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Updated: 13 जनवरी, 2018 05:08 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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कर्नाटक में आरोप, प्रत्यारोप का दौर जारी है और चुनावों के काफी समय पहले मचा ये घमासान ये बता रहा है कि आने वाले वक़्त में कर्नाटक का चुनाव कई मायनों में दिलचस्प होगा. कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर भविष्य की बातें भविष्य में की जाएंगी मगर जो वर्तमान है वो रोचक है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के प्रचार के लिए बैंगलोर क्या आए न सिर्फ आई टी नगरी और दक्षिण में बल्कि पूरे भारत में सियासी घमासान मच गया और सियासी दल कांग्रेस को एक वीडियो तक जारी करना पड़ा. वीडियो में बीजेपी की तरफ से स्टार प्रचारक बनने की रेसिपी दर्शाई गयी है.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ     खट्टी और मीठी दोनों होगी आपकी चटनी

"आप" की खट्टी-मीठी चटनी

किसी भी खाने में चटनी स्वाद बढ़ाने और खाने को वेराइटी देने का काम करती है. तो चलिए आज शुरुआत चटनी से करते हैं. हम जिस चटनी को बानएंगे उसका नाम "आप" की चटनी है. और हां, इसे मुग़ल भारत लेकर बिल्कुल भी नहीं आए थे. इस चटनी को बनाना बेहद आसन है. इसके लिए हमें ताजे धुले आरोप लेने होंगे और उन्हें आंदोलनों की आंच पर पानी छूटने तक पकाना होगा.

जब ये मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए तो हम इसमें मक्कारी की शक्कर के अलावा बयानों वाली मिर्च और ट्वीट का मसाला डालेंगे. ट्वीट के मसाले से, चटनी जहां एक तरफ मीठी होगी तो वहीं ये हल्की खटास लिए होगी. इस पूरे मिश्रण को सही समय आने तक धीमी आंच पर पकाइए और फिर ठंडा होने के लिए रख दीजिये. चटनी जितनी ठंडी होगी स्वाद उतना ही मजेदार होगा जो राजनीति के पकवान को जायकेदार बनाएगा.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ    राजनीति में इस पराठे को बनाना भी है बेहद आसान

भ्रष्टाचारी कांग्रेसी भरवां पराठा

भ्रष्टाचारी कांग्रेसी भरवां पराठा अपने आप में एक बेमिसाल डिश है. जो त्योहारों के अलावा सिर्फ चुनाव पर मिलती है. पाठकों को ये रेसिपी इसलिए भी जाननी चाहिए क्योंकि इसे सीधे पुराने, बहुत पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की रसोई से निकाल के लाया गया है और आपके सामने पेश किया गया है. भ्रष्टाचारी भरवां पराठा ज्यादा मुश्किल नहीं है और थोड़े से प्रयास के बाद इसे आसानी से बनाया जा सकता है.

भ्रष्टाचारी भरवां पराठा बनाने से पहले हम उसकी स्टफिंग पर बात करेंगे. भ्रष्टाचारी भरवां पराठा की स्टफिंग के लिए हमें एक किलो ताज़ी घूस चाहिए जो फाइलों और कागजों के पानी से धुली हो. ध्यान रहे जब आप पराठा बना रहे हों तो आपको फाइलों और कागजों के इस पानी को फेंकना नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसी से आपको पराठे के लिए आंटा गूंथना है. हां तो घूस धुलने के बाद आपको उसे रूम टेम्परेचर पर सूखने के लिए रखना होगा.

जब ये सूख जाए तो बारीक काटने के बाद इसमें आपको बयानों का गरम मसाला, आरोपों कि मिर्च और मक्कारी कि प्याज डालनी होगी साथ ही इसमें फाइलों और कागजों का वो पानी मिलाना होगा जिससे हमनें घूस धुली थी. यदि आप इस मसाले को किसी गर्म मुद्दे की आंच पर भून लें तो स्वाद और खुलकर सामने आएगा. आपकी स्टफिंग तैयार हैं आप अपनी बेगैरती का आंटा गूंथ लें और इसमें स्टफिंग मिला दें. जब भी आपको पराठा खाना हो इसे सही मौके का चूल्हा ऑन करके धीमी आंच पर गोल्डन ब्राउन होने तक तलें. हमारा सुझाव है कि इसे तभी सर्व करें जब चुनाव नजदीक हो.'

