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Updated: 12 अक्टूबर, 2016 03:50 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 का प्रोडक्शन आधिकारिक तौर पर रोक दिया गया है और इससे शायद कंपनी को इतिहास का सबसे बड़ा घाटा लगा है. सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की कुल वैल्यू में 18 बिलियन डॉलर (लगभग 1 लाख 20 हजार करोड़ रु.) की कमी आई है. और एक दिन में उसके शेयर्स 8 फीसदी गिरे.

आखिर कहां हो गई गलती-

सैमसंग ने नोट 7 लॉन्च करने में जल्दी कर दी. इस प्रोडक्ट की उतनी टेस्टिंग नहीं हुई जितनी होनी चाहिए थी. एक बार कंपनी ने गैलेक्सी नोट 7 वापस लेकर दूसरे गैलेक्सी नोट 7s मॉडल के 2.5 मिलियन हैंडसेट्स बनाए और वो भी फेल. आखिर इतनी क्या जल्दी थी. कंपनी को कम से कम दूसरे प्रोडक्ट की पूरी टेस्टिंग तो कर लेनी थी, लेकिन शायद आईफोन से टक्कर लेने के लिए कंपनी ने ये गलत कदम उठा लिया जो इतना नुकसानदेह साबित हुआ.

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बंद हुआ या नहीं?

सैमसंग ने नोट 7 सीरीज के सभी मॉडल्स का प्रोडक्शन रोक दिया है. ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि ये पूरी तरह से बंद हो गया है या नहीं, लेकिन फिलहाल सैमसंग के भविष्य के लिए ये जरूरी है कि वो नोट 7 का मोह छोड़ दे. कंपनी को अब अपने मिड रेंज सेग्मेंट के लिए कुछ करना चाहिए जहां अभी भी बात बन सकती है. लो बजट रेंज चीनी स्मार्टफोन्स की वजह से नुकसान झेल रही है, हाई बजट रेंज में नोट 7 ने कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन सैमसंग कंपनी अभी भी मिड-रेंज में अपनी बात बना सकती है.

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 सैमसंग गैलेक्सी नोट 7

पहले भी कंपनियों ने की है ये गलतियां-

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी कंपनी के किसी एक प्रोडक्ट ने करोड़ों का नुकसान करवाया हो और उसमें छोटी सी गलती की वजह से कंपनी की इमेज खराब हुई हो. एप्पल, नोकिया, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों की एक छोटी सी गलती ने उनके ब्रैंड को बहुत नुकसान पहुंचाया है. चलिए जानते हैं थोड़ी सी हिस्ट्री, ये हैं 10 सबसे खराब टेक प्रोडक्ट्स हैं. इन्हें आप सैमसंग नोट 7 का भाई-बंधु भी कह सकते हैं.

* एप्पल-

एप्पल के जितने सफल प्रोडक्ट्स हैं उससे कहीं ज्यादा फ्लॉप हैं.

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1. The Apple Lisa

स्टीव जॉब्स की बेटी लीसा के नाम पर बनाया गया ये कम्प्यूटर स्टीव जॉब्स के कार्यकाल में लॉन्च हुए सबसे फ्लॉप प्रोडक्ट्स में से एक रहा है. लीसा प्रोजेक्ट के फेल होने के बाद स्टीव जॉब्स को इस प्रोजेक्ट से हटाकर मैकिंटोश के प्रोजेक्ट में भेज दिया गया था. एप्पल के लीसा की कीमत 1983 में 9,995$ थी जो 2016 के हिसाब से लगभग 6.5 लाख रुपए होती. इतने महंगे सिस्टम का फेल होना एप्पल के लिए बहुत हानिकारक साबित हुआ था. जॉब्स को उनके अड़ियल स्वभाव के लिए और लीजा प्रोडक्ट पर टिके रहने के लिए अपनी ही बनाई कंपनी से निकाल तक दिया गया. उन्हें निकालने की वजह भी जॉन स्कली बने थे जिन्हें जॉब्स ने खुद कंपनी में नौकरी दी थी.

