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Updated: 02 सितम्बर, 2017 06:20 PM
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कोई नया फोन खरीदते वक्त अक्सर उसकी डिजाइन और कुछ एक गिनती के फीचर्स देखकर फोन को खरीद लिया जाता है, लेकिन उसके बाद क्या होता है. जल्दी ही फोन खराब होने लगता है और ये सोच कर ही खुश हो लिया जाता है कि स्मार्टफोन तो ज्यादा नहीं चलता. फोन को खरीदते समय अगर थोड़ी सी सावधानी रखी जाए तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है.

1. बनावट...

फोन किस मटेरियल का बना है ये देखना भी जरूरी है. मार्केट में प्लास्टिक/फाइबर, मेटल और ग्लास कोटेड स्मार्टफोन्स उपलब्ध हैं. अगर किसी की आदत है लगातार फोन गिराते रहने की तो उसे मेटालिक या फिर प्लास्टिक/फाइबर बॉडी का फोन चुनना चाहिए जो 2-3 फिट से गिरकर भी ठीक रह सकता है.

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2. डिस्प्ले...

सिर्फ डिस्प्ले क्वालिटी देखना ही जरूरी नहीं होता. ये सोचिए कि आपको फोन का इस्तेमाल ज्यादा किस काम के लिए करना है. अगर फोन में वीडियो देखने के शौकीन हैं और ज्यादातर समय फोन में बिताते हैं तो फुल एचडी, QHD स्क्रीन के बारे में सोचें. अगर ज्यादा समय लैपटॉप पर बीतता है और फोन का इस्तेमाल उतना नहीं होता तो HD स्क्रीन भी काम करेगी.

अगर फोन 5.5 इंच तक का है तो फिर भी एक हाथ से इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन अगर 6 इंच या उससे ज्यादा का है तो फालतू में ये भारी और बड़ा लगेगा.

3. प्रोसेसर..

सिर्फ प्रोसेसर की पावर देखकर फोन न खरीदें. ये भी सोचें कि उससे आपको क्या करना है? अगर भारी गेमिंग के शौकीन हैं, एप्स जैसे एडिटिंग आदि का इस्तेमाल ज्यादा होता है, या फिर कई एप्स एक साथ इस्तेमाल करते हैं तो हेवी प्रोसेसर जैसे स्नैपड्रैगन 652 या 820/821 आदि वाला फोन लिया जा सकता है. अगर नहीं तो मीडियाटेक प्रोसेसर वाले फोन्स भी काम आ सकते हैं.

4. कैमरा...

सिर्फ ये सोचना कि फोन में ज्यादा मेगापिक्सल है इस बात का सबूत नहीं होता कि फोटो भी बेहतर आएगी. कैमरा के साथ कई तरह की चीजें जुड़ी हुई हैं जैसे ISO लेवल, ऑटोफोकस, पिक्सल साइज, कैमरा अपेर्चर आदि पर भी ध्यान दें. ज्यादा पिक्सल का मतलब है फोटो का साइज बड़ा हो जाएगा.

अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं तो 12 या 16 मेगापिक्सल का कैमरा f/2.0 या उससे कम अपर्चर के साथ ले सकते हैं जो कम रौशनी में भी बेहतरीन शॉट्स देता है. अगर बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता तो 8 या 12 मेगापिक्सल कैमरा f/2.0-f/2.2 अपर्चर के साथ काम करेगा.

5. बैटरी...

यहां भी ये बात जरूरी है कि आपको स्मार्टफोन का इस्तेमाल कैसे करना है. अगर बहुत हैवी यूजर हैं तो 3300 mAH से 4000 mAH पावर की बैटरी वाला स्मार्टफोन इस्तेमाल करें. अगर इससे कम बैटरी ली फोन बार-बार चार्ज करने की समस्या होगी. नॉन रिमूवेबल बैटरी वाले स्मार्टफोन्स ज्यादा पावरफुल होते हैं.

6. यूजर इंटरफेस/ ऑपरेटिंग सिस्टम...

फोन कैसा काम करेगा और फीचर्स कैसे रिस्पॉन्स देंगे उसके लिए ऑपरेटिंग सिस्टम और यूजर इंटरफेस पर ध्यान देना जरूरी होता है. जैसे बेस एंड्रॉयड के लिए मोटोरोला, नेक्सस, पिक्सल हैंडसेट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. मोटोरोला के फोन्स में रीस्टार्ट का फीचर नहीं होगा. कई और यूजर इंटरफेस जैसे सैमसंग टचविज, जेनयूआई, एक्सपीरिया यूआई आदि कई अलग-अलग फीचर्स के साथ आते हैं. उनका ध्यान दें. ये भी हो सकता है कि जो यूजर इंटरफेस चुने उसमें कई सारे फालतू एप्स हों जिन्हें आप इस्तेमाल न कर पाएं और डिलीट भी न कर पाएं.

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7. सिक्योरिटी...

कई स्मार्टफोन्स फिंगरप्रिंट स्कैनर, आइरिस स्कैनर, फेशियल रिकॉग्निशन के साथ आने लगे हैं. वो अब पुराने लॉक-अनलॉक फोन नहीं रहे. ऐसे में अगर आपको हाई सिक्योरिटी चाहिए तो अपने हिसाब से बायोमेट्रिक लॉक सिलेक्ट करें.

8. स्पीकर/हैडफोन...

एक बार फोन को जरूर फुल वॉल्युम में बजा कर देख लें. अगर ऑनलाइन खरीद रहे हैं तो स्पीकर पावर वॉट देख लें और हेडफोन्स कैसे हैं इसपर भी ध्यान दें. आजकल डॉल्बी एटम स्पीकर के साथ भी कई हैंडसेट्स आ रहे हैं जो यकीनन अच्छी साउंड क्वालिटी दे सकते हैं. इसके अलावा, ये भी ध्यान दें कि हैडफोन पोर्ट और यूएसबी पोर्ट कैसा है? कहीं सी-टाइप पोर्ट तो नहीं? अगर सी टाइप है तो फास्ट चार्जिंग है या नहीं? ये सब बातें पहले ही देख लें.

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