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Updated: 01 मार्च, 2019 11:18 AM
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शेम-शेम के स्लोगन से शर्मिंदा इमरान खान को संसद का सामना करने से पहले बहुत सोचना पड़ा होगा. पहले भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की नाकाम कोशिश और एक भारतीय पायलट हाथ लगने के बाद इमरान खान के पास संसद को कुछ बताने के लिए जरूर था.

पाकिस्तानी संसद के ज्वाइंट सेशन में इमरान ने पुलवामा हमले के बाद के हालात का जिक्र करते हुए कहा कि उनका मुल्क जंग नहीं चाहता, लेकिन ये भी बता दिया कि हम पूरी तरह तैयार हैं. पाकिस्तानी संसद में इमरान का वो रूप नहीं दिखा जो चुनाव जीतने के बाद से लेकर हाल तक देखने को मिला था. संसद को इमरान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की कोशिश की थी और कई देशों के नेताओं से तनाव कम करने को लेकर बातचीत चल रही है. ये कहते कहते इमरान अपनी सीट पर बैठ गये, लेकिन कुछ ही सेंकड बाद अचानक उठ गये.

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बात कहना वो भूल गये. इमरान खान ने संसद को बताया कि पाकिस्तान ने अमन का संदेश देते हुए भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने जा रहा है.

'रियल प्रोजेक्ट अभी बाकी समझो'

जब विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान द्वारा छोड़े जाने की खबर आ रही थी, तकरीबन उसी के आस पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार समारोह में हिस्सा ले रहे थे. बातों बातों में जैसे ही मोदी ने कहा कि अभी अभी एक 'पायलट प्रोजेक्ट' पूरा हुआ है और तभी तालियां बजने लगीं.

देश के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आप तो लेबोरेट्री में जिंदगी गुजारने वाले लोग हैं... आपके अदंर पायलट प्रोजेक्ट करने की परंपरा होती है... उसके बाद आगे बढ़ते हैं. अभी अभी एक पायलट प्रोजेक्ट हो गया है.'

जब तालियां बजने लगीं तो प्रधानमंत्री थोड़ा रुके और फिर कहा, 'अभी रियल करना है, पहले तो प्रैक्टिस थी.'

मोदी को जो कहना था कह चुके थे. मुस्कुराते हुए मोदी ने बात को बदलने की कोशिश की और कहा कि रियल ये है कि पुरस्कार पाने वालों को हम स्टैंडिंग ओवेशन देंगे जिस पर सारे लोग खड़े होकर तालियां बजाने लगे.

बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का ये वीडियो शेयर किया गया है - और मोदी के मैसेज को समझने की कोशिश हो रही है. क्या मोदी ने संकेतों में इमरान खान को कोई संदेश देने की कोशिश की है?

प्रधानमंत्री ने तीन शब्दों का इस्तेमाल किया है - प्रैक्टिस, पायलट और रियल. जो हो चुका है वो प्रैक्टिस थी. जो ताजा है वो पायलट प्रोजेक्ट रहा और जो होने वाला है वो रियल होगा.

इस बीच तीनों सेनाओं की ओर से एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में सेना की कार्रवाई और पाकिस्तानी हमले की कोशिश को लेकर आधिकारिक जानकारी दी गयी है. साथ ही सेना ने सबूत भी पेश किये हैं. प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य तौर पर चार बातें महत्वपूर्ण रहीं.

1. सेना के मुताबिक बालाकोट मिशन पूरी तरह सफल रहा और उससे जुड़े पूरे सबूत हैं.

2. पाकिस्तान की ओर से झूठी बातें फैलायी जा रही हैं और सच सामने आने पर उसे बयान बदलने पड़ रहे हैं.

3. पाकिस्तानी विमानों भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ और तुरंत जवाबी कार्रवाई हुई.

4. पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को मार गिराने का झूठा दावा किया है. जहां तक भारत द्वारा पाकिस्तान के F-16 को मार गिराने की बात है, तो उसके पक्के सबूत हैं.

evidence of pak hand by indian armyये सबूत है भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तानी हमले की कोशिश में F-16 विमानों के इस्तेमाल का

सेना के अफसरों ने बताया कि ये उस मिसाइल का कवर है जिसे सिर्फ एफ-16 पर ही ढोया जा सकता है. इससे साबित होता है कि पाकिस्तान ने एफ-16 विमानों का इस्तेमाल किया था और इस बात से इंकार कर रहा है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बयान आया था जिसमें मध्यस्थता का जिक्र है. हनोई में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है भारत और पाकिस्तान की तरफ से एक आकर्षक खबर आ रही है, दोनों देशों में पिछले काफी समय से तनाव जारी है. हम इस मसले को सुलझाने में हम मध्यस्थता कर रहे हैं, हमें अच्छी खबरें मिल रही हैं. हमें उम्मीद है कि सदियों से चल रहा ये तनाव अब जल्द ही खत्म होगा.'

