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Updated: 11 जनवरी, 2018 06:20 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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कहते हैं ना, 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'. ये बात यूसुफ पठान के केस में एकदम फिट बैठती है. काफी समय से टीम इंडिया में वापसी की कोशिश कर रहे युसुफ पठान डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं. उन्होंने प्रतिबंधित दवा का सेवन किया, जिसके चलते वह डोप टेस्ट में फेल हुए. दरअसल, किसी भी खिलाड़ी को कोई भी दवा खाने से पहले काफी सावधानी बरतनी होती है. वाडा (वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी) ने कई दवाओं को प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में रखा हुआ है. अगर कोई खिलाड़ी इसका सेवन करता है तो उस पर बैन लगा दिया जाता है. यूसुफ पठान के केस में गनीमत यह है कि उन पर बीसीसीआई ने सिर्फ 5 महीनों का बैन लगाया है. यह टेस्ट पिछले साल हुआ था, इसलिए 5 महीने की अवधि इसी 14 तारीख को खत्म भी हो रही है. अधिकतर लोग यह जानते हैं कि यूसुफ पर बैन प्रतिबंधित दवा खाने की वजह से लगा, लेकिन यह नहीं जानते कि इस दवा पर प्रतिबंध लगाया क्यों गया है. दवा तो दवा होती है, उसका काम होता है बीमारी ठीक करना, तो फिर बैन क्यों?

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कौन सी दवा खाई यूसुफ पठान ने?

यूसुफ पठान ने जो दवा खाई उस पर प्रतिबंध क्यों है यह जानने से पहले आइए जानते हैं कैसे यूसुफ पठान ने खाई वो प्रतिबंधित दवा. उन्होंने खांसी के लिए एक दवा खाई थी, जिसमें टरबुटालाइन नामक पदार्थ था. वाडा ने टरबुटालाइन को प्रतिबंधित किया हुआ है. किसी भी खिलाड़ी को यह दवा खाने से पहले बीसीसीआई से अनुमति लेनी पड़ती है. साथ ही इस बात के सबूत भी देने होते हैं कि उसके अलावा कोई और दवा नहीं ली जा सकती है. टरबुटालाइन का इस्तेमाल अधिकतर अस्थमा से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए होता है. यूसुफ ने यह दवा गले के इंफेक्शन से निजात पाने के लिए खाई थी, लेकिन मुसीबत में फंस गए.

क्यों प्रतिबंधित है टरबुटालाइन?

टरबुटालाइन को वाडा ने इसलिए प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में रखा है, क्योंकि इस दवा से मांसपेशियों की ताकत बढ़ जाती है. यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में यह साफ किया है कि टरबुटालाइन दवा के सेवन से एनारोबिक परफॉर्मेंस बढ़ जाती है यानी व्यक्ति सामान्य स्थिति के मुकाबले बिना ऑक्सीजन के काफी देर तक रह सकता है. साथ ही, इस दवा से मांसपेशियों की ताकत भी बढ़ जाती है. आपको बता दें कि इस तरह से दवाओं का सेवन करके कोई खेल खेलने में व्यक्ति अपनी वास्तविक क्षमता से अधिक खेल सकता है. यही कारण है कि वाडा ने इसे बैन किया है.

यूसुफ पठान का पत्र

यूसुफ पठान ने एक पत्र के माध्यम से यह कहा है कि उन्होंने जानबूझ कर इस दवा का सेवन नहीं किया. उन्होंने जो दवा खाई उसमें टरबुटालाइन नामक पदार्थ था. इस दवा को उन्होंने गले के इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए खाया था. उन्होंने कहा कि इसके पीछे उनका मकसद अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना कतई नहीं था. साथ ही उन्होंने भविष्य में अधिक सतर्क रहने की बात कही. बीसीसीआई ने भी यही कहा है कि यूसुफ पठान ने अनजाने में इस दवा को सेवन किया, जिसके चलते उन पर बैन लगाया जा रहा है.

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कहते हैं 'दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है'. अब वही हालत हो गई है यूसुफ पठान की. आगे से कभी भी कोई दवा लेने से पहले यूसुफ पठान यह जरूर सुनिश्चित कर लेंगे कि उसमें कोई प्रतिबंधित दवा ना हो. अगर उन्होंने यह सतर्कता पहले ही दिखाई होती तो उन पर बैन नहीं लगता. भले ही बैन की सीमा महज कुछ दिनों में खत्म होने जा रही है, लेकिन उन पर बैन होने का एक ठप्पा जरूर लग चुका है.

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