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Updated: 23 मई, 2017 08:56 PM
सुशांत तलवार
सुशांत तलवार
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मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो एक ओर जहां ग्राहकों के लिए अच्छी खबर थी तो दूसरी ओर टेलीकॉम इंडस्ट्री में खलबली मच गयी थी. ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने के लिए जिओ के मुफ्त कॉलिंग, एसएमएस, इंटरनेट सुविधा देने वाली रणनीति ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया. इसका परिणाम ये हुआ कि मार्केट में पहले से मौजूद एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया जैसी स्थापित और नामी-गिरामी टेलिकॉम कंपनियां औंधे मुंह गिरने लगीं.

सितंबर 2016 में लॉन्च होने के बाद से रिलायंस जियो एक अजेय योद्धा की तरह सबको धाराशायी करने लगा और कुछ महीनों के अंदर ही 10 करोड़ से अधिक ग्राहकों का बेस बना लिया. हालांकि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) द्वारा जारी हालिया मासिक डाटा जियो के लिए चिंता की लकीरें लेकर आया है.

जियो के ग्राहकों की संख्या में गिरावट, चिंता का एक कारण है?

Jio, Airtel, Vodafone, Telecomजियो की कठिन डगर

मार्च महीने के लिए ट्राई द्वारा जारी मासिक उपभोक्ता डाटा के आधार पर यूबीएस सिक्योरिटीज एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस जियो की 4 जी मोबाइल सेवा अपने आकर्षक मूल्य वाले प्राइम प्लान के बाद भी आशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को अपनी ओर खींच नहीं पाई है.

ट्राई के आंकड़ों से पता चलता है कि जियो ने फरवरी महीने में 12 करोड़ 20 लाख कस्टमर बनाए थे, वहीं जनवरी में 18 करोड़ 48 लाख लोग जियो की सेवाओं से जुड़े थे. लेकिन उन दो महीनों के मुकाबले मार्च में सिर्फ 5 करोड़ 8 लाख ब्रॉडबैंड उपभोक्ता ही उससे जुड़े.

इसमें आगे बताया गया है कि- 'मार्च में जियो प्राइम ने मांग का बढ़ना चौंकाने वाला है और ये देखना दिलचस्प होगा कि अप्रैल के महीने में कितने लोग जियो की तरफ झुकते हैं. क्योंकि मार्च तक तो जियो की सारी सेवाएं फ्री दी जा रहीं थीं लेकिन अप्रैल से जियो ने पेड सर्विस देनी शुरू की है.'

अप्रैल का डाटा जियो के लिए बुरी खबर के रूप में ही आएगा, क्योंकि पिछले तीन महीनों का डाटा उसकी एक झलक पेश कर रहा. विश्लेषकों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि अपने वेलकम स्कीम और ऑफर के खत्म होने के बाद जियो को मार्केट में धक्का लग सकता है. हालांकि इसकी पेड सर्विस के शुरू होने के पहले ही उपभोक्ताओं की संख्या में इस तरह की कमी आना बताता है कि जियो के खराब सर्विस के चलते कस्टमर इसपर पैसा लगाने के मूड में नहीं हैं.

एयरटेल, वोडाफोन वसूली कर रही है

Jio, Airtel, Vodafone, Telecom

एक तरफ जहां जियो ही द्वारा खड़े किए गए गला-काट प्रतिस्पर्धा में पीछे होता है जा रहा है तो दूसरी तरफ देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने सोमवार (22 मई) को चार साल में सबसे कम तिमाही लाभ की रिपोर्ट दी है. जनवरी-मार्च की तिमाही में एयरटेल की शुद्ध आय में 72 फीसदी की गिरावट दर्ज की है. इसे देखते हूए कहा जा सकता है कि मार्केट में प्रतियोगिता के लिए अभी भी मैदान खुला है.

टेलीकॉम उपभोक्ताओं के ताजा आंकड़े बताते हैं कि उपभोक्ता अपने पुराने टेलीकॉम प्रोवाइडर के ही पास वापस जा रहे हैं. इससे इन कंपनियों को आशा बंधी है कि घाटे का ये समय देखने के बाद इन्हें फिर से अपना साम्राज्य वापस मिलेगा.

मार्च में ग्राहकों की संख्या बताती है कि जियो के सबसे करीबी प्रतिद्वंदी भारती एयरटेल ने करीब 30 लाख ग्राहक जोड़े हैं. आइडिया के ग्राहकों की संख्या 20 लाख 9 हजार के करीब रही. तो वहीं वोडाफोन ने मार्च में 10 लाख 83 हजार नए कनेक्शन जोड़े.

यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल और मई के महीनों के आने वाले डाटा, टेलीकॉम के क्षेत्र में चल रही उठा-पटक के भविष्य की असली तस्वीर सामने रखेगा. लेकिन फिर भी वर्तमान आंकड़ा जियो से मिले कड़े टक्कर के बाद बहुत उज्ज्वल भविष्य का संकेत जरूर देती है.

'अप्रैल और मई का आंकड़ा ज्यादा महत्वपूर्ण होगा. क्योंकि अप्रैल के बाद से ही जियो ने अपने फ्री सेवा को खत्म कर चार्ज लेना शुरू कर दिया है. मार्केट का ट्रेंड बताता है कि भारतीय मोबाइल बाजार में एयरटेल ने अपनी मजबूती कायम रखी है और बाकी कंपनियों से ये बेहतर प्रदर्शन कर रही है. हालांकि वोडाफोन और आइडिया ने भी जनवरी और फरवरी में झटके खाने के बाद सुधार दिखाया है.'

( Dailyo.in से )

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सुशांत तलवार सुशांत तलवार @sushant.talwar.33

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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