न कोई डील न ब्लैकमेल

पर्दे के पीछे अभिनंदन को लेकर जो भी बातें हुई हों, इस मामले में खुल कर पाकिस्तानी लेखिका फातिमा भुट्टो सामने आयीं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की पोती और बेनजीर भु्ट्टो की भतीजी फातिमा भुट्टो ने इमरान खान की सरकार से कहा था कि वो भारतीय पायलट को छोड़ दे.

अभिनंदन के साथ पाकिस्तान में जो सलूक हुआ है - और पाकिस्तान ने इस केस में जैसी हरकतें की हैं उसे पूरी दुनिया ने देखा है. चाय के प्लाले वाले वीडियो से पहले पाकिस्तान ने जो तस्वीरें दिखायीं, जो वीडियो दिखाये वे क्या थीं?

सही बात तो ये है कि अभिनंदन के साथ हुए सलूक के लिए इमरान खान के लिए मुंह छिपाना मुश्किल होता जा रहा था. अभिनंदन को तो पाकिस्तान को छोड़ना ही था. जल्दी न सही थोड़ी देर से ही सही.

अभिनंदन को कस्टडी में लेने के बाद पाकिस्तान अपनी ही चाल में उलझता गया. जल्दबाजी में पाकिस्तानी प्रवक्ता और खुद इमरान खान ने भी दो-दो भारतीय पायलटों को हिरासत में लेने का दावा कर दिया. जब समझ में आया कि ऐसे मामलों में दावेदारी महंगी पड़ सकती है तो भूल सुधार के साथ नया बयान जारी किया.

पहले तो पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की लेकिन भारत का कड़ा रूख देखते ही वो शांति वार्ता की पहल करने लगा. अभिनंदन को पाने के बाद उसे लगा कि रास्ता आसान हो जाएगा, लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि उसे पायलट को छोड़ना होगा. अभिनंदन के नाम पर पाकिस्तान ने भारत को ब्लैकमेल करने का प्रयास किया लेकिन भारत के सख्त रूख के आगे एक न चली.

बात न बनते देख पाकिस्तान ये जताने की कोशिश करने लगा कि वो पायलट के साथ अच्छा सलूक कर रहा है, लेकिन अभिनंदन को छोड़ने के नाम पर वो विचार करने की बात करने लगे.

फिर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने पाक मीडिया के जरिये संदेश देने की कोशिश की कि वो अभिनंदन को छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन पाकिस्तान चाहता है कि भारत बातचीत के लिए आगे आये. इस संदेश में ये भी था कि पाकिस्तानी नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करना चाहता है.

मीडिया के जरिये ही भारत ने साफ कर दिया कि अभिनंदन की रिहाई के बदले कोई सौदेबाजी नहीं चलेगी - और भारत इस मामले में कांसुलर एक्सेस भी नहीं मांग रहा बल्कि सीधी डिमांड है कि विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान छोड़ दे. भारत ने पाकिस्तान को ये भी समझाने की कोशिश की कि पायलट हमलावर नहीं है.

अभिनंदन की वापसी पर भारत की हर नजर टिकी हुई है. ये भारत के लिए फिलहाल सबसे बड़ी खुशखबरी है. जितनी शिद्दत से देश पुलवामा के हमलावरों से बदले को आतुर था उतनी ही बेसब्री अभिनंदन की वापसी को लेकर है.

अभिनंदन को छोड़ने के मामले में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एहसान जताने और दरियादिली दिखाने की जितनी भी कोशिश करें - लेकिन ये सिर्फ और सिर्फ दिखावा है. असल बात तो ये है कि इमरान खान दुनिया के सामने मुल्क की लाज बचाने के लिए अभिनंदन का नाम भुनाना चाहते हैं. जरूरी ये है कि इमरान खान ये बतायें कि अपनी जमीन से आतकंवाद को प्रश्रय देना कब खत्म कर रहे हैं. जरूरी ये है कि इमरान खान ये बतायें कि मसूद अजहर, हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कब और क्या एक्शन ले रहे हैं. जरूरी ये है कि इमरान कुलभूषण जाधव की रिहाई को लेकर क्या कदम उठा रहे हैं.

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