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Updated: 09 अक्टूबर, 2020 12:30 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
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देश में अगर किसी की हालत सबसे ज्यादा खराब है तो वो सिर्फ और सिर्फ बैंक है. बीते कुछ वर्षों में जैसे हालात बने हैं इतना तो साफ है कि बड़े हुए एनपीए (NPA) ने न केवल बैंकिंग (Banking) सेक्टर बल्कि देश की कमर तोड़ दी है. बात जब जब बैंकिंग, एनपीए, देश की होगी ख़ुद ब ख़ुद कुछ चेहरे हमारी नजरों के सामने आ जाएंगे और इन चेहरों में भी जो सबसे पहली तस्वीर हमारे 'सब कॉन्शियस माइंड' में बनेगी वो विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi), मेहुल चोकसी, सुब्रत रॉय सहारा (Subrat Roy Sahara) रामलिंग राजू (Ramling Raju) जैसे बड़े डिफॉल्टर्स में से एक होगी. जैसा घोटाला इन लोगों ने किया है, आज देश उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है और शायद यही वो कारण है जिसने बॉलीवुड (Bollywood) को भी प्रेरित किया कि वो इन डिफॉल्टर्स को लेकर पर्दे पर आएं और जनता को बताएं कि कैसे देश के लिए जोंक बने इन लोगों ने आम जनता की मेहनत की कमाई को लूटा और अपनी अपनी जेबें भरीं. बताया जा रहा है कि विजय माल्या, रामलिंग राजू, सुब्रत रॉय सहारा और नीरव मोदी जैसे लोगों ने कैसे देश को बड़ा चूना लगाया इसपर जल्द ही एक वेब सीरीज देश की जनता के सामने होगी.

Four Bad Boys Billionaires, Vijay Mallya, Nirav Modi, Subrat Roy Sahara, Web SeriesFour bad boy billionaires, वो वेब सीरीज जो पूरी तरह से देश के डिफॉल्टर्स को समर्पित होगी

वेब सीरीज कब तक आएगी उसमें किसे कास्ट किया जाएगा फिलहाल इसकी जानकारी कम है लेकिन अब जबकि वेब सीरीज की जानकारी लोगों को मिल गई है ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि जिस भी वक़्त ये वेब सीरीज ओटीटी पर आई इसका टॉपिक ही कुछ ऐसा है कि दर्शक इसे हाथों हाथ लेंगे.

चूंकि बात डिफॉल्टर्स की हुई है तो ये बताया बहुत जरूरी है कि सीरीज में दिखाए जाने वाले लोगों पर करोड़ों रुपए की धांधली के आरोप लगे हैं. आगे कुछ बात हो उससे पहले हमारे लिए इन लोगों के कारनामे को जान लेना बहुत जरूरी है. तो आइए जानें उन डिफॉल्टर्स के बारे में जिन्होंने देश को करोड़ों का चूना लगाया और बस केवल अपने स्वार्थ के चलते उसे अंदर ही अंदर खोखला बनाने के हर संभव प्रयास किये.

नीरव मोदी 

नीरव मोदी का परिवार अपने शुरुआती दिनों से ही डायमंड ट्रेड में रह है. क्यों कि नीरव मोदी ने अपनी पढ़ाई बेल्जियम में की थी माना यही जाता है कि धांधली के ये गुर नीरव ने वहीं बेल्जियम में रहकर सीखे. विदेश से पढ़कर लौटने के बाद नीरव ने ऊना4 पुश्तैनी धंधा संभाला. नीरव के बारे में कहा जाता है कि उसने पीएनबी के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर विदेशी सप्लायर्स के लिए फर्जी भुगतान पत्र बनवाए.

बैंक के अफसरों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए नीरव मोदी को करीब 13 हजार करोड़ रुपये दे दिए. जब इस घोटाले का पता चला तब तक नीरव फरार हो गया था और जांच एजेंसियां हाथ मलकर रह गईं थीं. सरकार प्रयास यही कर रही है कि जल्द से जल्द नीरव को स्वदेश लाया जाए ताकि उसके कर्मों का हिसाब हो.

सुब्रत रॉय सहारा

बात धांधली और देश को नुकसान पहुंचाने की चल रही है और इसके अंतर्गत सहारा ग्रुप के चेयरमेन सुब्रत रॉय सहारा का नाम आया है तो बता दें कि सुब्रत राय सहारा की दो कंपनियों पर सेबी के साथ 24 हजार करोड़ रुपये का देश के सर्वोच्च न्यायालय में विवाद चल रहा है. सेबी का आरोप है कि सहारा ग्रुप की दो कंपनियों SIRECL और SHICL के जरिए 3 करोड़ निवेशकों से करीब 24 हजार करोड़ रुपये सेबी से अनुमति लिए बिना उठाए थे.

तीन साल की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारे के दावे, कि उसने कारपोरेट कार्य मंत्रालय की अनुमति ली थी, तथा सेबी का उसके कार्य पर कोई अधिकार नहीं है, को निरस्त करते हुए दोनों कंपनियों को बैन कर के निवेशकों का पैसा 15 फीसदी रिटर्न के साथ सेबी के माध्यम से वापस करने को कहा.

अलग अलग विज्ञापनों के बावजूद सेबी सिर्फ 107 करोड़ का निस्तारण करने में कामयाब हुई है और उसने निवेशक यानी सहारा ग्रुप को फर्जी बताया.

विजय माल्या

बात बैंकों के साथ फ्रॉड की चली है और अगर विजय माल्या का नाम न आए तो पूरी डिबेट अधूरी रह जाती है.विजय माल्या ने भारतीय स्टेट बैंक समेत देश के अलग अलग बैंकों को 9000 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है. रंगीन मिजाज माल्या ने एक कर्ज को चुकाने के लिए दूसरा कर्ज लिया और जब वो अपने ही जाल में बुरी तरह घिर गए तो भागकर विदेश चले गए. सरकार द्वारा माल्या को विदेश से लाने की तैयारी पूरी है. जल्द ही माल्या को भारत लाया जाएगा और नुकसान की भरपाई की जाएगी.

रामलिंग राजू

भले ही आप रामलिंग राजू को न जानते हों मगर 2000 के दशक में आपने सत्यम का नाम ज़रूर सुना होगा. बात जनवरी 2009 की है. 7 जनवरी को सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली जिससे रामलिंग राजू घबरा गया और अपनी ही कंपनी में 7800 करोड़ रुपयों का घोटाला किया,जिससे निवेशकों के करीब 14 हजार करोड़ रुपये डूब गए.

तो ये थी इन चारों डिफॉल्टर्स की सच्चाई. वेब सीरीज जल्द ही आ रही है और चूंकि ये चारों डिफॉल्टर्स किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं इसलिए सीरीज हिट है. पूरा यकीन है जनता इस सीरीज को हाथों हाथ लगी और जानेगी कि कैसे उसे मूर्ख बनाया गया.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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