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 एप्पल लीजा

2. Macintosh TV 

एप्पल टीवी के आने से पहले 1993 में मैकिंटोश (Macintosh TV) टीवी लॉन्च किया गया था. कंपनी का ये मैक टीवी सबसे फ्लॉप प्रोडक्ट्स में से एक है. ये टीवी अक्टूबर 1993 में लॉन्च हुआ था और फरवरी 1994 में इसे बंद कर दिया गया. एप्पल के इस टीवी के सिर्फ 10000 सेट्स बनाए गए थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इसका स्टॉक खत्म नहीं हो पाया था.

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 एप्पल टीवी

3. Apple III

एप्पल के कुछ सबसे फ्लॉप प्रोडक्ट्स में से एक है एप्पल III कम्प्यूटर. ये पहला कम्प्यूटर था जिसकी डिजाइनिंग में स्टीव वॉजनिएक ने कोई मदद नहीं की थी. ये प्रोडक्ट 1980 में लॉन्च किया गया था और इसे 1981 में बंद कर दिया गया. इसे बंद करने का कारण था इसका डिजाइन. ये कम्प्यूटर साइज में बड़ा था और इसका मदरबोर्ड कम काम में ही काफी गर्म हो जाता था. इसके कारण मेमोरी चिप अपने सॉकेट से बाहर आ जाती थी और सिस्टम क्रैश हो जाता था.

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 एप्पल III कम्प्यूटर

4. Macintosh Portable

एप्पल का पहला बैटरी पावर पोर्टेबल कम्प्यूटर भी कंपनी के फेल हुए प्रोडक्ट्स में से एक है. 20 सितंबर 1989 को लॉन्च हुए इस प्रोडक्ट को क्रिटिक्स रिव्यू में तो अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन यूजर रिस्पॉन्स काफी कम रहा था. इस कम्प्यूटर में माउस की जगह ट्रैक बॉल का इस्तेमाल किया गया था. की-बोर्ड और छोटी स्क्रीन के साथ इस कम्प्यूटर में बैटरी का इस्तेमाल हुआ था. इसे अगर पहले के जमाने का पोर्टेबल लैपटॉप कहा जाए तो भी गलत नहीं होगा.

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 मैकिंटोश पोर्टेबल

* माइक्रोसॉफ्ट-

माइक्रोसॉफ्ट की टेक हिस्ट्री में कई बड़ी गलतियां दर्ज की गई हैं. इनमें से एक तो नोकिया को खरीदना माना जाता है मल्टी मिलियन डॉलर की ये डील ना ही कंपनी को फायदा दे पाई और ना ही डूबती हुई नोकिया की हिस्ट्री बदल पाई. तो कौन से थे माइक्रोसॉफ्ट के फ्लॉप प्रोडक्ट्स.

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5. Windows 8

विंडोज 8 में टाइल यूजर इंटरफेस के साथ माइक्रोसॉफ्ट ने इस प्रोडक्ट में स्टार्ट बटन खत्म कर दिया था. ये ही शायद सबसे बड़ी गलती रही जो विंडोज का ये नया मॉडल यूजर्स को लुभाने में नाकाम रहा था. लोगों ने नए ऑपरेटिंग सिस्टम को जल्दी से अपग्रेड तो कर लिया था, लेकिन उसके बाद लोगों को ये पसंद नहीं आया. अब देखा जाए तो ये एक तरह से माइक्रोसॉफ्ट का नया इनोवेशन था जो गलती साबित हो गई.

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 विंडोज 8 स्टार्ट स्क्रीन

6. Windows Mobile

माइक्रोसॉफ्ट को सबसे बड़ा लॉस डेस्कटॉप वर्जन को मोबाइल में कनवर्ट करने की कोशिश में हुआ है. पहले नोकिया के साथ साझेदारी में विंडोज मोबाइल बनाना और उसके बाद नोकिया को खरीदकर माइक्रोसॉफ्ट मोबाइल के नाम से विंडोज फोन बेचना. नोकिया लुमिया सीरीज के कुछ ही फोन्स हिट हो पाए थे और बाकी सभी नकार दिए गए थे. ऐसे में विंडोज मोबाइल को माइक्रोसॉफ्ट ब्रैंड मोबाइल बनाना दूसरी बड़ी गलती साबित हुई.

