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Updated: 03 अक्टूबर, 2021 03:33 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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किसी के लिए वोट कटवा तो किसी के लिए भाजपा और योगी आदित्यनाथ को मुंह तोड़ जवाब. एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने अभी ढंग से यूपी में कदम भी नहीं जमाएं हैं ऐसे में उनको लेकर बातें खूब हो रही हैं. जल्द ही यूपी में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में जो तेवर उनके हैं, मौके बेमौके दिख ही जाता है कि वो तुष्टिकरण की राजनीति को अंजाम दे रहे हैं. अब जब अपने वोट बैंक को रिझाना है तो जाहिर है अपने आतिशी तेवरों और बोल बच्चन के लिए मशहूर ओवैसी अनाप शनाप बयान भी देंगे और ऐसा ही हुआ है. अपने एक बयान के कारण न केवल ओवैसी सुर्खियों में हैं बल्कि उन्होंने ये तक साबित कर दिया है कि उनकी मानसिकता बहुत छोटी है और उसका विरोध करना वक़्त की जरूरत है. दरअसल ओवैसी के जिस बेतुके बयान की बात यहां हुई है वो उन्होंने उत्तर प्रदेश के बहराइच में दिया है.

ओवैसी को ये बयान क्यों देना पड़ा इसकी वजहें बहुत साफ है. असल में ओवैसी जिस जगह जन सभा को संबोधित कर रहे थे वो एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र हैं और वहीं पर ओवैसी ने एक 6 साल पुराने वीडियो को हथियार बनाया और आईएएस इफ्तखारूद्दीन के कंधे पर बंदूक रखकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा.

UP, Asaduddin Owaisi, AIMIM, Muslim, Speech, Yogi Adityanath, BJP, Yogi Government पानपारा में जो ओवैसी ने कहा है वो एक नेता के रूप में उन्हें बिलकुल भी शोभा नहीं देता

ओवैसी का मानना है कि देश का संविधान हर किसी को अपने धर्म का प्रचार प्रसार करने की इजाजत देता है और योगी सरकार आईएएस को व्यर्थ में परेशान कर रही है. बहराइच के नानपारा में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे ओवैसी इतने पर ही रुक जाते तो भी ठीक था. विवाद तब हुआ जब उन्होंने ये कहा कि नानपारा में एक ही बिस्तर पर दो पार्टियां हैं. पत्नी एक पार्टी से विधायक हैं तो पति दूसरी पार्टी का सदस्य. अब सोचो विकास कैसे होगा.

कोविड की दूसरी लहर में जैसी अनियमितता यूपी में देखने को मिली अपनी जनसभा में ओवैसी उसका भी जिक्र करने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि भाजपा कहती है कि सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर कार्य कर रही है, लेकिन कोरोना काल में लोगों को ऑक्सीजन व चिकित्सीय सुविधाएं नहीं मिल सकी. गरीब जनता बिना इलाज के तड़पती रही.

कोरोना की दूसरी लहर में कम से कम एक लाख लोगों की मौत हुई है. नदियों व तालाबों में लाशें तैर रही थीं. योगी आदित्यनाथ को नाकाम मुख्यमंत्री बताते हुए ओवैसी ने कहा कि यूपी में लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए लकड़ियां तक नहीं मिली. विकास के झूठे दावे भाजपा सरकार कर रही है.

जनसभा में मजमा ओवैसी की उम्मीद से ज्यादा था तो यहां उन्होंने खूब जमकर अपनी उपलब्धियां भी गिनाई. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम पर वोट कटवाने का आरोप लगा रहे हैं. यूपी में 71 प्रतिशत हिंदुओं ने भाजपा को वोट दिया वहीं मुसलमानों के 75 प्रतिशत वोट सपा-बसपा के पाले में गए. समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि सपा में अखिलेश परिवार के ही तीन लोग चुनाव हार गए. इनका वोटर ही मोदी को वोट डाल आया.

अपना ओवर कॉन्फिडेंस दिखाते हुए ओवैसी ने कहा कि जब हम शिवसेना को हरा सकते हैं तो यहां शिवसेना के सगे भाई बीजेपी को नहीं हरा सकते? हैदराबाद में हमने बीजेपी को हराया. किशनगंज बिहार में तीन लाख वोट हासिल किए. बिहार में 19 सीट हम लड़े, पांच पर हमारे विधायक जीते तो पूरे भारत में तूफान मच गया कि कैसे मजलिस के विधायक जीत गए.

ओवैसी आरोप जितने भी लगाएं. अपनी सफाई में कुछ भी कह लें मगर जो एक बिस्तर वाली बात कहकर वो पर्सनल हुए हैं साफ है कि ये बात ओवैसी की घटिया मानसिकता का बखान दुनिया के आगे करती है.

ओवैसी को समझना चाहिए कि उनका एक कद है. वो खुद एक पार्टी के फाउंडर और बैरिस्टर हैं. ऐसे में उनके द्वारा कही बातों का वजन है. जिस तरह वो नानपारा की जनसभा में फूहड़ता पर उतरे हैं ये चीज उनके कद को कहीं से भी सूट नहीं करती.

बात बहुत सीधी और साफ है. उन्होंने जो कहा है उसके लिए उन्हें सार्वजनिक माफ़ी मांगनी चाहिए और बताना चाहिए कि वो एक पढ़े लिखे शख्स हैं. साथ ही उन्हें इस बात को भी याद रखना होगा कि चुनाव चूंकि सिर पर हैं सूबे की जनता द्वारा उनकी हर एक गतिविधि को बारीकी से मॉनिटर किया जा रहा होगा.

चुनाव में जीत हार का फैसला जनता करती है ऐसे में प्रचार में आरोप प्रत्यारोप भी जरूरी हैं बस वो मर्यादा में रहें। नेता चाहे ओवैसी हों या कोई और नैतिकता और मर्यादा को जो भूल बैठा उसे जनता द्वारा नेता कहलाए जाने का कोई हक़ नहीं है.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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