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Updated: 29 नवम्बर, 2018 02:56 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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मुहल्ले की हार्डकोर बेकारी हो या फिर बैंक का क्लर्क/पीओ. डॉक्टर इंजीनियर से लेकर स्कूल कॉलेजों में पढ़ने वालों तक सबकी इच्छा यही होती है कि उसकी एक केयरिंग गर्ल फ्रेंड हो. आदमी गर्ल फ्रेंड के लिए क्या- क्या पापड़ नहीं बेलता. टीवी और इंटरनेट को ही ले लीजिये दिन भर ऐसे छत्तीसों ऐड आते हैं जिनमें बताया जाता है कि ये करो तो अच्छी लड़की मिलेगी. वो करो तो अच्छी लड़की मिलेगी. शेविंग क्रीम से लेकर डियो और अंडर वियर से लेकर घड़ियों तक ऐसी तमाम चीजें हैं जिनको लेकर कंपनियों का दावा है कि यदि व्यक्ति उनके ब्रांड को इस्तेमाल करे तो वो अपने पीछे लड़कियों की लाइन लगा सकता है. खैर कंपनियों के इन दावों को दरकिनार करके गंजे ट्रेंड में हैं.

गंजा, पुरुष, शोध, महिलाएं    शोध बता रहा है कि महिलाओं को वो मर्द खूब भाते हैं जो गंजे होते हैं

अभी हाल में ही एक शोध हुआ है. शोध में,1000 महिलाओं को पुरुषों की तीन श्रेणियां दिखाई गईं. पहली कैटेगरी में ऐसे पुरुषों को शामिल किया गया जिनके घने बाल थे, दूसरी कैटेगरी में ऐसे मर्द थे जिनमें हल्का गंजापन था और तीसरी श्रेणी में बिल्कुल बाल्ड पुरुष यानी गंजे  शामिल थे. रिसर्च के दौरान ज्यादातर महिलाओं को तीसरी कैटेगरी वाले बाल्ड (गंजे) मर्द पसंद आए.

स्टडी के अनुसार लड़कियों का मत था कि उन्हें आम पुरुषों की तुलना में पूरी तरह से गंजे मर्द ज्यादा ताकतवर, पौरुष, मजबूत और लंबे लगते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे मर्द भीड़ में मौजूद होने के बाद भी दूसरों की तुलना में बेहद आकर्षित दिखाई देते हैं.

वहीं रिसर्च में इस बात को भी प्रमुखता से बल दिया गया है पुरुषों में गंजेपन का कारण केवल जींस नहीं नहीं बल्कि स्ट्रेस, न्यूट्रीशन की कमी, चोट, स्काल्प की त्वचा में परेशानी वो कारण हो सकते हैं जिससे व्यक्ति गंजा हो सकता है. रिसर्च में ये बात भी निकल कर सामने आई है कि यदि व्यक्ति गंजा है तो वो अपनी दाढ़ी को बढ़ाने की पूरी कोशिश करे. इसके पीछे तर्क ये है कि महिलाओं को वो मर्द बहुत भाते हैं जो गंजे होते हैं और उन्होंने दाढ़ी रखी होती है.

इस रिसर्च के बाद न जाने कितने दिल टूटे होंगे. न जाने कितने लोग ऐसे होंगे जिन्होंने मारे गम के खाना पीना उठना बैठना बिल्कुल छोड़ दिया होगा. बात साफ है. मेरे अलावा भी इस देश में ऐसे तमाम लोग हैं जिन्होंने अपने पीछे लड़कियों की लाइन लगाने या फिर गर्ल फ्रेंड बनाने के लिए तरह तरह के जतन किये हैं.

किसी और की बात करने से क्या फायदा. अगर मैं अपनी ही बात करूं तो खुद मैंने ही डियो की न जाने कितनी बोतलें खाली कर दीं. न जाने कितने ऐसे अंडर-वियर और बनियान थे, जिन्हें मैंने माचो बनने के लिए पहना. मगर नतीजा सिफर निकला. कुछ नहीं हो पाया. न ही मुझे गर्ल फ्रेंड मिली न ही मेरे पीछे हसीनाओं की लम्बी लाइन लग पाई.

बहरहाल अब जबकि ये रिसर्च आ गई है तो कहीं न कहीं इससे मेरी आंखें खुल गई हैं. अपने मकसद को पूरा करने के लिए तमाम तरह के प्रयासों के बावजूद मिली हार से मैं हतोत्साहित हो चुका था. मुझे महसूस हो रहा था कि शायद ईश्वर ने अच्छे दिन का कॉलम मेरे भाग्य में बनाया ही नहीं.

अब मेरे लिए घबराने की कोई बता नहीं है. बहुत कर चुका मैं बुरे दिन का सामना. आज ही मैं ऑफिस के बाद नाई के पास सैलून जा रहा हूं. मुझे तत्काल प्रभाव में गंजा होना है. गंजा इसलिए क्योंकि अब तो रिसर्च ने भी कह दिया है कि आजकल की लड़कियां उसी पर मरती हैं जो गंजा है और जिसने दाढ़ी बढ़ाई है. आज मुझे विश्वास हो गया मुझे जैसे व्यक्ति के लिए गंजा होना ही मोक्ष और निर्वाण का मार्ग है. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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