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Updated: 11 फरवरी, 2018 07:18 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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इस्लाम का पक्ष लेते हुए, एक आम मुसलमान आपनी राय देने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है. जाहिर है, जब दुनिया का एक आम मुसलमान, समाज के सामने इस्लाम की वकालत कर रहा होगा, तो वो इस्लाम के उन गुणों को बताएगा, जो उसकी नजर में अच्छे हैं. जबकि उन गुणों पर पर्दा डालने का प्रयत्न करेगा जो धर्म का संकीर्ण बिंदु दर्शाते हों. इसके विपरीत जो इस्लाम के विरुद्ध हैं और लगातार इसकी आलोचना कर रहे हैं, उनका ये मानना है कि ये एक ऐसा धर्म है जो हद से ज्यादा संकुचित है और इसमें "अपग्रेड" की गुंजाइश न के बराबर है. आलोचकों का मत है कि धर्म, कुरान की आयतों और रसूल की प्राचीन हदीसों के दम पर चल रहा है और यदि इसे बदला नहीं गया तो आने वाले वक़्त में आज की अपेक्षा परिणाम कहीं घातक होंगे.

इस्लाम पर समर्थकों से लेकर आलोचकों के अपने तर्क और कुतर्क हो सकते हैं. मगर जब इस्लाम को अपने आपको पैगम्बर मुहम्मद का वंशज मानने वाले जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) की नजर से देखें तो तो कई तरह से इस्लाम के मायने बदल जाते हैं और इनको देखकर महसूस होता है कि आम मुसलमानों के इस्लाम और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) के इस्लाम में कहीं न कहीं जमीन आसमान का अंतर है.

शाह अब्दुल्लाह,जॉर्डन, इस्लाम, कट्टरपंथ  प्रोग्रेसिव मुस्लिम होने के कारण शाह अब्दुल्लाह सम्पूर्ण विश्व को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं

हो सकता है ये बात आपको थोड़ा विचलित कर दे.मगर ये एक ऐसा सच है जिसे बिल्कुल भी नाकारा नहीं जा सकता. जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) अपने को पैगम्बर मुहम्मद का वंशज मानते हैं और बेहद आधुनिक हैं. शाह अब्दुल्ला इतने आधुनिक हैं कि अगर इन्हें आधुनिकता का पर्याय कहा जाए तो भी गलत न होगा.

एक ऐसे वक़्त जब पूरी दुनिया में इस्लाम के अंतर्गत हिजाब को लेकर बहस हो रही है. और कहा जा रहा है कि इस्लाम अपनी महिलाओं को परदे में रखने की हिमायत करता है. उस वक़्त में पैगम्बर मुहम्मद के वंशज शाह अब्दुल्लाह के परिवार की औरतों का हिजाब या बुर्के का इस्तेमाल न करना और जींस, शर्ट, टीशर्ट, कैप्री का इस्तेमाल करना और कहना कि इस्लाम समानता की बात करता है अपने आप में ये बताने के लिए काफी है कि शाह अब्दुल्लाह और उनका परिवार एक ऐसे इस्लाम को मान रहे हैं जो कट्टरपंथी मुल्लों और उनकी जमातों से अलग है.

    

दरअसल बात ये है कि इन दिनों सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर शाह अब्दुल्लाह के परिवार का एक फोटो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. जिसपर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं. @इमाम ऑफ पीस नाम के यूजर नेम ने इनकी फोटो को ट्वीट किया है और सवाल किया है कि."‘यह जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (दि्वतीय) हैं. वह पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं और यह उनका परिवार है. सवाल यह है कि हिजाब और बुर्का नहीं पहनने से इस जमीं पर क्या हो सकता है?.

इमाम ऑफ पीस के इस सवाल पर लोग दिलचस्प राय रख रहे हैं और उनकी विचारधारा के एक समर्थक ने तो यहां तक लिख दिया है कि "वह धर्मनिरपेक्ष हैं और मुझे गर्व है कि वह हमारे देश के शाह हैं" वहीं मारियो नाम की एक अन्य समर्थक ने अपने शाह का पक्ष लेते हुए लिखा है कि, 'जॉर्डन के शाह की पढ़ाई-लिखाई पश्चिमी संस्कृति में हुई है. उन्होंने ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया है और एक अमेरिकी महिला से शादी की है. वह हर्ले डेविडसन चलाते हैं. वह इस बात के एक बेहतरीन उदाहरण हैं कि मुस्लिम देशों को क्या करना चाहिए. ईरान भी बदलने को तैयार है.'

ज्ञात हो कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय), विश्व पटल पर एक प्रोग्रेसिव नेता की छवि रखते हैं. इन्हें एक ऐसे नेता के रूप में भी देखा जाता है तो विश्व को आतंकवाद से बचाने के लिए लम्बे समय से लड़ रहा है. शाह अब्दुल्ला इस्लाम के नाम पर खून खराबा मचाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हैं और इनके मार्गदर्शन में जॉर्डन के सुरक्षाबलों ने सीरिया की सीमा से लगते क्षेत्रों में कई अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और वहां से आतंकवाद का खात्मा किया है. आपको बताते चलें कि शाह अब्दुल्ला ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से दुनिया भर के मुसलमानों से आईएसआईएस के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया था. उन्होंने आतंकवाद को क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया था.

अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) उन कट्टरपंथियों के मुंह पर करारा तमाचा हैं जिनके कारण इस्लाम गर्त के अंधेरों में जा रहा है. कहा जा सकता है कि आज भारत के आलवा सम्पूर्ण विश्व के मुसलमानों को शाह अब्दुल्लाह से प्रेरणा लेने की ज़रूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे ही प्रयासों से विश्व में शांति का प्रसार और आतंकवाद का सफाया संभव है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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