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ मिक्स बीजेपी विद कम्युनल सॉस बनाने के लिए मसाले हों बेहद तेज

मिक्स बीजेपी विद कम्युनल सॉस

हालांकि हमारी ये डिश पूर्णतः इंडियन है मगर मेड इन इंडिया के तहत हमनें इसमें कम्युनल सॉस डालकर फ्लेवर देने का काम किया है. तो आइये जानें कि आखिर कैसे तैयार होगी मिक्स बीजेपी विद कम्युनल सॉस. मिक्स बीजेपी विद कम्युनल सॉस बनाने के लिए हमें चाहिए विकास 1 किलो, लव जिहाद 750 ग्राम, गौ रक्षा की बातें 750 ग्राम, और ऑनर किलिंग आधा किलो. सॉस के लिए हम सिर्फ, जीएसटी नोटबंदी, महंगाई, बेरोजगारी को लेंगे. भले ही ये डिश नाम से थोड़ी मुश्किल लगे मगर इसे बनाना बहुत आसान है. बात अगर इसके हेल्थ बेनिफिट पर हो तो आपको बताते चलें कि ये उनके लिए बहुत फायदेमंद है जो वेटलॉस के लिए सूर्य नमस्कार और तेज तेज बयान देने के लिए कपालभाती और अनुलोम विलोम करते हैं.

इस डिश के लिए हमें अपनी सारी सामग्रियों जैसे विकास, लव जिहाद, गौ रक्षा की बातों और ऑनर किलिंग को नफरत की आंच में तब तक उबलना होगा जब तक ये पूरी तरह सफ़ेद न हो जाएं. जब ये सभी हर तरफ से सफ़ेद हो जाएं तब इन्हें छीलने के लिए उतार लेंगे और बयानों की धार से तेज किसी विवादासाद चाकू से छील कर इन्हें जज्बातों की ठंडी फ्रिज में ठंडा होने के लिए डाल देंगे. जब तक ये ठंडा होगा तब तक हम सॉस तैयार कर लेते हैं.

सॉस बनाने से पहले आपको बता दें कि सॉस जहां एक तरफ तीखा और खट्टा होगा तो वहीं दूसरी तरफ इसे मीठा भी रखा जाएगा. सॉस बनाने के लिए जरूरी है कि नमक, शक्कर और मिर्च का संतुलन बराबर रहे. सॉस के लिए हम वो सभी जरूरी मसाले जैसे ट्विटर के ट्वीट, बयानों के रूप में मिर्च, विवादों वाली खटास और तु‍ष्टीकरण की शक्कर लेंगे. यहां हमारे द्वारा तु‍ष्टीकरण की शक्कर सिर्फ इसलिए ली जा रही है ताकि हमारी इस खास डिश को पूरा फ्लेवर मिले.

ज्ञात हो कि इस सॉस के लिए हमें वही नफरत की आंच पर चढ़ाया पानी लेना है जिसपर हमनें उपरोक्त चीजें उबाली थीं. पानी में ट्विटर के ट्वीट, बयानों की मिर्च, विवादों की खटास और तु‍ष्टीकरण की शक्कर डालने के बाद हमें इसे गर्म करना होगा और जब ये गर्म हो जाए तो इसमें फ्रिज में काटकर रखी चीजें मिला देनी होंगी और देखना होगा कि उन सभी चीजों में ये सॉस ठीक से लगा है या नहीं. ध्यान रहे कि इस डिश की सबसे बड़ी खासियत ये है कि अगर इसे चुनावों के दौरान बनाया जाए तो इसका मजा दोगुना हो जाता है. फ्लेवर के अलावा अच्छा लुक देने के लिए दंगे, फसाद और हिंसा की गार्निशिंग भी की जा सकती है.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ  उम्मीद की साइकिल के बाद पेश है मसालेदार समाजवादी साग

