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Updated: 09 जून, 2022 10:26 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद अभी पूरी तरह से शांत भी नहीं हुआ है. और, अब राज्य में चड्डी विवाद ने जन्म ले लिया है. कांग्रेस और भाजपा के बीच शुरू हुआ ये चड्डी और निकर का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. RSS और भाजपा के कार्यकर्ता अब तक चड्डी और निकर की कई खेप कांग्रेस के नेताओं और कार्यालय में भेज चुके हैं. दरअसल, आरएसएस और भाजपा का ये कैंपेन कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा आरएसएस की खाकी निकर जलाने के बाद शुरू हुआ था. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप था कि भाजपा शिक्षा का भगवाकरण कर रही है. चड्डी और निकर के इस विवाद ने कुछ साल पहले आजम खान का अंडरवियर का रंग पहचानने वाली एक आपत्तिजनक टिप्पणी की याद दिला दी. खैर, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को फिलहाल किनारे रखते हैं. और, जानते हैं कि हिजाब के बाद चड्डी विवाद, कर्नाटक की राजनीति के 'आजम खान' कौन हैं?

Karnataka Chaddi Controversyकांग्रेस ने भाजपा सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण का आरोप लगाया है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

बीते हफ्ते कांग्रेस की यूथ विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के सदस्यों ने कर्नाटक के स्कूली किताबों के कथित 'भगवाकरण' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (BC Nagesh) के आवास के बाहर आरएसएस की यूनिफॉर्म यानी खाकी निकर (Khaki Shorts) को जलाया गया. इस मामले में 14 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था. क्योंकि, बीसी नागेश ने दावा किया था कि एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उनके घर में घुसकर कपड़ों को आग लगाई थी. इस मामले पर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि भाजपा सरकार ने जबरदस्ती इस मामले को तूल दिया. हम लोगों ने एक निकर जलाया था. लेकिन, अब हम चड्डी जलाओ अभियान की शुरुआत करेंगे.

भाजपा और कांग्रेस में 'चड्डी वॉर'

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया की इस धमकी के बाद कर्नाटक में चड्डी विवाद अपने चरम पर पहुंच गया है. दरअसल, सिद्धारमैया इस मामले में आरएसएस को घसीट लाए थे. उन्होंने कहा था कि आरएसएस में आज तक संघ प्रमुख के पद पर कोई दलित, ओबीसी या फिर अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति नहीं बैठा है. जिसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि 'आरएसएस को कांग्रेस बदनाम करने का अभियान चला रही है. जनता सब जानती है. आरएसएस एक देशभक्त और राष्ट्रवादी संगठन है, जो समाज सेवा के काम में जुटा हुआ है.' वहीं, बीसी नागेश ने कहा कि 'कर्नाटक में कांग्रेस के पास भाजपा सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है. जिसके चलते कांग्रेस कर्नाटक में 'चड्डी' विवाद को जन्म दे रही है.' खैर, सारा विवाद स्कूली किताबों में बदलाव से शुरू हुआ था.

किताबों में क्या हुआ था बदलाव?

भाजपा सरकार की ओर से बनाई गई रिव्यू कमेटी ने कथित रूप से मैसूर के राजा टीपू सुल्तान, क्रांतिकारी भगत सिंह, समाज सुधारक बसवन्ना, द्रविड़ मूवमेंट चलाने वाले पेरियार और समाज सुधारक नारायण गुरू से जुड़े पाठ्यक्रम को स्कूली किताबों से निकाल दिया है. साथ ही इस बाद का भी आरोप लगाया गया है कि कवि कुवेंपू के बारे में तथ्यों से भी छेड़छाड़ की गई है. हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के चैप्टर को स्कूली किताबों में जोड़ दिया गया है.

समीक्षा के लिए तैयार हैं- सीएम बोम्मई

स्कूली किताबों के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव को लेकर सीएम बसवराज बोम्मई का कहना है कि 'अगर किसी आपत्तिजनक विषय को सामने लाया जाएगा, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. हम किताबों को फिर से छपवा देंगे.' बता दें कि भाजपा का कोर वोटबैंक कहा जाने वाला लिंगायत समुदाय भी पाठ्यक्रम में हुए बदलाव को लेकर भड़का हुआ है. लिंगायत समुदाय का कहना है कि बसवन्ना की शिक्षाओं के साथ छेड़छाड़ की गई है.

कौन है कर्नाटक का आजम खान?

वैसे, दुनियाभर के नेताओं को जहां जनकल्याण की योजनाओं पर बात करनी चाहिए. कर्नाटक के नेताओं के बीच चड्डी को लेकर विवाद चरम पर पहुंच गया है. अंडरवियर को लेकर विवाद किसी विज्ञापन में होता, तो समझा भी जा सकता था. लेकिन, यह एक नई तरह की राजनीति ही कही जा सकती है. खैर, कर्नाटक का आजम खान कौन है, ये तय करना आप लोगों की जिम्मेदारी है?

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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