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Updated: 20 दिसम्बर, 2018 08:37 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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यूपी की सियासत में एक ट्रेंड शुरू हो गया है, गडरिये के देखने भर की देर है. भेड़ें खुद ब खुद मुड़ जाएंगी. बात राजस्थान चुनाव की है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी सभा के दौरान हुनमान जी को दलित बताया था. यूपी के मुख्यमंत्री द्वारा हनुमान जी पर बयान देने भर की देर थी. उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फूले ने हनुमान जी को न सिर्फ दलित कहा था बल्कि उन्हें मनुवादियों का गुलाम कहा था. सावित्री बाई फूले के बयान पर मंथन चल ही रहा था कि भोपाल के एक जैन साधु ने ये कहकर सनसनी फैला दी थी कि न तो हनुमान जी दलित हैं और न ही बनवासी बल्कि वो जैन हैं.

हनुमान जी फिर चर्चा में हैं. कारण हैं यूपी की राजधानी लखनऊ से भाजपा नेता बुक्कल नवाब. किसी जमाने में सपा की बदौलत सत्ता की मलाई काट चुके और वर्तमान में भाजपा से जुड़े नेता बुक्कल नवाब ने उतनी ही गंभीरता के साथ हनुमान जी को मुसलमान बताया है. भले ही बुक्कल की बातें सुनकर हंसी आए और शायद व्यक्ति अपनी हंसी न रोक पे मगर जो कुछ भी उन्होंने कहा वो काबिल ए गौर है.

बुक्कल नवाब, हनुमान, योगी आदित्यनाथ, मुसलमान  हनुमान जी एक बार फिर चर्चा में हैं और कारण हैं भाजपा के एमएलसी बुक्कल नवाब जिन्होंने उन्हें मुसलमान बताया है

भाजपा नेता बुक्कल नवाब से जब हनुमान जी को लेकर सवाल हुआ तो इस सवाल का जवाब देते हुए बुक्कल ने कहा कि, 'हनुमान जी की बात होती है. उन्हें जात धर्म में बांटने की बात होती है. तो बता दें कि हनुमान जी जो थे वो पूरे विश्व के थे. हर मज़हब के थे. हर मिल्लत के थे. और हर धर्म को प्यारे थे और जहां तक हमारा मानना है हनुमान जी जो थे वो मुसलमान थे.

हनुमान जी मुसलमान क्यों थे इसपर बुक्कल के अपने तर्क हैं. बुक्कल का कहना है कि. 'हनुमान जी मुसलमान इसलिए थे क्योंकि हमारे (मुसलमानों )में जो नाम रखे जाते हैं जैसे रहमान, रमजान, फरमान, जीशान, कुर्बान वो हनुमान जी से मिलते जुलते रखे जाते हैं. ऐसे में सवाल है कि ऐसे कितने नाम हैं जो हिन्दुओं ने हनुमान जी से लिए हैं. हिन्दुओं में हनुमान जी का डायरेक्ट नाम रखा जा सकता है जैसे हनुमान प्रसाद लेकिन उनसे मिलते जुलते नाम नहीं हैं. ऐसे नाम सिर्फ इस्लाम में मुसलमानों के यहां है. यहां इमरान है, फुरकान है, जीशान है, सुल्तान है, सुलेमान है जितने भी नाम मिलेंगे ये पूरी तरह हनुमान जी से मिलते जुलते हैं. इसलिए हनुमान जी मुसलमान हैं.

उत्तर प्रदेश में भाजपा के आगमन और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अगर बुक्कल के मिजाज को देखें तो मिलता है कि हिंदुत्व के एजेंडे की रेज में न सिर्फ बुक्कल सबसे तेज दौड़ रहे हैं बल्कि ये दूसरे प्रतिद्वंदियों से काफी आगे निकल चुके हैं. ये कोई पहली बार नहीं है जब बुक्कल ने इस तरह बिना सिर पैर की बात की है. बुक्कल नवाब इससे पहले अभी रक्षाबंधन में तब सुर्ख़ियों में आए थे जब इन्होंने गायों को बहन मानते हुए गौ रक्षाबंधन मनाया था और मुस्लिम महिलाओं से गायों को राखी बंधवाई थी.

आपको बताते चलें कि हनुमान जी को मुसलमान बताने वाले बुक्कल नवाब वो नेता हैं जिनपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. बुक्कल नवाब पर लखनऊ में रिवर फ्रंट मामले में अपने जमीन के एवज में गलत तरीके से 8 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा था. भाजपा ज्वाइन करने के बाद बुक्कल ने ये कहते हुए अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को खारिज किया था कि उनके साथ जो भी हो रहा है वो उस राजनीतिक साजिश का हिस्सा है. जिसका उद्देश्य आम जनता के सामने उनकी छवि धूमिल करना है.

बहरहाल, एमएलसी बनने के बाद बुक्कल का लखनऊ के हनुमान मंदिर में घंटा चढ़ाना. भंडारा लगवाना. अयोध्या में भव्य राम मंदिर की वकालत करना, उसके लिए 10 लाख रुपए चंदा और सोने का मुकुट देने की बात करना. शहर भर के मौलानाओं और मोलवियों को लेकर राष्ट्रीय शिया संघ बनाना गायों को बहन मानते हुए उन्हें रखी बांधना और अब हनुमान जी को मुसलमान बताना खुद ब खुद उनकी नीयत को दर्शा देता है.

बुक्कल के इशारे साफ हैं. बुक्कल नवाब का यही प्रयास है कि वो इन चीजों से भाजपा के उस वर्ग को आकर्षित कर लें जिनका काम हिंदुत्व के एजेंडे से पार्टी को आगे ले जाना है. अब जबकि बुक्कल नवाब ने हनुमान जी को मुसलमान बता ही दिया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि लोगों के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात को लेकर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.  

साथ ही हमारे लिए ये देखना भी मदेजर रहेगा कि हनुमान जी को मुसलमान कहने के बाद इन्हें कहां कहां से और कितने फतवे मिलते हैं. बुक्कल का आने वाला भविष्य क्या है इसका जवाब वक़्त देगा. मगर जो उनका वर्तमान है उससे साफ है कि वो दिन दूर नहीं जब बुक्कल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आंखों के तारे बन जाएंगे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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