समाजवादी मसालेदार साग

मूलतः उत्तर प्रदेश की इस डिश का अविष्कार उत्तर प्रदेश में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के कर कमलों द्वारा हुआ था. बताया जाता है कि एक बार लगातार कई दिनों से समाजवाद का बिगुल बजाने वाले लोहिया भूख के कारणवश दौड़ते हुए अपने किचन में आए और जल्दबाजी में ये साग बनाया. लोहिया जब ये साग बना रहे थे तो जनेश्वर मिश्रा भी साथ थे और जब नमक चेक करने के बहाने उन्होंने इसे रोटी में रखकर मुंह में डाला तो इसका स्वाद उन्हें इतना भाया कि उन्होंने लोहिया से मांग कर डाली कि इसे पार्टी की मुख्य क्युजीन बना दिया जाए और इसका पेटेंट ले लिया जाए.

बहरहाल किन्हीं कारणों से इसका पेटेंट नहीं हो पाया मगर इस साग के खास मसाले हमें पता हैं जिसे हम आपसे अवश्य साझा करेंगे. इस साग में ज्यादा तीन झाम नहीं है और ये कभी भी बनाया जा सकता है अतः इसके लिए हमें 1 किलो मुस्लिम तुष्टिकरण के ताजे हरे साग, आधा किलो बड़ी बड़ी बातें, 250 ग्राम जिद और 100 ग्राम अहंकार की आवश्यकता होगी. उपरोक्त सभी सामानों को साफ कर इसे तेल में तलें और नमक -मिर्च, हल्दी, धनिया डाल कर साफ चम्मच से चलाते रहें. जब ये ठीक से पक जाए तो इसपर बयानों का चाट मसाला छिड़ककर थोड़ा नफरत का नींबू निचोड़ दीजिये. साग तैयार है. आप इसे कुरकुरी लच्छेदार बातों के साथ कभी भी, किसी भी वक़्त खा सकते हैं.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ  बड़े टेस्टी हैं ये काशीराम क्रिस्पी कुलचे

काशीराम क्रिस्पी कुलचे

काशीराम क्रिस्पी कुलचे बेहद लजीज होते हैं, जो खाने की मेज पर चार चांद लगा देते हैं. आप चाहें तो इसे वेज, नॉन-वेज या फिर सादा ही खा सकते हैं. इस को खाते वक़्त ध्यान रहे कि कुलचा जितना गर्म सर्व किया और खाया जाएगा उसका स्वाद उतना ही अच्छा निकल के सामने आएगा. इस खास काशीराम क्रिस्पी कुलचे के लिए हमें चाहिए "पत्थरों का कोयला" वादों का होल ग्रेन का आंटा, स्टफिंग के लिए अपीजमेंट के आलू और वादाखिलाफी का नमक और बयानों का गरम मसाला. इस कुलचे को बनाना बहुत आसान है.

इसके लिए हम पहले स्टफिंग तैयार करेंगे जिसके लिए हम अपीजमेंट के आलू में नमक और जरूरी मसाले मिला कर उसे मैश कर लेंगे फिर जो हमने वादों का होल ग्रेन आंटा रखा है उसमें मगरमच्छी आंसू मिलाकर उसे गूथेंगे जब इस आंटे का पेस्ट आरक्षण की तरह हाथ से चिपकना छोड़ दे तब इसके पेढ़े बनाकर स्टफिंग के लिए मसाला भरा जाएगा और उसे अम्बेडकर पार्क में लगे किसी पत्थर पर रखकर बेल लिया जाएगा. आपका काशीराम क्रिस्पी कुलचा तैयार है. जब भी खाने का मन हो इसे भट्टी में डालिए उसमें "पत्थर का कोयला" भरिये पकाइए और निकाल के मक्कारी के मक्खन के साथ सर्व करिए.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ  टीएमसी की फ्राइड फिश देगी आपको भरपूर एनर्जी

टीएमसी फ्राइड फिश

इस भागा दौड़ी भरी जीवन शैली में हमारे पास अपने लिए वक़्त ही नहीं है. ये डिश उनके लिए है जो ऐसा खाना खाने की चाह रखते हैं जो एक तरफ लाइट हो मगर दूसरी ओर उसमें सारे जरूरी पोषक तत्व हों. टीएमसी फ्राइड फिश बनाना बहुत आसान है और हमारा दावा है कि एक बार बनाने के बाद जब आप इसे किसी को खिलाएंगे तो वो अंगुलियां भी खा जाएगा.

