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RK studio सिर्फ इतिहास में रहेगा, नक्शे पर नहीं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 28 अगस्त, 2018 11:49 AM
  • 28 अगस्त, 2018 11:49 AM
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भले ही आर के स्टूडियो बेचे जाने की बात से राज कपूर के फैंस आहत हो जाएं मगर देखा जाए तो कपूर खानदान ने एक सही समय पर एक सही फैसला लिया है.

ये खबर उन लोगों को परेशान जरूर करेगी जो राज कपूर के फैन थे. खबर है कि तकरीबन 70 साल पहले सदाबहार अभिनेता राज कपूर द्वारा बनवाया गया चेंबूर स्थित आर के स्टूडियो बिकने वाला है. मुंबई मिरर के हवाले से आई इस खबर में बताया गया है कि राज कपूर के दिल के करीब रहने वाला आर के स्टूडियो बिकने वाला है. कपूर परिवार इस स्टूडियो को बेचने के लिए बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉर्पोरेट्स से लगातार संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर, बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर समेत रितु नंदा और रीमा जैन सबने मिलकर ये निर्णय लिया है.

कपूर खानदान द्वारा आर के स्टूडियो को बेचने का फैसला राज कपूर के फैंस को आहत करने वाला है

परिवार की ओर से बयान जारी करते हुए ऋषि कपूर ने कहा है कि, एक वक्त हमने इस स्टूडियो को रेनोवेट कराया था लेकिन हर बार ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता कि सारी चीजें आपके हिसाब से ही हों. हम सभी इस बात से बेहद दु:खी हैं. भले ही ऋषि बयान जारी कर अपने दुखी होने की बात कहें. मगर सच ये भी है कि कहीं न कहीं अब कपूर परिवार के लिए इस स्टूडियो को मेंटेन करना और इसका खर्च निकालना काफी मुश्किल हो रहा है.

यदि इसके कारण पर नजर डालें तो मिल रहा है कि जहां एक तरफ अब स्टूडियो की बुकिंग कराने वाले लोगों की संख्या अंगुली पर गिने जाने लायक है. तो इसका एक अन्य कारण टेक्नोलॉजी है. एक ऐसे वक़्त में जब तकनीक की बदौलत साधारण से एक कमरे में ग्राफिक और इफेक्ट्स की बदौलत पूरी फिल्म बनकर तैयार हो जाती है शायद ही कोई ऐसा हो जो शहर के बाहर जाकर सेट लगाए और अपनी फिल्म की शूटिंग करे.

ज्ञात हो कि तकरीबन 2 एकड़ में...

ये खबर उन लोगों को परेशान जरूर करेगी जो राज कपूर के फैन थे. खबर है कि तकरीबन 70 साल पहले सदाबहार अभिनेता राज कपूर द्वारा बनवाया गया चेंबूर स्थित आर के स्टूडियो बिकने वाला है. मुंबई मिरर के हवाले से आई इस खबर में बताया गया है कि राज कपूर के दिल के करीब रहने वाला आर के स्टूडियो बिकने वाला है. कपूर परिवार इस स्टूडियो को बेचने के लिए बिल्डर्स, डेवलपर्स और कॉर्पोरेट्स से लगातार संपर्क में हैं. बताया जा रहा है कि राज कपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर, बेटे रणधीर कपूर, ऋषि कपूर समेत रितु नंदा और रीमा जैन सबने मिलकर ये निर्णय लिया है.

कपूर खानदान द्वारा आर के स्टूडियो को बेचने का फैसला राज कपूर के फैंस को आहत करने वाला है

परिवार की ओर से बयान जारी करते हुए ऋषि कपूर ने कहा है कि, एक वक्त हमने इस स्टूडियो को रेनोवेट कराया था लेकिन हर बार ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता कि सारी चीजें आपके हिसाब से ही हों. हम सभी इस बात से बेहद दु:खी हैं. भले ही ऋषि बयान जारी कर अपने दुखी होने की बात कहें. मगर सच ये भी है कि कहीं न कहीं अब कपूर परिवार के लिए इस स्टूडियो को मेंटेन करना और इसका खर्च निकालना काफी मुश्किल हो रहा है.

यदि इसके कारण पर नजर डालें तो मिल रहा है कि जहां एक तरफ अब स्टूडियो की बुकिंग कराने वाले लोगों की संख्या अंगुली पर गिने जाने लायक है. तो इसका एक अन्य कारण टेक्नोलॉजी है. एक ऐसे वक़्त में जब तकनीक की बदौलत साधारण से एक कमरे में ग्राफिक और इफेक्ट्स की बदौलत पूरी फिल्म बनकर तैयार हो जाती है शायद ही कोई ऐसा हो जो शहर के बाहर जाकर सेट लगाए और अपनी फिल्म की शूटिंग करे.

ज्ञात हो कि तकरीबन 2 एकड़ में फैले इस स्टूडियो को मुंबई की एक बड़ी प्रॉपर्टी के रूप में भी देखा जा सकता है. ऐसे में कहीं न कहीं कपूर खानदान ने इसे बेचने की बात कहकर सही समय पर एक सही फैसला लिया है. गौरतलब है कि आर के स्टूडियो का शुमार एक ऐसी जगह के रूप में होता है जहां पर राज कपूर ने अपनी 90 फीसदी फिल्मों का निर्माण किया और बॉलीवुड को कई हिट फ़िल्में दीं.

बात अगर बॉलीवुड के स्टूडियो कल्चर की हो तो आर के स्टूडियो के अलावा वो चाहे दादा साहेब फाल्के चित्र नगरी हो या फिर महबूब स्टूडियो, कमाल अमरोही स्टूडियो, जीएम स्टूडियो, ओशो फिल्म स्टूडियो, बसरा स्टूडियो, फिल्मिस्तान स्टूडियो सब के सब लगातार गर्त के अंधेरों में जा रहे हैं और एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. आज के जो हालात हैं कहना गलत नहीं है कि मुंबई के अधिकांश स्टूडियो तो सिर्फ इस बात के चलते बंद हो गए हैं कि उनकी देख रेख करने वाला कोई नहीं है.

अब जबकि राज कपूर स्टूडियो बिकने वाला है. तो भले ही ये बात फैंस को नागवार गुजरे और वो इसे राज कपूर की विरासत से जोड़कर देखें और इसे एक गलत फैसला मानें. मगर जब हम इसे कपूर परिवार की नजर से देखेंगे तो मिलेगा कि इस प्रॉपर्टी से जहां एक तरफ उन्हें ठीक ठाक रकम प्राप्त होगी. तो वहीं इस जगह का कोई सार्थक इस्तेमाल ही हो जाएगा. हो सकता है कि आने वाले दिनों में कोई इस प्रॉपर्टी को खरीद ही ले और हम इसकी जगह कोई मॉल या फिर हाउसिंग सोसाइटी देखें.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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