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Updated: 13 जुलाई, 2019 02:48 PM
अभिनव राजवंश
अभिनव राजवंश
  @abhinaw.rajwansh
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आखिरकार डेढ़ महीनों के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के बाद 14 जुलाई को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर विश्वकप का फाइनल खेलने वाली दो टीमों के नाम तय हो गए हैं. जहां एक तरफ इंग्लैंड की टीम पांच बार के विश्वकप विजेता टीम, ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हरा कर फाइनल में पहुंची है, तो वहीं न्यूज़ीलैंड की टीम 2 बार विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम को हरा कर फाइनल में प्रवेश किया है. बहरहाल अब इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के विश्वकप के फ़ाइनल में पहुंचने से एक बात तो तय है कि अब विश्व क्रिकेट को एक नया विश्वविजेता मिलने वाला है, क्योंकि न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड दोनों ही टीम अब तक विश्वकप के ट्रॉफी से महरूम रही है. ऐसे में अब यह तय हो गया अब इंग्लैंड या न्यूज़ीलैंड में से एक टीम क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली छठवीं टीम बनने का गौरव हासिल करने वाली है.

1975 से 2015 तक 11 क्रिकेट विश्वकप खेले गए हैं, इन 11 विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने सबसे ज्यादा पांच बार (1987, 1999, 2003, 2007, 2015) विश्वकप की ट्रॉफी जीती है, इसके अलावा वेस्टइंडीज की टीम ने दो बार (1975, 1979), भारतीय टीम ने दो बार (1983, 2011), जबकि पाकिस्तान(1992) और श्रीलंका (1996) को एक-एक बार इस ट्रॉफी को जीतने का गौरव मिला है.

world cup 2019इंग्लैंड या न्यूज़ीलैंड में से एक टीम क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली छठवीं टीम बनने का गौरव हासिल करने वाली है

हालांकि इस बार पूर्व में ट्रॉफी जीतने वाली पांच में से कोई भी टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकी है, तो अब यह तय है कि कोई नई टीम के सर पर इस बार जीत का सेहरा बांधने वाला है. अगर अब तक इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के विश्वकप के आकड़ों पर नजर डालें तो इंग्लैंड की टीम के पास न्यूज़ीलैंड की तुलना में ज्यादा विश्वकप फाइनल खेलने का अनुभव है. इंग्लैंड के लिए यह विश्वकप फाइनल खेलने का चौथा मौका होगा, इससे पहले इंग्लैंड की टीम साल 1979, 1987, 1992 में भी विश्वकप के फाइनल में पहुंची थी, हालांकि इन मैचों में उसे क्रमशः वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीम के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी. वहीं न्यूज़ीलैंड के लिए यह लगातार दूसरा मौका होगा जब उनकी टीम विश्वकप के फाइनल में पहुंची है. इससे पहले विश्वकप के पिछले संस्करण, साल 2015 में भी न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंचने में सफल रही थी, हालांकि फाइनल में न्यूज़ीलैंड को ऑस्ट्रेलिया ने हरा दिया था.

अगर विश्वकप में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के एक दूसरे के खिलाफ रिकॉर्ड देखें तो इसमें न्यूजीलैंड की टीम का रिकॉर्ड कुछ बेहतर नजर आता है. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड ने विश्वकप में अब तक 9 मुकाबले खेले हैं, जिनमें इंग्लैंड चार मुकाबले जीत सका है और बाकियों में उसे हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि इस विश्वकप के लीग मुकाबले में इंग्लैंड ने न्यूज़ीलैंड को 119 रनों से हराया है, मगर उससे पहले इंग्लैंड न्यूजीलैंड से आखिरी बार 1983 के विश्वकप में जीतने में सफल रही थी जबकि उसके बाद 1983 के दूसरे मैच में, 1992, 1996, 2007 और 2015 में न्यूजीलैंड की टीम इंग्लैंड पर भारी पड़ी थी. यानी इन दोनों देशों के बीच विश्वकप के आखिरी 6 मुकाबलों में न्यूजीलैंड का दबदबा रहा है, और न्यूजीलैंड ने इनमें से पांच में जीत दर्ज की है.

हालांकि इस विश्वकप में इंग्लैंड ने न्यूज़ीलैंड को मात दी है और वर्तमान फॉर्म में निश्चित रूप से कागज पर इंग्लैंड की टीम बेहतर नजर आती है. इंग्लैंड के साथ घर में खेलने का एडवांटेज भी होगा, इससे पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साल 2011 और 2015 में खुद की मेजबानी में विश्वकप जीतने में सफल रही है, ऐसे में हो सकता है कि लगातार तीसरी बार विजेता का सेहरा मेजबान के सर ही सजे. हालांकि न्यूज़ीलैंड़ की टीम भले कागज पर इंग्लैंड से कुछ कमजोर नजर आ रही है, मगर जिस प्रकार न्यूज़ीलैंड़ की टीम ने भारत की मजबूत टीम को कम स्कोर बनाने के बावजूद हरा दिया, उससे न्यूजीलैंड को कमतर तो बिलकुल भी नहीं आंका जा सकता है. इस पूरे टूर्नामेंट में न्यूज़ीलैण्ड की गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण भी काफी धारदार रही है. ऐसे में फाइनल में एक जोरदार टक्कर होने की पूरी उम्मीद है. हालांकि पहली बार किसके सर विश्वविजेता का ताज सजेगा यह तो रविवार को ही पता चल पायेगा.

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अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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