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Updated: 22 अक्टूबर, 2022 07:09 PM
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
कौशलेंद्र प्रताप सिंह
  @Edkpsingh
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जब लोग इतिहास को गाली देते हैं, तब उन्हें वर्तमान रास्ता नही देता और भविष्य उन्हें निराश करता है. यह बात इसलिए लिख रहाहूं कि ईरान, इराक और अफगानिस्तान के साथ भारत बड़ा था, जिसकी आबादी उस जमाने मे तकरीबन 4 करोड़ के पास थी. उस 4 करोड़ में लोग अपनी इच्छानुसार अपने को कहीं दर्ज़ी तो कहींलोहार आदि बनाते थे. कहीं दलित तो कहीं पासवान-सरोज बनकर मुल्क की रक्षा करते थे, वो भी सिर्फ अपने राजा के लिए, इस्लाम से पहले और बाद में भी राजा का कोई नहीं होता था. हिंदू और मुसलमान का कोई भेदभाव नहीं था,क्योंकि सब अपने पूर्वज थे. इस्लाम के उदय के साथ ही नही ईसाईयों के साथ भी रक्तपात हुआ. हिंदू राजाओं ने धर्म से ज्यादा अपनी सुरक्षा के लिए रक्तपात किया. पृथ्वीराज और गोरी उसके बेमिसाल उदाहरण हैं.

Hindu, Muslim, India, Indians, Mughals, History, Dalit, Savarna, Nationalismजिस तरह आज देश ने अपने को हिंदू मुस्लिम कांग्रेस और भाजपा में बांटा वो कई मायनों में दुर्भाग्यपूर्ण है

इतिहास जब शब्दभेदी बाण के लिए चन्द्रबरदाई और पृथ्वीराज को याद करता है, तो अली(गोरी का भतीजा)और उसके साथ रहने वाली हिंदू लड़की को भी याद करना होगा. जिसने अपने अली के लिए, जो पृथ्वीराज की तरफ से लड़ रहा था, उसके मरने के बाद स्वयं भी जान दे दी. चाहे राजा हिंदू हो या मुसलमान सबने सैकड़ों शादी की, पर अली ने नहीं की.

अली से विचार शुरू होता है जिसने जनता में पैठ बनाई, जबकि राजाओं ने इस विचार को मानने से मना कर दिया. उसी का नतीजा रहा कि हम 4 करोड़ से 140 करोड़ पहुंच गए और आज भी हत्या जारी है. दाढ़ी बढ़ा के मुसलमान और तिलक लगा के पाखण्डी हिंदू सब देश को लूट रहे हैं. अपनों को लूट रहे हैं.मरना सबको है. यह बात धर्म नहीं समझता तब इंसान कहां समझेगा?

सत्ता के लिए पुरखों को गाली देना, गांधी को अपशब्द कहना यह कहां का न्याय है? सत्ता में रहने के लिए उस जमाने के राजाओं से बद्दतर आज का वर्तमान है. सत्ता का अपना चरित्र होता है. सरकार चाहे किसी की हो उसका स्वरूप ऐसे ही होता है. सत्ता के लिए लाग लपेट के लोगों से हाथ मिलाना, विचारों को छोड़कर बाजार से समझौता करना.

2 करोड़ मोदी नौकरी दे रहे थे तो 10 लाख पटना में तेजस्वी नौकरी बांट रहे थे. हम हाथ ताली बजाकर सबकी जय बोलते हैं, क्योंकि वे हमारी जाति के हैं.जातियों ने जनतंत्र का बहुत नुकसान किया. जातियों को जन्म देने वाले को सबसे पहले अपराधियों की श्रेणी में रखना चाहिए, उन पर मुकदमा चलना चाहिए.भारतीय बनो और भारतीय बनने की कयावद शरू करो. यही आज का तंत्र है, आज का मंत्र है. 

लेखक

कौशलेंद्र प्रताप सिंह कौशलेंद्र प्रताप सिंह @Edkpsingh

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. इनको राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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