरिजेश वशिष्ठ
  @girijeshv
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देश भर में फैल रहा एक सोशल मीडिया मैसेज अगर आपके इनबॉक्स में आता है तो सावधान रहें. ये मैसेज आपको हत्यारा बना सकता है. ये फर्जी मैसेज अब तक दसियों लोगों की जान ले चुका है और कई लोगों को पीट-पीट कर अधमरा कर चुका है. जिसके भी इनबॉक्स में ये मैसेज आता है वो गुस्से से पागल हो जाता है. ये मैसेज पिछले दो साल से लगातार शेयर हो रहा है और सबसे बड़ी बात कि ये पूरी तरफ फर्जी है. मैसेज की जड़ एक तस्वीर है. इससे पहले इस मैसेज के बारे में और बताएं पहले जान लीजिए कि किस तरह पूरे देश में ये मैसेज कत्लेआम का सबब बन रहा है.

वायरल न्यूज़, सोशल मीडिया, खबर, मौत, लिंचिंग  सोशल मीडिया पर प्रचारित होती ख़बरों के बाद हिंदुस्तान में एक दूसरे को मारना अब एक आम बात हो गई है

महाराष्ट्र

रानीपेड़ा- महाराष्ट्र में पांच लोगों की हाल ही में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. मामला रानीपाडा इलाके का है. महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बस से पांच लोगों के साथ कुछ और लोग उतरे. उनमें से किसी एक ने लड़की से बोलने की कोशिश की. यहां के लोगों के दिमाग पर इसी मैसेज का असर था. नतीजा ये हुआ कि लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि बस से उतरे लोग बच्चा चुराने वाले गिरोह से ताल्लुक रखते हैं. पुलिस का कहना है कि पीड़ित लोगों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वो दम तोड़ चुके थे.

नंदुरबार- इसी महीने घटना महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के महासवाड़ गांव की है. जहां अपनी इनोवा कार से जा रहे पूर्व नगर सेवक को लोगों ने बुरी तरह पीटा और फिर कार चला दी. हाल के दिनों में बच्चा चोरी के शक में मारपीट का यह ताजा मामला है.

मालेगांव- रविवार की रात करीब 11.30 बजे मालेगांव के आजाद नगर में इसी मैसेज के शिकार लोगों ने एक महिला और एक पुरुष को एक बच्चे के साथ पकड़ लिया. भीड़ को शक है कि महिला और पुरुष बच्चा चोर हैं और उनके पास मौजूद बच्चा वे कहीं से चुराकर लाए हैं. जान बचाने के लिए ये दंपति घर में घुसे लेकिन भीड़ ने उस पर भी पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. पुलिस वहां पहुंची तो उस पर भी हमला हुआ. किसी तरह लाठीचार्ज के बाद उन्हें बचाया जा सका. जिनपर आरोप लगा था वो दरअसल बच्चे के मां बाप थे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन दोनों घटनाओं के पीछे एक खास वाट्सएप मैसेज था.

गुजरात

अहमदाबाद- इस मैसेज के शिकार लोगों ने अहमदाबाद के वाडज में चार महिलाओं को सरेआम पीटा. दिमाग पर मैसेज का असर था और उन महिलाओं को बच्चा चोर समझ लिया गया. हालांकि, महिलाओं के पास उस वक्त कोई बच्चा नहीं था. कुछ दिनों से गुजरात के कुछ इलाकों में सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी गैंग की अफवाह वायरल हो रही थीं. जिस वजह से महिलाओं पर बच्चा चोरी का शक जाहिर करते हुए भीड़ ने इतना पीटा कि उनमें से एक महिला की मौत हो गई.

साबरकाठां- साबरकाठां में एक दिव्यांग लड़के को बच्चा चोर समझकर लोगों ने इतना पीटा कि वो अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच अपनी सांसें गिन रहा है. तो वहीं सूरत में भी बच्चा चोरी के आरोप में एक मां को अपनी बेटी का ही चोर बताकर पीट दिया गया.

सूरत- यहां इसी मैसेज की शिकार महिला को बुरी तरह से पीटा गया. जिसे पुलिस ने बीच में आकर बचाया. जब उसका पति थाने पहुंचा तो पता चला कि ये बच्चा उसी महिला का था. इधर, एक महिला को इस हद तक पीटा गया कि उसकी मौत हो गई.

