New

होम -> सिनेमा

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 30 जनवरी, 2023 08:01 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

पठान रिलीज हुए अभी बस 5 दिन हुए हैं. लेकिन जिस तरह फिल्म ने 5 करोड़ का आंकड़ा पार किया है, माना यही जा रहा है कि बॉलीवुड जो लंबे समय से सूखे की चपेट में था वहां पठान रुपी इस बारिश के जरिये हरियाली वापस लौटेगी. सवाल ये है कि अगर एक औसत से प्लॉट वाली विवादों से भरपूर फिल्म पठान हिट हुई है तो इसकी वजह क्या सिर्फ फिल्म में शाहरुख़ खान का होना है? जी हां मेन स्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक पठान समर्थकों ने जैसा माहौल तैयार किया है फिल्म का सारा क्रेडिट शाहरुख़ खान को ही दिया जा रहा है. कहा यही जा रहा है कि सरे विवाद अपनी जगह लेकिन यदि इस फिल्म में बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख़ न होते तो वो काले बादल जो बॉलीवुड पर मंडरा रहे थे वो शायद ही छंट पाते. इन बातों के बाद सवाल ये है कि क्या ऐसा ही है? जवाब है नहीं. जिस लिहाज से फिल्म बनी है. कहा जा सकता है कि, पठान में शाहरुख़ खान हव्वा हैं. अगर सच में फिल्म के लिए किसी की तारीफ होनी चाहिए तो वो जॉन अब्राहम हैं. एक एक्टर के रूप में जॉन ने जिस तरह अपना ट्रांसफॉर्मेशन किया वो वाक़ई गजब है.

Pathaan, John Abraham, Shah Rukh Khan, Deepika Padukone, Acting, Actor, Villain, Box Officeपठान में जॉन ने अपनीअब तक की सबसे अच्छी एक्टिंग की है जिसके लिए उनकी तारीफ तो बनती ही है

हो सकता है कि ऊपर लिखी बातें शाहरुख़ के फैंस को नागवार गुजरें. लेकिंन जब हम फिल्म देखते हैं और फिल्म में रॉ एजेंट से आतंकी बने जिम को देखते हैं. तो महसूस होता है कि अगर इस फिल्म के लिए वाक़ई किसी ने मेहनत की है तो वो जॉन अब्राहम ही हैं. आप चाहे फिल्म में जॉन का लुक देखिये या एक्टिंग फिल्म का हर वो सीन जहां पर्दे पर हम जॉन और शाहरुख़ को देखते हैं हर जगह जॉन, एसआरके पर भारी पड़े हैं.

जिस किसी ने भी फिल्म देखी है उसे फिल्म का वो शुरूआती सीन हर सूरत में याद होगा जब भारतीय वैज्ञानिक दुबई जाते हैं और आतंकी बने जॉन द्वारा उन्हें किडनैप किया जाता है उसी सीन में ये स्थापित हो जाता है कि ये फिल्म शाहरुख़ के नाम पर भले ही चले लेकिन इसकी आत्मा जॉन ही हैं. उस सीन में डायलॉग डिलेवरी से लेकर एक्शन सीन तक जो कुछ भी जॉन ने किया है. कहा जा सकता है कि जॉन ही वो विलेन या ये कहें कि ग्रे शेड है जिसकी एक इंडस्ट्री के रूप में बॉलीवुड को लंबे समय से तलाश थी.

फिल्म देखते हुए कई मूमेंट ऐसे आते हैं जब हमें जॉन सिर्फ अपनी आंखों से एक उम्दा अदाकारी का परिचय देते हुए दिखाई देते हैं. पठान के ;लिहाज से ये कहना कहीं से भी गलत नही है कि भले ही शाहरुख़ के पास अनुभव और दीपिका पादुकोण के पास ग्लैमर हो लेकिन जॉन ही वो व्यक्ति हैं जिनके पास स्किल है. यानी अगर पठान जैसी औसत स्टोरी वाली फिल्म आज कामयाबी के सातवें आसमान पर है तो उसकी वजह वो स्किल है जिसका परिचय पठान में जॉन ने दिया है.

बाकी सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर जैसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. दर्शक भले ही पठान से बहुत ज्यादा संतुष्ट न हों लेकिन जॉन ने उन्हें बिलकुल भी निराश नहीं किया और पैसा वसूल परफॉर्मन्स दी.

बहरहाल फिल्म रिलीज हुए अभी सिर्फ 5 दिन हुए हैं और इन पांच दिनों में पठान ने इतिहास रच दिया है. बात बाकी बस यही है कि यदि इंडस्ट्री पठान की सफलता के लिए शाहरुख़ की शान में कसीदे पढ़ रही है तो उसे पठान में जिम बने जॉन को किसी भी सूरत में ख़ारिज नहीं किया जाना चाहिए. पठान, पठान तभी है जब उसे अपने खिलाफ जिम मिला है. जिम न होता तो पठान बस एक नार्मल सा कैरेक्टर बन कर रह जाता. 

कुलमिलाकर कहा जा सकता है कि पठान जितनी शाहरुख़ की है उतनी ही जॉन की. इसलिए अगर फिल्म की तारीफ हो रही है और उस तारीफ के लिए शाहरुख़ सामने आ रहे हैं तो उन्हें जॉन को भी फ्रंट पर लाना चाहिए। शाहरुख़ समझें कि फिल्म में हर जगह जॉन, शाहरुख़ के सामने बीस ही साबित हुए हैं, 

ये भी पढ़ें -

अनुराग कश्‍यप तय करें कि बॉलीवुड का दुश्मन कौन है- बॉयकॉट गैंग, मंदी या नकली फिल्में?

Pathaan की बॉक्स ऑफिस पर सुनामी क्या बॉलीवुड के अच्छे दिन लाएगी?

कश्मीर में पठान का हाउसफुल होना तो राइट विंग के लिए भी अच्छी खबर है!

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय