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Updated: 18 अक्टूबर, 2018 09:10 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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पाकिस्तान की अदालत में आखिरकार 7 साल की मासूम जैनब के रेपिस्ट और हत्यारे को मौत की सजा मिल ही गई. जैनब के पिता आमीन अंसारी के सामने ही दोषी इमरान अली को फांसी के फंदे पर लटकाया गया. जैनब के पिता ने अली की फांसी का लाइव टेलिकास्ट करने की इजाजत भी मांगी थी, लेकिन उनकी अर्जी ठुकरा दी गई. 4 जनवरी को पाकिस्तान के कसूर से जैनब लापता हुई थी और 5 दिन बाद उसका शव एक कचरे के ढेर में मिला था. इस मामले के सामने आने के बाद कसूर समेत पाकिस्तान में कई जगहों पर प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसमें दो लोगों की मौत भी हो गई थी. लेकिन पाकिस्तान के कसूर में सिर्फ एक इमरान अली ही गुनहगार नहीं है, बल्कि यहां कसूरवारों की संख्या इतनी अधिक है कि अगर सबकी फांसी का लाइव टेलिकास्ट करना शुरू कर दिया गया तो ये टेलिकास्ट रुकेंगे ही नहीं.

जैनब, बलात्कार, हत्या, पाकिस्तानरेप और हत्या करने के दोषी इमरान अली को फांसी दिया जाना एक अच्छी शुरुआत है.

कसूर के कसूरवार बच्चों को बनाते हैं निशाना

पाकिस्तान के कसूर में महज 10-10 रुपए में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो बेचते लोग दिख जाएंगे. अगर जैनब की ही बात करें तो महज साल भर के अंदर वह 12वीं ऐसी बच्ची थी, जिसका रेप कर के हत्या की गई थी. हो सकता है कि अपराधियों ने उसका भी कोई वीडियो बनाया हो. 2015 में यहां पर एक चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़ भी हुआ था, जिसमें हुसैन खानवाला गांव के करीब 200 बच्चों के पोर्न वीडियो बनाए गए थे. इस रैकेट को चलाने वाले लोगों की उम्र 20-30 साल के बीच थी. हैरानी तो ये है कि ये रैकेट सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेता मलिक सईद चला रहे थे. एक एनजीओ साहिल के अनुसार पिछले करीब 3 सालों में सिर्फ कसूर में बच्चों के साथ अपराध के करीब 720 मामले सामने आ चुके हैं. यानी जैनब का केस तो सिर्फ अजगर की पूंछ भर है. अगर पूरे कसूर से कसूरवारों को ढूंढ़-ढूंढ़ कर निकाला जाए तो शायद पता चलेगा कि कसूर तो बच्चों के साथ होने वाले अपराधों का गढ़ बन चुका है.

अली के गुनाहों के सामने फांसी की सजा भी कम है

भले ही जैनब का मामला कसूर के अजगर की पूंछ भर हो, लेकिन रेप और हत्या करने के दोषी इमरान अली को फांसी दिया जाना एक अच्छी शुरुआत जरूर है. लेकिन अली के गुनाहों की लिस्ट जितनी लंबी है, उसके सामने फांसी की सजा भी कम दिखती है. जैनब के मामले में गिरफ्त में आने के बाद अली ने कबूल किया था कि उसने करीब 9 मासूम बच्चियों के साथ रेप के बाद उनकी हत्या की है. कोर्ट ने भी अली को अलग-अलग कई मामलों में 21 बार मौत की सजा, 3 बार उम्र कैद और 23 सालों की जेल की सजा सुनाई थी. वीडियो फुटेज से पुलिस ने इमरान अली की पहचान की थी.

लाइव टेलिकास्ट बन सकता था सबब

जैनब के पिता ने कोर्ट से मांग की थी कि अली को सार्वजनिक स्थल पर फांसी दी जाए, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. उन्होंने इसका लाइव टेलिकास्ट करने की भी इजाजत मांगी, लेकिन कोर्ट ने वो अर्जी भी ठुकरा दी. पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता रहमान ने भी अली को सार्वजनिक रूप से फांसी देने का विरोध किया था और कहा था कि अगर ऐसा किया गया तो भविष्य में इस तरह की मांगें आने लगेंगी. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा था कि फांसी के वक्त जैनब के पिता को वहां मौजूद रहने की इजाजत मिलनी चाहिए. लाइव टेलिकास्ट की इजाजत के बाद ऐसी और भी याचिकाएं आतीं जरूर, लेकिन इससे उन अपराधियों में एक खौफ पैदा हो सकता था, जिन्होंने कसूर को चाइल्ड पोर्नोग्राफी का गढ़ बना दिया है.

