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Updated: 10 जून, 2022 07:15 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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जरूरी नहीं कि हर बार पोस्टर फटे और हीरो ही निकले. कई बार होता ये है कि कॉन्फिडेंस ओवर कॉन्फिडेंस में कन्वर्ट होता है और भरी पूरी इज्जत का फालूदा निकल जाता है. ऐसी स्थिति में बेइज्जती का लेवल क्या होता होगा? कहने, सुनने, बोलने, बताने को यूं तो तमाम उदाहरण हैं लेकिन सबसे लेटेस्ट में खिलाड़ी कुमार और उनका प्रोजेक्ट 'सम्राट पृथ्वीराज' हमारे सामने है. मतलब खुद सोचिये फिल्म के प्रमोशन के लिए क्या कुछ नहीं किया अक्षय कुमार ने, पृथ्वीराज को सफलता के शिखर पर ले जाने के लिए अक्षय ने इतिहास की किताबों का हवाला दिया. मुगलों पर बहस छेड़ी. अंत्री, मंत्री संतरियों से मुलाकात की. फिल्म को टैक्स फ्री करवाया लेकिन बात फिर वही है मुद्दई लाख चाहे क्या होता है? वही होता है जो मंज़ूरे ख़ुदा होता है. फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर वही हाल हुआ है जो समुद्रीय तूफान में किसी उम्रदराज नारियल के पेड़ का होता है. फिल्म को रिलीज हुए सिर्फ पांच दिन हुए हैं और दर्शकों के लिए तमाम सुख- सुविधा और तमाम तरह की छूट के बावजूद पांच दिनों का जैसा कलेक्शन है अक्षय को एक्टिंग छोड़ कर हिमाचल या उत्तरखंड में ढाबा खोल लेना चाहिए.

Samrat Prithviraj, Box Offcie, Film, Bollywood, Akshay Kumar, History, Prithviraj Chouhan, Satireतमाम तरह के जतन के बावजूद दर्शकों को रिझाने में नाकाम रही अक्षय की फिल्म सम्राट पृथ्वीराज

मतलब जिस फिल्म को बनाने में 300 करोड़ रूपये खर्च हुए हों. जिसके लिए फिल्म के डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवदी ने अपनी ज़िन्दगी के 18 साल खर्च किये हों. ऐसी फिल्म जिसे यश राज कैम्प का साथ मिला हो. उसके साथ जिस तरह का सस्ता ट्रीटमेंट अक्षय कुमार ने बतौर लीड एक्टर किया, उसके लिए किसी और से पहले फिल्म के निर्माता निर्देशक को सामने आना चाहिए और अक्षय से पेनल्टी लेनी चाहिए.

इन लोगों को अक्षय की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए साफ़ लहजे में कहना चाहिए कि, भैये तेरे चक्कर में हम लोग का पैसा तो गया ही गया टाइम वेस्ट हुआ सो अलग. इस बात में कोई शक नहीं है कि पृथ्वीराज चौहान की शौर्य गाथा वक़्त की जरूरत थी. लेकिन जब पंडित जी (चंद्रप्रकाश द्विवेदी) ने फिल्म बनाने का सोचा तो सवाल ये है कि क्या सोचकर उन्होंने फिल्म में अक्षय कुमार को कास्ट किया.

हिंदुस्तान के 'भौकाली' राजाओं में शुमार पृथ्वीराज चौहान का अपना एक अलग रुबाब था, ऑरा था. और अक्षय कुमार. वाक़ई कोई मेल नहीं था... अक्षय की आप पिछली कोई भी 5 फ़िल्में उठा के देख लीजिये. कई सीन ऐसे होंगे जिनको देखते हुए आपको लगेगा कि अक्षय हर जगह एक जैसे ही नजर आ रहे हैं. अच्छा हां बात चूंकि बतौर फिल्म सम्राट पृथ्वीराज की हुई है तो इस फिल्म में भी ऐसे कई मूमेंट आए हैं जब हमें अक्षय में हाउस फुल 4 वाले बाला की झलक दिखी है.

फिल्म को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई नेताओं ने देखा और इसकी शान में कसीदे पढ़े. चाहे यूपी और उत्तराखंड हो या मध्य प्रदेश फिल्म टैक्स फ्री भी हुई बाजवूद इसके फिल्म का शुरूआती 5 दिन में 50 करोड़ न कमा पाना इस बात की तस्दीख कर देता है कि कहीं तो गड़बड़ है. वरना यूं ही कोई बेवफा नहीं होता. 

फिल्म न चली न सही. लेकिन एक आईडिया है जिसे अगर फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर ने अमली जामा पहना दिया तो फिल्म चल जाएगी. वो सरकारें जिन्होंने फिल्म को टैक्स फ्री कराया है. अब वो इसे बिलकुल फ्री कर दें और अगर दर्शकों को ई रिक्शे, कैब, ओला बाइक का किराया भी सरकारी खजाने से मिले तो आए हाय क्या बात है. फिल्म सफलता के वो मानक स्थापित करेगी जिसे किसी भी तरह के शब्दों में पिरोना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

 

बात फिल्म के पीटने की चली है. तो जब इतना कुछ कह दिया है तो सदी की इस महान फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर भी चर्चा कर ही ली जाए. अपनी रिलीज के पहले दिन अक्षय कुमार स्टारर सम्राट पृथ्वीराज ने 10.70 करोड़ का कलेक्शन किया. फिल्म ने दूसरे दिन 12.75 करोड़ रुपये कमाए. तीसरा दिन भी फिल्म के लिए अच्छा रहा और फिल्म ने 16 करोड़ की शानदार कमाई की. लेकिन चूंकि हर दिन एक जैसा नहीं होता. चौथा और अब पांचवा दिन फिल्म की कमाई के लिहाज से चिंताजनक है.

जैसे हालात हैं पर्दे से सम्राट पृथ्वीराज को हटा कर थियेटर्स का दूसरी फिल्मों जैसे विक्रम और मेजर को मौका देना इस बात की पुष्टि कर देता है कि राष्ट्रवाद और इतिहास अपनी जगह है जिंदगी में पैसा जरूरी है और पैसा वो फ़िल्में लेकर आती हैं जिनमें प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, एक्टर और स्क्रिप्ट राइटर ने दिल खोलकर मेहनत की होती है. बात बाकी ये है कि फर्जी फैंटेसी वो भी अक्षय कुमार वाली किसी काम की नहीं है. ये आदमी पृथ्वीराज नहीं बाला है. फिल्म पिट जाने के बाद निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी और प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा के लिए शैतान का साला.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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