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शिवानन्द द्विवेदी
shiva.sahar
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लेखक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउन्डेशन में रिसर्च फेलो हैं एवं नेशनलिस्ट ऑनलाइन डॉट कॉम के संपादक हैं.
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लेखक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउन्डेशन में रिसर्च फेलो हैं एवं नेशनलिस्ट ऑनलाइन डॉट कॉम के संपादक हैं.
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सियासत
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4-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
Modi की ‘संजीवनी बूटी’ और दम तोड़ते झूठ
एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में हो एक वर्ग वो सामने आया है जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और भारतीय प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के रिश्तों में दरार डालने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा है.
सियासत
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6-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
संगठन के मोर्चे पर विपक्ष चित और भाजपा सफल क्यों
नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यों के माध्यम से जनता के बीच जा रहे हैं तो वहीं पार्टी के संगठनात्मक प्रमुख होने के नाते अमित शाह जनता के बीच लगातार पहूंच बना रहे हैं.
सियासत
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7-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
अमित शाह के स्वर्णकाल की कल्पना !
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में अमित शाह द्वारा जताई गयी मंशा साफ़ संकेत करती है कि अभी वे इतने भर से संतुष्ट नहीं है बल्कि भाजपा के विस्तार के लिए वो परिश्रम की पराकाष्ठा तक जाएंगे.
समाज
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शिवानन्द द्विवेदी
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भारत में अल्पसंख्यक कौन ?
अल्पसंख्यक समुदाय को चिन्हित नहीं करने की वजह से जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों को दिया जाने वाला हर लाभ मुसलमानों को मिल रहा है जबकि वहां जो समुदाय वास्तविक रूप से अल्पसंख्यक है, वो उन सुविधाओं से महरूम हैं.
सियासत
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शिवानन्द द्विवेदी
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मोदी-शाह के तिलिस्म से अबूझ विपक्ष !
नरेंद्र मोदी की राजनीति को जो समझते होंगे वो अबतक ये जान चुके होंगे कि मोदी लकीर काटकर छोटी करने की बजाय बड़ी लकीर खड़ी करने में यकीन रखते हैं.
सियासत
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
'आजादी' की आड़ में खतरनाक साजिशों का जाल !
अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद बेशक जीएन साईबाबा के पास ऊपरी अदालत में जाने का रास्ता बचता है लेकिन रिहाई मंच के नाम पर जो लोग साईबाबा का बचाव कर रहे थे, उनकी संदिग्ध भूमिका पर भी बात की जानी चाहिए.
सियासत
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
राजनीति में 'राहुल' और 'अखिलेश' जैसों के लिए फायदे
राजनीतिक दलों में परिवारवाद को केंद्र में रखकर यदि आप इस मुद्दे पर गौर करें तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक बुनियाद ही परिवारवाद पर टिकी नजर आएगी.
सियासत
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
उत्तर प्रदेश की बदहाली की जवाबदेही किसकी ?
अगर 2012 के चुनावों में सपा के घोषणा पत्र का आज पांच साल बाद मूल्यांकन करें तो लगता है मानो सपा ने 2012 के घोषणा पत्र को ही एकबार फिर 2017 के चुनाव में रख दिया हो.
सियासत
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6-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
भारतीय राजनीति में ‘मोदी’ होने के मायने
भारतीय राजनीति अब भाई-भतीजावाद से ऊपर उठ चुकी है. एक तरफ नेहरू-गांधी परिवार की चौथी पीढ़ी के राजकुमार हैं तो दूसरी तरफ एक ऐसा इंसान जिसने अपने परिवार को ही त्याग दिया. राजनीति में मोदी की क्या अहमियत है चलिए देखते हैं.
सियासत
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5-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
सियासी ड्रामे से विफलताओं पर परदेदारी
मुलायम सिंह यादव कच्चे खिलाड़ी नहीं हैं. उन्हें राजनीति अच्छी तरह आती है और शायद यही वजह है कि सपा में इलेक्शन की बिसात बिछ गई है.
समाज
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3-मिनट में पढ़ें
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
बहुत याद आयेंगे चो रामास्वामी
एक व्यक्ति में समाहित बहुआयामी व्यक्तित्व वाले चो रामास्वामी के रूप में हमने कई क्षेत्रों से जुड़े एक परफेक्ट शख्सियत को खोया है.
सियासत
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शिवानन्द द्विवेदी
@shiva.sahar
डॉ. मनमोहन सिंह: विफलता के चार दशक
इसमें कोई शक नहीं कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में डॉ मनमोहन सिंह उन चंद लोगों में से एक हैं, जिन्हें इतिहास ने सर्वाधिक अवसर दिया है. पर क्या उन्हें एक सफल नेता कहा जा सकता है?