जैनब, बलात्कार, हत्या, पाकिस्तानजैनब के पिता ने इमरान अली की फांसी का लाइव टेलिकास्ट करने की भी इजाजत मांगी थी.

जैनब का मामला भी समझ लें

4 जनवरी को जैनब लापता हुई. जिसके बाद यह मामला थाने पहुंचा और एक एफआईआर दर्ज की गई. 9 जनवरी को बच्ची का शव कूड़े के ढेर में पड़ा मिला. बच्ची के साथ कई बार रेप हुआ था और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पूरे कसूर में हिंसा शुरू हो गई. जब पुलिस ने मामले की छानबीन करते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि इमरान अली नाम के शख्स ने उसके साथ ये दरिंदगी की थी. देखिए जैनब के केस में कब क्या हुआ-

4 जनवरी- पाकिस्तान के कसूर से जैनब लापता हुई. इसके अगले दिन परिवार ने एफआईआर दर्ज करा दी.

9 जनवरी- एक पुलिसवाले को छानबीन के दौरान कूड़े के ढेर में जैनब का शव मिला. इसके बाद पूरे कसूर में हिंसा होने लगी.

13 जनवरी- क्राइम सीन की डीएनए टेस्टिंग की गई, जिसके बाद पता चला कि इस मामले का आरोपी कम से कम 7 अन्य ऐसे ही मामलों में भी शामिल रहा है.

23 जनवरी- पुलिस ने 24 साल के इमरान अली की पहचान होने के बाद उसे रेप और हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया.

12 फरवरी- लाहौर की कोट लखपत जेल में जैनब केस में इमरान अली का 4 दिन ट्रायल हुआ. इसके बाद अली को फांसी की सजा सुनाई गई.

20 फरवरी- इमरान अली ने इस फैसले को लाहौर हाईकोर्ट में चुनौती दी.

20 मार्च- लाहौर हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को जारी रखा और इमरान अली की याचिका को खारिज कर दिया.

12 जून- सुप्रीम कोर्ट ने इमरान अली की याचिका को खारिज कर दिया.

10 अक्टूबर- राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी इमरान अली की याचिका को खारिज कर दिया.

12 अक्टूबर- इमरान अली के खिलाफ जैनब का रेप और हत्या करने के मामले में डेथ वारंट जारी कर दिया गया.

17 अक्टूबर- इमरान अली को लाहौर की कोट लखपत जेल जैनब के पिता के सामने फांसी के फंदे पर लटका दिया गया.

जैनब, बलात्कार, हत्या, पाकिस्तान12 अक्टूबर को इमरान अली के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया गया.

जैनब के रेपिस्ट और हत्यारे को उसके किए की सजा तो मिल चुकी है, लेकिन फांसी पर लटकाने के लिए ले जाते वक्त उसके चेहरे पर ना तो शर्म थी, ना डर और ना ही कोई पछतावा. जैनब की मां कितनी दुखी हैं, इसका अंदाजा आप उनकी एक ख्वाहिश से ही लगा सकते हैं. वह कहती हैं कि उन्होंने अपनी बच्ची को 6 साल तक प्यार से पाला तो उसके हत्यारे को कम से कम 6 दिन तक तो फांसी पर लटकता छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अली को चीखता हुआ नहीं देखना चाहती हैं, बल्कि यह भी चाहती हैं कि अली की चीखें उसकी मां भी सुने. जैनब के पिता से अधिकारियों ने वादा किया था कि फांसी देने से पहले वह अली से से उनकी मुलाकात कराएंगे, लेकिन आखिरी मौके पर मुकर गए. उस पिता के मन में कई सवाल थे, जो वह अली से पूछना चाहते थे, लेकिन वह सारे सवाल अब उनके ही जेहन में दफन हो गए हैं. जैनब के माता-पिता ने सभी से गुहार लगाई है कि वह अपनी बच्चियों के साथ होने वाले अपराध को छुपाएं नहीं, क्योंकि इसी की वजह से अली जैसे अपराधियों की हिम्मत बढ़ती है और आए जिन जैनब जैसी कोई बच्ची उनकी हवस का शिकार होती है.

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