वायरल न्यूज़, सोशल मीडिया, खबर, मौत, लिंचिंग  इन दिनों हर खबर को सोशल मीडिया पर भेजना और उसका रिस्पोंस देखना एक ट्रेंड सा बन गया है

असम

असम के कारबी आंगलोंग इलाके में जून महीने में ही भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में 2 युवकों को पीट-पीटकर मार डाला. बच्चा चुराने वाले एक गैंग से जुड़ी अफवाह सोशल मीडिया पर फैलने के बाद हत्यारी भीड़ ने इन दोनों पर हमला किया. ये दोनों युवक अभिजीत नाथ और नीलोत्पल दास कार्बी ऑन्गलॉन्ग इलाके में छुट्टी मना रहे थे. दोनों गुवाहाटी से आए थे. लोगों के गुस्से के पीछे यही वाट्सएप मैसेज था.

झारखंड

झारखंड में सात लोगों की हत्या बच्चा चोरी के शक में हत्या कर दी गई थी. मरने वालों में झारखंड के दो युवक शामिल थे. जिन्हें यह कहकर अफवाह फैलाई गई कि वो बच्चा चोर गिरोह से हैं.

तमिलनाडु

त्रिची- इसी तरह तमिलनाडु के त्रिची जिले के पेरुमापत्ति गांव में दो मुस्लिम युवकों को बच्चा चोरी के शक में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. जांच में पता लगा कि दोनों युवक व्यापारी थे और गांव में व्यापार के सिलसिले में आए थे. इन्हें मैसेज से प्रभावित लोगों ने बच्चा चोर समझ लिया था.

चेन्नई- चेन्नई शहर के तेयनामपेट इलाके में भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में बिहार के दो मजदूरों को बुरी तरह से पीट दिया. शनिवार शाम को हुई इस घटना में दोनों मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. पुलिस की मानें तो दोनों मजदूर चेन्नई मेट्रो के लिए काम करते हैं. इनका नाम बी गोपाल साहू और के विनोद बिहारी है.

त्रिपुरा

त्रिपुरा में भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में उत्तर प्रदेश निवासी एक रेहड़ी वाले की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या कर दी और दो अन्य को जख्मी कर दिया. पुलिस ने बताया कि यह घटना पश्चिम त्रिपुरा के मुराबारी में हुई है. राज्य से बाहर के तीन रेहड़ी वाले कारोबार करने आए थे. एआईजी ने बताया कि उन्होंने बिटरबन से एक गाड़ी ली थी, जब वे इलाके में पहुंचे, तो लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझा और उन्हें पीटना शुरू कर दिया. दास ने बताया कि रेहड़ी वालों ने अपने चालक समेत इलाके में स्थित त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के शिविर में शरण ली. करीब एक हजार लोगों ने उनका पीछा किया और शिविर में घुस गए और एक रेहड़ी वाले की पीट-पीट कर हत्या कर दी.

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पुलिस परेशान है. वहां बच्चा चोरी की अफवाह गांव-गांव तक फैल रही है. लोग पुलिस को गैंग के बारे में झूठी जानकारियां दे रहे हैं. पखवाड़े भर से चिरमिरी सहित खड़गवां ब्लाक के गांवों में 15 से 20 लोगों के गिरोह के सक्रिय होने की बातें लगातार सामने आ रही हैं. पड़ोसी राज्यों में हुई घटनाएं सोशल मीडिया, वाट्स एप पर डाली जा रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस भी परेशान है. मंगलवार को इस अफवाह का असर कुछ ऐसा रहा कि सैकड़ों लोगों की भीड़ गोदरीपारा नागेश्वर काली मंदिर से लेकर बड़ा बाजार पेट्रोल पंप तक जंगलों और खाइयों में गिरोह की तलाश करती रही.

दरअसल किसी ने यहां यह बात फैली दी कि गिरोह खाई में देखा गया है, जिसे लोगों के द्वारा दौड़ाया जा रहा है. यहां तक की मामले की सूचना थाने तक पहुंच गई. लेकिन चिरमिरी सहित पोड़ी थाने में अब तक एक भी मामला नहीं पहुंचा है. अफवाहों के चलते बाहरी लोग चोर की आशंका में पकड़े जाने के बाद मार भी खा रहे हैं. 3 मई की रात गोदरीपारा के कोठारी में तो 4 मई को वेस्ट चिरमिरी में ऐसी अफवाहें उड़ी.

कर्नाटक

कर्नाटक के चमराजपेट में हुई घटना मामले में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन 14 आरोपियों में दो नाबालिग और चार महिलाएं भी शामिल हैं. बुधवार को यहां राजस्थान के एक 26 वर्षीय युवक कालूराम को बच्चा चोर समझकर भीड़ ने पीटा था जिससे उसकी मौत हो गई थी.

