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Updated: 07 मई, 2019 01:45 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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लोकसभा चुनाव के हर चरण में पश्चिम बंगाल से किसी न किसी तरह के बवाल की खबरें आती हैं. तीसरे और चौथे चरण में मामला इतना बढ़ गया था कि हिंसा तक हो गई. पुलिस के साथ झड़प हुई. लाठी चार्ज हुई. भाजपा प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो की गाड़ी पर तो आसंसोल में हमला तक हो गया. इस चुनाव में भी मारपीट की खबरें आई हैं. यानी चुनाव कोई भी हो, पश्चिम बंगाल में मारपीट होना तो जैसे आम बात है. और हो भी क्यों ना, चुनाव लड़ने वाले ही ऐसे हैं.

पश्चिम बंगाल में अभी तक 25 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं. अगर एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार इन सीटों पर खड़े उम्मीदवारों की अगर तुलना करें तो जो तस्वीर सामने आती है वो हैरान करने के लिए काफी है. जहां एक ओर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सबसे अमीर हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा के उम्मीदवार आपराधिक मामलों में सबसे आगे हैं. यानी जिस पश्चिम बंगाल में आज के समय में सिर्फ गुंडाराज की तस्वीरें सामने आती हैं, कल को अगर ममता बनर्जी हार जाएं और भाजपा सत्ता में आ जाए तो भी ये तस्वीर नहीं बदलने वाली. यानी भाजपा जीते या तृणमूल कांग्रेस, बंगाल नहीं बदलने वाला.

पश्चिम बंगाल, भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, लोकसभा चुनाव 2019भाजपा के 25 उम्मीदवारों में से 11 पर आपराधिक केस दर्ज हैं.

भाजपा में सबसे अधिक आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार

अब तक 5 चरणों में पश्चिम बंगाल की 25 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं. अब अगर हर पार्टी के 25 उम्मीदवारों में से आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को अलग किया जाए तो भाजपा इस लिस्ट में टॉप पर होगी. भाजपा के 25 उम्मीदवारों में से 11 पर आपराधिक केस दर्ज हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस के 25 में से 4 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं. वहीं दूसरी ओर, सीपीएम के 25 में से 9 उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं. अब जरा सोचिए, तृणमूल कांग्रेस में तो अपराधी कम हैं, सीपीएम और भाजपा में तो बहुत अधिक हैं.

मतलब बंगाल नहीं बदलेगा !

चौथे चरण के चुनाव की तस्वीरें और वीडियो तो सभी को याद ही हैं. पांचवें चरण के मतदान में भी हिंसा हुई है. लॉकेट चैटर्जी की गाड़ी पर हमला हुआ. उनकी गाड़ी से तोड़फोड़ की गई. बैरकपुर में भाजपा और टीएमसी के उम्मीदवारों के बीच झड़प हुई. इसके अलावा, नदिया जिले में पोलिंग बूथ के बाहर बम फेंका गया है, जिसके धमाके से एक व्यक्ति घायल भी हो गया है. वहां पर दहशत होने का साथ-साथ स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

कई लोगों का तर्क होता है कि तृणमूल कांग्रेस की सरकार में गुंडाराज है, अगर भाजपा की सरकार आ जाएगी तो बंगाल बदल जाएगा. लेकिन अगर एडीआर की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि इस बार के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस में सबसे कम और भाजपा में सबसे अधिक आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार हैं. तो फिर इसे क्या समझें? ऐसे तो यूं लग रहा है कि भाजपा के जीतने पर भी बंगाल नहीं बदलेगा.

पांचवें चरण में सबसे अधिक 'क्रिमिनल उम्मीदवार' !

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में पश्चिम बंगाल की कुल 7 सीटों पर मतदान हुआ था. इसमें भाजपा के कुल 7 उम्मीदवारों में से 6 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के 3-3 उम्मीदवारों पर केस चल रहे हैं.

अगर सिर्फ पांचवें चरण में उम्मीदवारों की संपत्ति की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस सबसे आगे है. तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5 करोड़ से भी अधिक है. वहीं 85 लाख रुपए की संपत्ति के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी सबसे अमीर उम्मीदवार हैं, जिनके पास कुल 17 करोड़ रुपए की संपत्ति है.

पश्चिम बंगाल की 25 लोकसभा सीटों पर 5 चरणों में चुनाव हो चुका है. अब बाकी दो चरणों में बची हुई 17 सीटों पर चुनाव होगा. इस चुनाव में अमीरों की भी कोई कमी नहीं है. तृणमूल कांग्रेस के कुल 25 नेताओं ने 111.2 करोड़ रुपए की संपत्ति दिखाई है. यानी अगर औसत देखा जाए तो हर उम्मीदवार के पास 4 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.8 करोड़ रुपए, भाजपा के उम्मीदवारों की संपत्ति 1.7 करोड़ रुपए और सीपीएम के उम्मीदवारों की संपत्ति 64 लाख है. खैर, 21 मई को नतीजे बताएंगे कि बंगाल की सरकार बदलेगी या नहीं, ये तो लगभग तय ही है कि बंगाल नहीं बदलेगा.

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