इस डिश के लिए हमें चाहिए नफरत के तालाब में बयानों का जाल डाल कर पकड़ी गयी ताज़ी मछलियां और मेरिनेशन के लिए चटपटे बयानों का गरम मसाला, वादा खिलाफी का नमक, ट्विटर की कढ़ाई से निकला तेल और उम्मीदों की दही. मेरिनेशन के लिए पहले हम उम्मीदों की दही में जरूरी मिर्च मसाला और नमक डाल कर उसमें फिश मिला लेंगे और इसे भरोसे के फ्रिज में रख देंगे.

बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बता दें कि मेरिनेट हुई इस फिश को फ्रिज में 5 से 7 घंटे के लिए रखा जाएगा ताकि मछली के पीस के अन्दर नमक कायदे से भिन जाए. फिश के मेरिनेट होने के बाद हम ट्विटर की कढ़ाई से निकला तेल गर्म करेंगे और धीमी आंच पर फिश को फ्राई करेंगे. टीएमसी फ्राइड फिश बनाते वक़्त इस बात का ख्याल रहे कि इसे आम तब ही निकालें जब फिश पूरी तरह गोल्डन ब्राउन हो जाए. आपकी फिश तैयार है इस पर आप चाट मसाला, नींबू और बारीक कटा प्याज डालकर गार्निश कर लें और सर्व करें.

कर्नाटक चुनाव, कांग्रेस, भाजपा, कर्नाटक, योगी आदित्यनाथ     ज्यादा जो खा ली तो सेहत खराब कर देगी सीपीआई की सिवईं

सीपीआई की सिवईं

हम बात खाने पर कर रहे थे. जब बात खाने पर हो, और उस वक़्त हम मीठे का जिक्र न करें तो फिर कहीं न कहीं पकवान की ये बातें अधूरी रह जाती हैं. आज हम आपको जिस मीठे के बारे में बताएंगे उसका अपना इतिहास है और इसने चीन, रूस, क्यूबा, अर्जेंटीना तक की यात्राएं की हैं और ये वहां से होता हुआ भारत आया है. हमारी इस स्वीट डिश का नाम सीपीआई की सिवईं है. इस सिवईं को बनाते वक़्त इस बात का खास ख्याल रखिये कि "टेस्ट में अच्छे" होने के कारण आप इसे ज्यादा न खा लें. इस सिवईं का ज्यादा मात्रा में सेवन आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है.

सीपीआई की सिवईं के लिए हमें चाहिए लच्छेदार बातों की सिवईं, सूखी आंख से निकला पानी, मक्कारी की मिलावट का दूध, ट्वीटर के ट्वीट, फेसबुक और व्हाट्सऐप के स्क्रीन शॉट वाले ड्राई फ्रूट, लुभावने वादों की शक्कर और नफरत की आंच.

इस सिवईं के लिए हम सबसे पहले नफरत की आंच पर लच्छेदार बातों की सिवईं भूनेंगे और जब ये सिवईं सुनहरी से भूरी हो जाए इसे उतार लेंगे और एक अलग बर्तन में सभी मिश्रण जैसे सूखी आंख से निकला पानी, मक्कारी की मिलावट का दूध, ट्वीटर के ट्वीट, फेसबुक और व्हाट्सऐप के स्क्रीन शॉट वाले ड्राई फ्रूट, लुभावने वादों की शक्कर डाल के अच्छे से चला लेंगे. अब इसमें लच्छेदार बातों की भुनी हुई सिवईं मिला देंगे और वापस थोड़ी देर के लिए इसे नफरत की आंच पर पकाएंगे. करीब आधा घंटा पकाने के बाद इसे ठंडा होने के लिए रखेंगे. जब ये सिवईं ठंडी हो जाए तो इसपर भरोसे का नारियल और कड़वी बातों के पिस्ते डाल कर इसे खाने के लिए सर्व किया जा सकता है.    

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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