बुधवार को रंगनाथ टॉकीज के पास पेंशन मोहल्ला में भीड़ ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दरअसल भीड़ में शामिल लोगों ने इस युवक को बच्चा चोर गैंग का सदस्य समझा था. भीड़ ने युवक को पकड़ा. उसे रस्सी से बांधा और बेरहमी से उसकी पिटाई की. पिटाई से बदहाश युवक बेहोश हो गया. इधर सूचना पाकर कॉटन पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को अस्पताल ले गई लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

पुलिस ने बताया कि आजकल कर्नाटक और आसपास राज्यों में फेक विडियो वायरल हो रहा है. इन विडियो और मेसेज में कहा जा रहा है कि शहर में बच्चा चोरों का गैंग घूम रहा है. इसी फेक मेसेज के चलते युवक की हत्या हुई.

वायरल न्यूज़, सोशल मीडिया, खबर, मौत, लिंचिंग  हमें याद रखना होगा कि चीजों को वायरल कराने की होड़ हमें गर्त के अंधेरों में ले जा रही है

झारखंड

आपको याद होगा कि पिछले साल मई में जमशेदपुर में एक मैसेज वायरल हुआ था बच्चा चोरी के इस वायरल मैसेज के कारण पिछले नौ दिन में आठ लोगों की जान गई है. बकौल एसएसपी, अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है. वहीं सिटी एसपी प्रशांत आनंद ने भी कहा कि बच्चा चोरी का अफवाह व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए फैलाई जा रही है.

दरअसल सोशल मीडिया पर सीरिया की बमबारी में मारे गए कुछ बच्चों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. ये तस्वीरें करीब तीन साल पुरानी हैं. तस्वीरों में मासूम बच्चों की कुछ लाशें ज़मीन पर पड़ी हैं. तस्वीरें दरअसल सीरिया में बमबारी के बाद मारे गए बच्चों के शवों की हैं. इन्हें शिनाख्त के लिए एक स्थान पर रखा गया था. शरारती लोगों ने इस तस्वीर को बच्चा चोर और अंगों की चोरी का बताकर वाट्सएप पर वायरल किया.

वायरल मैसेज कई तरीके से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. कुछ लोग तस्वीरें ये कहकर वायरल कर रहे हैं कि बच्चा चोर बच्चों की हत्या करने के बाद किडनी निकाल लेते हैं. कुछ लोग इन्हीं तस्वीरों के माध्यम से वीडियो बनाकर यूट्यूब पर डाल रहे हैं. हालात ये हैं कि इन तस्वीरों को शेयर करने वाले लोग खुद भी अपनी तरफ से झूठ जोड़ रहे हैं. कहा जाता है कि पड़ोस के राज्य में एक गैंग पकड़ा गया है. वो यहां भी सक्रिय है.

पुलिस तलाश कर रही है वगैरह-वगैरह. कुछ लोग मीडिया को कोस रहे हैं कि वो ये खबर क्यों नहीं दिखाता. हालात ये है कि पुलिस अलग-अलग जगहों पर हत्याओं के बाद जाग रही है. लोगों से अपील की जाती है कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें लेकिन दौर ऐसा है कि लोग सच से ज्यादा झूठ पर विश्वास करते हैं.

पुरानी है ये वायरल बीमारी

सोशल मीडिया के जरिए हिंसा के ये मामले अकेले नहीं हैं. आपको याद होगा कि म्यामांर की रोहिंग्या हिंसा का वीडियो असम में वायरल करके वहां दंगे फैलाए गए. कहा गया कि एक खास सांप्रदाय के बांग्लादेशी निर्मम हत्याएं कर रहे हैं जिसके कारण लंबे समय तक असम सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलता रहा.

मुजफ्फरनगर दंगे के पीछे भी एक भड़काऊ सीडी ही जिम्मेदार मानी जा रही थी. इस सीडी को बांटने में विधायक संगीत सोम पर केस भी हुआ था. सीडी में कहा गया था कि दंगाइयों ने लापता लोगों की ट्रैक्टर ट्रॉली को रोककर उनकी हत्याएं कीं और शव नहर में बहा दिए.

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लेखक

गिरिजेश वशिष्ठ गिरिजेश वशिष्ठ @girijeshv

लेखक दिल्ली आजतक से जुडे पत्रकार हैं

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