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Updated: 21 अप्रिल, 2018 03:31 PM
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आईपीएल की सबसे बेकार टीम कौन सी है? ज्यादातर लोगों का जवाब दिल्ली डेयरडेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब में से एक होगा. इन दोनों ही टीमों के पास तीन बार आखिरी पायदान पर रहने का रिकॉर्ड है. इन दोनों ने एक बार भी लीग में कप नहीं उठाया. और अधिकतर समय अंक तालिका में ये नीचे ही रहे हैं. लेकिन इन दोनों ही टीमों की कमजोरी मैदान पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना नहीं है. बल्कि ग्राउंड के बाहर ये खिलाड़ियों का एक कोर ग्रुप बनाने में असफल रहे हैं. जिस वजह से इनकी एक मजबूत टीम नहीं बन पाई.

लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) पूरी तरह से अलग ही नस्ल है. क्योंकि दुनिया के कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों को अपनी टी20 टीम में लेने के बावजूद ये प्रदर्शन नहीं कर पा रहे. 1970 के दशक में क्रिकेट सर्किल में वेस्टइंडीज के लिए एक शब्द का इस्तेमाल किया जाता था: कैलिप्सो क्रिकेटर्स. कैलिप्सो वैसे तो त्रिनिदाद में संगीत का एक रूप है, लेकिन इस शब्द ने नकारात्मक अर्थ ले लिया है. इसका मतलब है कि वेस्टइंडीज टीम क्रिकेट तो बहुत ही मनोरंजक खेलती है, लेकिन जीत का माद्दा उनमें नहीं है.

आरसीबी, आईपीएल के कैलीप्सो क्रिकेटर्स हैं. पिछले कुछ सालों में हमने विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, क्रिस गेल, इऑन मॉर्गन, केविन पीटरसन, राहुल द्रविड़, मार्क बाउचर, रॉस टेलर, जैक्स कैलिस और तिलकरत्ने दिलशान जैसे खिलाड़ियों को लाल जर्सी पहने और शानदार पारियां खेलते देखा है. 2008 में 36 गेंदों पर 75 रन की राहुल द्रविड़ की पारी याद है न? 2009 में रॉस टेलर की 33 गेंद में 81 रन की अविश्वसनीय पारी याद है न? या गेल और एबी की धुंआधार पारियों में से कोई याद है? या फिर एक सीजन में विराट कोहली के हजार रन और चार शतक याद हैं?

RCB, IPLद्रविड़ की पारी याद है?

आरसीबी के बल्लेबाजों ने हमें आईपीएल के कुछ सबसे मनोरंजक और यादगार क्षण दिए हैं. आरसीबी का मैच, वो भी चिन्नास्वामी स्टेडियम में देखना एक अनुभव है. एक फीलिंग. माहौल जितना आप सोच सकते हैं उससे भी अच्छा होता है. स्टेडियम में आरसीबी के लिए लोगों की दीवानगी इतनी होती है आप भी खुद ब खुद आरसीबी के लिए ही चियर करने लगते हैं. फिर चाहे आप किस भी टीम के समर्थक हों, वहां के माहौल में आप ऐसे रम जाते हैं कि आरसीबी के लिए तालियां बजाते हैं. क्रिस गेल जब 175 रन बनाते हैं तो आप पागल हो जाते हैं. या जब एबी डिविलियर्स, अपने ही साथी और उस समय के विश्व के बेस्ट बॉलर, डेल स्टेन के एक ही ओवर में 23 रन ठोक डालते हैं तो आप खुशी से झूम उठते हैं. सीटियां बजाते और एबी एबी चिल्लाते गला फंसा लेते हैं.

RCB, IPLधुरंधरों से भरी टीम ट्रॉफी नहीं जीत पा रही

लेकिन इतने के बाद भी आप या बेंगलुरु के प्रशंसक कभी भी टीम को ट्रॉफी उठाते नहीं देख पाए. इसके लिए सबसे बड़ा कारण टीम बैलेंस में कमी होना है. हर टीम की एक मजबूती है. सनराइजर्स को अपनी गेंदबाजी पर गर्व है. सीएसके को उनकी बल्लेबाजी में गहराई के लिए जाना जाता है. मुंबई इंडियंस ने अपने नाम के मुताबिक ही आईपीएल में लगातार घरेलू प्रतिभाओं को जगह दी. केकेआर अपने स्पिनरों के लिए जाने जाते हैं.

ये इन टीमों की मजबूती का सिर्फ एक हिस्सा है. पिछले एक दशक से आरसीबी प्रबंधन जो गलती बार बार दोहरा रहा है वो ये है कि कुछ बल्लेबाजों को बार बार खरीदना/रिटेन रखना लेकिन बाकी सभी डिपार्टमेंट की पूरी तरह से उपेक्षा करना. पहले भी ये हो चुका है कि आरसीबी की बैटिंग में डेप्थ की कमी के कारण क्रिस गेल, विराट कोहली और एबी डिविलियर्स पर ही पूरा बोझ रहा है.

आरसीबी ने ऑलराउंडर्स की तरफ भी कभी ध्यान नहीं दिया जिन्हें आम तौर पर टी -20 क्रिकेट में सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों के रूप में माना जाता है. ड्वेन ब्रावो, किरॉन पोलार्ड, सुनील नरैन, बेन स्टोक्स और रविंद्र जडेजा को उनके ऑलराउंडर होने के कारण भारी रकम मिले हैं. कभी कभी ऑलराउंडर की कमी के कारण आरसीबी में सातवें नंबर पर टेल-एंडर बल्लेबाजी कर रहे होते हैं.

लेकिन जिस डिपार्टमेंट को इन्होंने सबसे ज्यादा नजरअंदाज किया है वो है गेंदबाजी. युजवेंद्र चहल को छोड़कर आरसीबी ने गेंदबाजों पर पैसे लगाने की जरूरत को अनदेखा किया है. भले ही टी -20 बल्लेबाजों का खेल है. लेकिन इस बात के बहुत से सबूत हैं कि मैच आपको गेंदबाज ही जीताते हैं. अब तक आईपीएल में दो साफ धड़े तय हो गए हैं. एसआरएच मुकाबले में कहीं नहीं हैं लेकिन फिर भी वो एक मजबूत टीम हैं. दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स छोटे टीम हैं. लेकिन आरसीबी दोनों धड़ो के बीच में है. उनके पास ऐसे सितारे हैं जो कभी-कभी धुरंधर टीमों के खिलाफ मजबूती से खड़े होते हैं और मजबूत टक्कर देते हैं. लेकिन फिर उनके लिए कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जब इनके स्टार प्लेयर फेल हो जाते हैं और फिर ये टीम छोटी टीमों के खिलाफ भी हांफती नजर आती है.

और ऐसा लगता है कि इस सीजन में भी वो बीच में खड़े रहने वाले हैं.

(ये लेख भास्कर चावला ने DailyO के लिए लिखा था)

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