iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
Media Gallery
X
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
मनीषा पांडेय
manisha.pandey.564
Edit Profile
लेखक इंडिया टुडे मैगजीन की फीचर एडिटर हैं.
प्रोफाइल बनाएं
*Required
लेखक इंडिया टुडे मैगजीन की फीचर एडिटर हैं.
सोशल मीडिया हैंडल
Done
Cancel
स्टोरी
आपकी स्टोरी
पसंदीदा
हाल में पढ़ी
समाज
|
4-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
मनीषा पांडेय
@manisha.pandey.564
मैंने जीजस को 'मनुष्य' कहा और मुझे हॉस्टल से निकाल दिया गया
उस घटना को 11 साल हो चुके हैं. लेकिन आज भी हर बार जीजस के बर्थडे पर याद आता है कि उनके सो कॉल्ड मानने वालों ने उनमें सचमुच विश्वास करने वाली 24 साल की एक लड़की के साथ क्या सलूक किया था.
समाज
|
6-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
मनीषा पांडेय
@manisha.pandey.564
हमें आंख के बदले आंख नहीं, आंख के बदले रौशनी चाहिए
हमारे लिए न्याय का मतलब है, सबके लिए न्याय. अगर हमें बेहतर जीवन चाहिए तो हम उन सबके लिए बेहतर जीवन मांगेंगे, जो आपकी दुनिया में हाशिए पर पड़े हुए हैं क्योंकि सजा दुनिया के किसी अपराध का इलाज नहीं है.
समाज
|
5-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
मनीषा पांडेय
@manisha.pandey.564
19 साल पहले वह 16 दिसंबर जैसा ही एक मनहूस दिन था
फिल्म के सबसे तकलीफदेह हिस्सों पर हॉल में दनादन सीटियां बजीं, गंदे जुमले उछले और मर्दों की बेशर्म सिसकारियों की आवाजें आती रहीं. मर्दों ने फिल्म के सबसे दर्दनाक दृश्यों पर ठहाके लगाए थे.
समाज
|
5-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
मनीषा पांडेय
@manisha.pandey.564
ये विज्ञापन मर्दों की सत्ता को ही मजबूत करता है
मैं औरत हूं और यही मेरी पहचान है. मैं मर्द नहीं हूं. मर्द होना भी नहीं चाहती. नहीं, मैं हर काम बिलकुल मर्दों की तरह नहीं कर सकती. हर काम को बिलकुल मर्दों की तरह कर लेना मेरी आजादी का पैमाना भी नहीं है.
समाज
|
3-मिनट में पढ़ें
facebook
twitter
मनीषा पांडेय
@manisha.pandey.564
मैं सुजैट जॉर्डन हूं, पार्क स्ट्रीट रेप विक्टिम नहीं
सेशन कोर्ट का यह फैसला उस आदमी के मुंह पर तमाचा है. कोलकाता और समूचे मुल्क के हर उस आदमी के मुंह पर तमाचा, जिसने कहा कि वह गंदी औरत थी, कि उसके कारण कोलकाता की बदनामी हुई.