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 सांकेतिक फोटो

7. Microsoft Windows Millennium (2000)

इसे विंडोज का सबसे खराब वर्जन कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इस ऑपरेटिंग सिस्टम को विंडोज 98 का नया और अपग्रेडेड वर्जन बताया गया था और ये सिस्टम लोगों को जरूरत से ज्यादा परेशान करता था. इस वर्जन में लोगों को इंस्टालेशन से लेकर वर्किंग तक हर चीज में गड़बड़ लगती थी. इसे अपडेट करके रीस्टोर फीचर के साथ विंडोज XP लॉन्च किया गया जो था तो बहुत बेस्ट लेकिन उस ओएस में वायरस फाइल्स को भी रीस्टोर कर दिया जाता था. इसलिए वायरस के मामले में XP को थोड़े कम नंबर मिलते हैं. हालांकि, मिलेनियम को खत्म कर XP लॉन्च करना उस समय माइक्रोसॉफ्ट के लिए अच्छा फैसला था.

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 विंडोज मिलेनियम ऑपरेटिंग सिस्टम का लोगो

* गूगल-

गूगल भी अपनी लिस्ट में पीछे नहीं है. गूगल ग्लास से लेकर वेव और गूगल आन्सर तक कई ऐसे प्रोडक्ट्स हैं जो इस लिस्ट में शामिल हैं. गूगल की अपने आप में एक टॉप 10 लिस्ट बन सकती है.

8. Google Glass

गूगल ग्लास अपने आप में एक महत्वकांक्षी लेकिन फेल प्रोडक्ट है. लाखों डॉलर का ये प्रोडक्ट अपने समय से काफी आगे का जरूर है, लेकिन कुछ खास कारणों से ये प्रोडक्ट फेल हुआ. सबसे पहले तो सेफ्टी और हेल्थ की दिक्कतें इस प्रोडक्ट के साथ सामने आई थीं. लोगों की आंखों में समस्या आनी लगी थी और ये ग्लास कोई खास फीचर भी नहीं देता था. अभी भी ये प्रोडक्ट बीटा स्टेज पर है, लेकिन इसमें कितनी संभावना बाकी है ये कहना मुश्किल है.

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 गूगल ग्लास

9. Google Answers

अगर आपने नाम नहीं सुना तो आपको बता दूं की ये एक बहुत महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट था जो लोगों के लिए एक पर्सनल अस्सिटेंट टूल था जिसमें लोगों के लिए इंटरनेट सर्चिंग करने की क्षमता थी. ये कुछ-कुछ याहू आन्सर्स की तरह ही था. आप कोई सवाल एक कम्युनिटी में डाल सकते थे और लोग इसका जवाब देते. इसमें लोगों को टॉप जवाब देने पर आपको कुछ फीस भी मिलती थी, लेकिन इंटरनेट खुद में इतना विशाल हो गया कि इस तरह की सर्विस की कोई जरूरत नहीं रही. गूगल ने इस प्रोडक्ट को 2006 में बंद कर दिया था.

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 गूगल आन्सर का होम स्क्रीन

10. Dodgeball

गूगल ने इस कंपनी को 2005 में खरीदा था और इसके साथ ये लक्ष्य रखा था जिसमें कोई भी यूजर की लोकेशन की मदद से वो अपने बिजनेस पार्टनर, दोस्त और बाकी रिलेटिव्स को ढूंढ सकता था. डॉजबॉल के फाउंडर डेनिस क्राउली को गूगल ने नौकरी भी दे दी थी, लेकिन प्रोडक्ट में कोई बदलाव ना देखते हुए डेनिस ने दो साल के अंदर कंपनी छोड़ दी और फोरस्क्वेयर लॉन्च की. गूगल ने आखिरकार 2009 में इसे बंद कर दिया और 2013 में इसी तरह के फीचर्स के साथ गूगल लैटिट्यूड लॉन्च किया जो फिर से एक फ्लॉप प्रोडक्ट साबित हुआ.

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 डॉजबॉल और फोरस्क्वेयर का लोगो

इन कंपनियों ने अपने मामले में बहुत आगे की सोची और यूजर्स के लिए बहुत ही फायदेमंद प्रोडक्ट्स लाने की कोशिश की, लेकिन हुआ ये कि किसी ना किसी छोटी गलती की वजह से इन्हें नुकसान झेलना पड़ा. आप अंदाजा लगा सकते हैं जब दुनियाभर में सर्कुलेशन वाला कोई प्रोडक्ट फेल होता है तो क्या हाल होता होगा कंपनी का.

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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