
विवेकानंद शांडिल
vivekanand.shandil
लेखक स्वतंत्र पत्रकार और ब्लॉगर हैं और राजनीति में खास रूचि रखते हैं
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें
सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

मोदी पर निजी हमले के बजाय, हो रहे सामूहिक वैचारिक पतन पर आत्म चिंतन करे विपक्षी दल
विपक्षी दल, भाजपा को हराना तो चाहते हैं, लेकिन बीते 9 वर्षों से अब तक उन्हें यह बोध नहीं हुआ है कि वे लोगों के बीच किन मुद्दों के साथ जाएं और संघर्ष करें. वे कभी मोदी सरकार को पूंजीपतियों की सरकार बता रहे हैं, तो कभी दलित और पिछड़ा विरोधी. लेकिन, उन्हें भी पता है कि प्रधानमंत्री मोदी की जन-कल्याणकारी नीतियों से देश के सवा सौ करोड़ लोगों में जो विश्वास पैदा हुआ है, उनके पास इसका कोई तोड़ नहीं है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीक को बनाया सशक्तिकरण का माध्यम...
भारत ने तकनीक के माध्यम से समाजार्थिक असमानताओं को भी दूर करने में एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. आज हमारे डिजिटल सेवाओं के प्रसार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के क्षेत्र में नये अवसरों का सृजन करने के साथ ही, सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने का भी कार्य किया है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

पूर्वोत्तर में बीजेपी की धमाकेदार वापसी पीएम मोदी की मेहनत का नतीजा है!
2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला था, तो उस समय केवल सात ही राज्यों में भाजपा और उसके सहयोगियों की सरकार थी. वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी 14 राज्यों में सत्ता में थे. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी के जनकल्याणी नीतियों और संकल्पों को जनमानस द्वारा एक अभूतपूर्व स्वीकार्यता मिली है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

अमृत काल के बजट में 100 साल के भारत का 'ब्लू प्रिंट'...
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023-24 का वार्षिक बजट पेश किया. यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है. बजट में एक तरफ गरीब, मध्यमवर्गीय लोगों के लिए राहत दी गई तो दूसरी ओर 100 साल के भारत के लिए ब्लू प्रिंट भी नजर आता है.सियासत | 2-मिनट में पढ़ें

गणतंत्र दिवस की झांकियां बदलते हुए भारत की फिल्म का ट्रेलर थीं
74वां गणतंत्र दिवस कई मायनों में यादगार रहा. परेड जहां पहली बार राजपथ के बजाए कर्तव्य पथ पर हुई. तो वहीं इस बार परेड में महिलाओं और अग्निवीरों का बोलबाला रहा. इसके अलावा राज्यों की झांकियों में भारत की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत का प्रभाव रहा.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

साल 2022: भारत के लिए कई मायनों में रहा ऐतिहासिक
भारत ने गत वर्ष भी संयुक्त राष्ट्र संघ की अध्यक्षता संभाली थी और इस वर्ष हिन्दी को संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृति दिलाते हुए, वैश्विक पटल पर अपनी बढ़ती ताकत का परिचय दिया है. आज हमने वर्ष 2047 तक, खुद को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए ‘पंच प्रण’ का संकल्प लिया है. हमारे ये प्रण गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, एकजुटता, विरासत पर गर्व और अपने कर्तव्यों का निर्वहन हैं.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
सियासत | 3-मिनट में पढ़ें

गुजरात की विरासत को प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़ाया...
पीएम मोदी ने गुजरात की विरासत को न सिर्फ आगे बढ़ाया, बल्कि आज भारत की वैश्विक छवि के नये शिल्पकार के रूप में भी उभरे हैं. एक ऐसे शिल्पकार, जिन्होंने अपनी दृढ़-इच्छाशक्ति और संकल्प से एक ऐसे भारत को गढ़ा है, जो हर चुनौती का सामना कर सकता है और जीत सकता है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

आस्था को अर्थव्यवस्था से जोड़ने का अथक प्रयास कर रहे हैं मोदी!
पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति और आस्था के वैश्विक प्रसार के लिए भी कई प्रयास किये हैं. बहरीन की राजधानी मनामा में श्रीकृष्ण श्रीनाथजी मंदिर और अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला रखना, ऐसे ही कुछ उदाहरण हैं. उनके इन प्रयासों से हमारी आस्थाए परंपरा और सामाजिक मूल्यों जैसे अन्तर्निहित प्रतिमानों का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें
