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Updated: 26 नवम्बर, 2018 04:56 PM
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तेजी से बदल रही तकनीक के इस दौर में हर हाथ में स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं. क्या जवान, क्या बूढ़े यहां तक कि बच्चे भी स्मार्टफोन का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. करें भी क्यों नहीं, तकनीक ने बहुत से काम जो आसान बना दिए हैं. लेकिन तकनीक उस आग के जैसी है, जिससे खाना पकाया जा सकता है या फिर घर जलाया जा सकता है. यानी इसके फायदे हैं तो इसका गलत इस्तेमाल करने पर नुकसान भी बहुत हैं. ऐसे में मां-बाप की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि अपने बच्चों को गलत रास्ते पर जाने से कैसे बचाएं?

माता-पिता अपने बच्चों को स्मार्टफोन तो दे देते हैं, लेकिन डर रहता है कि वह किसी गलत संगत में ना पड़ जाएं या फिर कोई गलत काम ना करने लगें. भले ही किसी को माता-पिता का ये डर ना दिखता हो, लेकिन गूगल ने हर मां-बाप के मन की बात अच्छे समझ ली है. तभी तो उसने ये नया ऐप लॉन्च किया है. सबसे पहले इसे 2017 में अमेरिका में लॉन्च किया गया था, जिसे अब भारत में भी लॉन्च कर दिया गया है. गूगल का Family Link ऐप सभी एंड्रॉइड डिवाइस पर काम करेगा, जिनमें नोगट या उसके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम हैं. कुछ गिने-चुने मार्शमैलो ऑपरेटिंग सिस्टम वाले डिवाइस पर भी यह काम करता है.

गूगल, स्मार्टफोन, इंटरनेट, ऐपगूगल ने हर मां-बाप के मन की बात अच्छे समझ ली है, तभी तो उसने ये नया ऐप लॉन्च किया है.

गूगल ने Family Link ऐप लॉन्च किया है, जिसकी मदद से हर मां-बाप अपने बच्चों की एक्टिविटी पर नजर रख सकेंगे. वो ये जान सकेंगे कि उनका बच्चा किस तरह के ऐप इस्तेमाल करता है, कितनी देर फोन इस्तेमाल करता है और फोन में क्या-क्या करता है. इतना ही नहीं, इसकी मदद से बच्चे की लोकेशन का भी पता चल सकेगा. यानी ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि इस ऐप की मदद से आपका बच्चा आपसे कितनी भी दूर हो, लेकिन वह आपकी आंखों के सामने ही रहेगा, बशर्तें उसने अपना मोबाइल अपने साथ रखा हो. चलिए जानते हैं इस ऐप की कुछ खास बातें.

ये हैं इस ऐप की खासियत

मां-बाप को अपने बच्चों पर नजर रखने के लिए गूगल ने जो ऐप लॉन्च किया है वह एक-दो नहीं, बल्कि कई खूबियों वाला है. आइए जानते हैं इनके बारे में-

- इस ऐप की मदद से आप हर वक्त अपने बच्चे की लोकेशन जान सकेंगे. यानी अगर वो किसी गलत जगह पर जाता है तो उसे आप गलत और सही का फर्क समझा सकते हैं, ताकि वह दोबारा वहां ना जाए.

- ऐप के जरिए आपको अपने बच्चों की साप्ताहिक और मासिक रिपोर्ट भी मिल सकेगी, जिससे अगर आप हर वक्त अपने बच्चे की गतिविधियों पर नजर नहीं रख सके हैं तो रिपोर्ट के आधार पर ये जान सकते हैं कि बच्चा किसी गलत राह पर तो नहीं चल पड़ा है.

- अगर आपको डर है कि आपका बच्चा इंटरनेट पर काफी समय बिताता है तो आप इंटरनेट इस्तेमाल करने की समयसीमा को भी निर्धारित कर सकते हैं. इस तरह एक निश्चित अवधि से अधिक समय आपका बच्चा इंटरनेट पर नहीं बिताएगा.

- बच्चे अक्सर मोबाइल पर देर रात तक चैटिंग करते रहते हैं या फिर गेम खेलते हैं. ऐसे में, आप ऐप के जरिए ये भी सेटिंग कर सकते हैं कि सोने के समय पर मोबाइल फोन अपने आप लॉक हो जाएगा.

- आप अपने बच्चे के मोबाइल में ऐप को इजाजत दे सकते हैं या फिर ब्लॉक भी कर सकते हैं. यानी वह सिर्फ वही ऐप इस्तेमाल कर सकेगा, जिनकी आप इजाजत देंगे.

इस मोबाइल ऐप का इस्तेमाल भले ही आपके बच्चे पर नजर रखने में होगा, लेकिन ये तभी काम करेगा, जब आप अपने बच्चों को सही-गलत का फर्क बताएंगे. बच्चों को ये कभी ना लगने दें कि आप उनकी जासूसी कर रहे हैं, बल्कि उन्हें ये समझाएं कि इसकी मदद से आप हमेशा उनसे जुड़े रहेंगे. बच्चों को इंटरनेट की समझ दें और बताएं कि अच्छे और बुरे कंटेंट में क्या फर्क है. उन्हें बताएं कि क्या पढ़ना, देखना सही है और क्या नहीं. बच्चा कुछ गलत करे तो उसे समझाएं, क्योंकि ऐप तो तभी काम करेगा ना जब तक मोबाइल ऑन रहेगा या बच्चे के साथ रहेगा. डांट-फटकार से परेशान होकर बच्चा मोबाइल बंद भी कर सकता है या फिर उसे कहीं छोड़ कर आपको गुमराह भी कर सकता है. यानी गूगल का ये ऐप भले ही आपके मन की मुराद पूरी कर रहा हो, लेकिन तकनीक की अपनी खामियां होती हैं.

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