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'सुई धागा' क्‍या सिल पाएगा नौकरी को लेकर उधड़ी स्थिति?

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 13 अगस्त, 2018 06:50 PM
  • 13 अगस्त, 2018 06:50 PM
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वरुण धवन और अनुष्का शर्मा की फिल्‍म 'सुई धागा' गांधी जयंती पर रिलीज होगी. इस फिल्‍म का ट्रेलर देखकर पता चल जाएगा कि किस तरह ये फिल्‍म मोदी सरकार के नौकरी से जुड़े एजेंडे में मदद कर रही है.

गांधी जयंती के मौके पर एक फिल्म रिलीज हो रही है, नाम है 'सुई धागा'. वरुण धवन और अनुष्का शर्मा प्रमुख भूमिका में होंगे. जैसा कि नाम से ही आप समझ गए होंगे कि इसमें देसी फ्लेवर होगा. लेकिन शायद आप ये नहीं समझे होंगे कि ये फिल्म राजनीति से कितनी प्रभावित है और राजनीति को प्रभावित करने की इसमें कितनी क्षमता है. इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और फिल्म 28 सितंबर को रिलीज होगी. प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ये फिल्म 2019 चुनाव में भाजपा की जमीन तैयार करने में मददगार साबित होगी. आइए अब आपको बताते हैं इस फिल्म का पॉलिटिकल कनेक्शन, लेकिन पहले एक बार फिल्म का ट्रेलर तो देख लीजिए.

मेक इन इंडिया पर पूरा फोकस

फिल्म का फोकस भाजपा की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया पर है. फिल्म का किरदार मौजी आखिरकार खुद कपड़े सिलता है और उस पर मेड इन इंडिया लिखता है. वह नौकरी भी इसी वजह से छोड़ता है क्योंकि भारत में बने कपड़ों पर मेड इन चाइना लिखा हुआ देखता है. ये फिल्म लोगों कि कितनी पसंद आएगी ये तो 28 सितंबर के बाद पता चलेगा, लेकिन ट्रेलर देखने भर से ये साफ हो जाता है कि ये फिल्म मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को जोर-शोर से प्रचारित करेगी.

अब अगर आपको लग रहा है कि यह फिल्म सिर्फ भाजपा की ओर झुकी हुई सी लगी रही है तो आप गलत सोच रहे हैं. राहुल गांधी ने कई बार अलग-अलग जगहों पर ये कहा है कि वहां की बनी चीजों पर वहीं का नाम क्यों नहीं होता. यानी उनका कहने का मतलब है मेड इन इंडिया की जगह मेड इन मंदसौर या मेड इन लखनऊ क्यों नहीं लिखा जा सकता. भले इस इस फिल्म में मेड इन इंडिया लिखने से राहुल गांधी को संतुष्टि ना हो, लेकिन खुशी तो जरूर होगी.

फिल्म में स्टार्टअप, महिला, रोजगार, मेक इन इंडिया सब तो दिखा ही दिया.

फिल्म...

गांधी जयंती के मौके पर एक फिल्म रिलीज हो रही है, नाम है 'सुई धागा'. वरुण धवन और अनुष्का शर्मा प्रमुख भूमिका में होंगे. जैसा कि नाम से ही आप समझ गए होंगे कि इसमें देसी फ्लेवर होगा. लेकिन शायद आप ये नहीं समझे होंगे कि ये फिल्म राजनीति से कितनी प्रभावित है और राजनीति को प्रभावित करने की इसमें कितनी क्षमता है. इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है और फिल्म 28 सितंबर को रिलीज होगी. प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ये फिल्म 2019 चुनाव में भाजपा की जमीन तैयार करने में मददगार साबित होगी. आइए अब आपको बताते हैं इस फिल्म का पॉलिटिकल कनेक्शन, लेकिन पहले एक बार फिल्म का ट्रेलर तो देख लीजिए.

मेक इन इंडिया पर पूरा फोकस

फिल्म का फोकस भाजपा की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया पर है. फिल्म का किरदार मौजी आखिरकार खुद कपड़े सिलता है और उस पर मेड इन इंडिया लिखता है. वह नौकरी भी इसी वजह से छोड़ता है क्योंकि भारत में बने कपड़ों पर मेड इन चाइना लिखा हुआ देखता है. ये फिल्म लोगों कि कितनी पसंद आएगी ये तो 28 सितंबर के बाद पता चलेगा, लेकिन ट्रेलर देखने भर से ये साफ हो जाता है कि ये फिल्म मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान को जोर-शोर से प्रचारित करेगी.

अब अगर आपको लग रहा है कि यह फिल्म सिर्फ भाजपा की ओर झुकी हुई सी लगी रही है तो आप गलत सोच रहे हैं. राहुल गांधी ने कई बार अलग-अलग जगहों पर ये कहा है कि वहां की बनी चीजों पर वहीं का नाम क्यों नहीं होता. यानी उनका कहने का मतलब है मेड इन इंडिया की जगह मेड इन मंदसौर या मेड इन लखनऊ क्यों नहीं लिखा जा सकता. भले इस इस फिल्म में मेड इन इंडिया लिखने से राहुल गांधी को संतुष्टि ना हो, लेकिन खुशी तो जरूर होगी.

फिल्म में स्टार्टअप, महिला, रोजगार, मेक इन इंडिया सब तो दिखा ही दिया.

फिल्म में मोदी सरकार के कई मुद्दे

इस फिल्म को देखने के बाद ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि इसमें मौजी ने एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसमें उनकी पत्नी ने उसका पूरा साथ दिया. यानी मेक इन इंडिया, स्टार्टअप, महिला और रोजगार, सब कुछ तो फिल्म में देखने को मिल ही रहा है. ट्रेलर से ये नहीं समझ आया कि अपना काम शुरू करने के लिए उन्होंने कोई लोन भी लिया या नहीं, लेकिन अधिकतर मामलों में बिना लोन के काम शुरू नहीं होता है. तो अगर फिल्म आने के बाद इसमे लोन या यूं कहें कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना वाले मुद्रा लोन का जिक्र हो, तो हैरान मत होइएगा.

हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी मुद्रा लोन की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 13.37 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन बांटे हैं. इसके तहत कुल 6.32 लाख करोड़ रुपए का लोन बांटा गया है. हालांकि, मोदी सरकार के मुद्रा लोन से कितने लोगों को रोजगार मिला और कितने लोगों ने उस लोन का भी डिफॉल्ट कर दिया, अभी ये आंकड़े मौजूद नहीं हैं.

भाजपा और कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है, लेकिन पिछले सालों की तरह ही इस बार भी भाजपा अपनी विरोधी पार्टी कांग्रेस से काफी आगे दिखाई दे रही है. जहां एक ओर कांग्रेस अभी सिर्फ रैलियों पर फोकस कर रही है, वो भी ठीक से नहीं, वहीं दूसरी ओर भाजपा एग्रेसिव मार्केटिंग करती हुई सी नजर आ रही है. इसी बीच सुई धागा जैसी फिल्म 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जमीन तैयार करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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