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Updated: 05 मार्च, 2021 05:51 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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एक साधारण महिला की कहानी इन दिनों हर घर में छाई हुई है. इस सीरियल का नाम है अनुपमा (Anupamaa show). जिसकी कहानी दर्शकों को काफी पसंद आ रही है. स्टार प्लस (Star plus) के इस शो में एक साधारण घरेलू महिला की कहानी दिखाई है जो अपने घर-परिवार में ही खोई हुई है. उसकी दुनियां बच्चों, सास-ससुर और पति से शुरू होकर उन पर ही खत्म हो जाती है. एक हाउस वाइफ की जिंदगी (Housewife life) कैसी होती है. अगर आपको यह देखना है तो इस सीरियल का एक एपिसोड (Anupamaa show today episode) ही काफी है.

एक महिला मां, पत्नी और बहू के किरदार को निभाते हुए किन तकलीफों से गुजरती है, इस बात को दर्शक अब तक समझ गए हैं. इस सीरियल में कुछ भी अनोखा नहीं दिखाया गया है, सिर्फ हर महिला की सच्चाई दिखाई गई है.

cast real name, Anupamaa real name, Anupamaa serial live, anupamaa timing, Anupamaa today episodeहर महिला अनुपमा में खुद को क्यों देखती है

आज के जमाने की हर महिला अनुपमा के अंदर कहीं ना कहीं खुद को देखती है. कहने को तो यह सीरियल है लेकिन हर महिला की रियल स्टोरी है. इसलिए जब भी अनुपमा परेशान होती है तो महिलाएं भी परेशान हो जाती हैं और यह जानना चाहती हैं कि कैेस अनुपमा उन परेशानियों से डील करती है. क्योंकि महिलाओं को असल जिंदगी में भी इन्हीं तरह की परेशानयों से पाला पड़ता है.

वे खुद को अनुपमा से जुड़ा हुआ महसूस करती हैं. अच्छी बात यह है कि अनुपमा कोई हाय बेचारी टाइप महिला नहीं है. अनुपमा वो नहीं है जो परेशानियों से हार मानकर जीना छोड़ दे, अनुपमा तो वो है जो हर मुश्किल का सामना करते हुए आगे बढ़ जाए.

यह एक साधारण से परिवार की सच्ची कहानी है. जिसमें अनुपमा के तीन प्यारे बच्चे हैं तोषु, समर और पाखी. जिन्हें वो जान से ज्यादा प्यार करती है जैसे हर मां अपने बच्चों से करती है. एक पति है वनराज, जिससे वह बहुत प्यार करती थी. जिस पर वो दुनिया में सबसे ज्यादा भरोसा करती थी लेकिन पति ने उसे धोखे में रखा. दरअसल, पति का ऑफिस में काव्या नाम की महिला से अफेयर चल रहा है.

सास दिल की नर्म है पर जुबान की तेज, जो हर पल अनुपमा को घर बचाने और त्याग करने का सुझाव देती है. पाखी को अनुपमा प्यार से स्वीटी बुलाती है जो उसे पसंद नहीं आता, उसे लगता है कि उसकी मां को कुछ नहीं आता, वह मॉडर्न मॉम की तरह नहीं है.

दुनिया वालों के सामने उसे अनुपमा को मां कहने में भी शर्म आती है. वहीं तोषु अपने पापा की तरह बनना चाहता है और हर बात में उसे मां की गलती नजर आती है पापा की नहीं. वहीं तोषु की पत्नी किंजल अपनी मम्मी अनुपमा को समझती है और सपोर्ट करती है. वहीं अनुपमा का छोटा बेटा समर और ससुर यानी बापूजी उसका साथ देते हैं.

एक दिन अनुपमा को वमराज की सच्चाई पता चल जाती है और उसका विश्वास टूट कर बिखर जाता है. वह सदमे में चली जाती है और इसके बाद अनुपमा का बदलता हुआ रूप देखने को मिलता है. वह वनराज को तलाक देकर लाइफ में आगे बढ़ना चाहती है. कहानी मिडिल क्लास फैमिली और समाज की सोच के आस-पास घूमती है. एक बात और इस सीरियल की लीड एक्ट्रेस रूपाली गांगुली अपनी एक्टिंग के दम रूलाने की ताकत रखती हैं.

गृहणियों से जुड़े सवाल पूछता एक सीरियल

इस सीरियल में महिलाओं से जुड़े कई मुद्दे भी बड़ी बारीकी के साथ उजागर किए जा रहे हैं. जैसे- घर का सारा काम हाउसवाइफ ही क्यों करें? एक महिला को गाड़ी क्यों नहीं चलानी चाहिए? एक हाउसवाइफ घड़ी क्यों नहीं पहन सकती? हर मामले की जिम्मेदार घर की महिला क्यों होती है?

घर की महिलाएं अपने सपनों से समझौता क्यों करें? हर बार माफी महिलाएं क्यों मांगे?महिलाओं से क्यों उम्मीद की जाती है कि पति कितनी भी गलती कर दे वे माफ कर दें? रिश्ता निभाने की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की क्यों है?

महिलाएं अपनी पसंद का खाना क्यों नहीं बना सकतीं? महिलाओं को घर के कामों से एक दिन छुट्टी क्यों नहीं मिल सकती? एक महिला आगे बढ़कर तलाक क्यों नहीं ले सकती? घर में सबकी खुशियों के लिए एक महिला की क्यों कंप्रोमाइज करे? घर की प्रॉपर्टी पर महिलाओं का हक क्यों नहीं? यहां तक की बहू और बेटे के जन्मदिन में अंतर क्यों? एक महिला अकेले क्यों नहीं जिंदगी बिता सकती?

एक महिला से यह क्यों उम्मीद की जाती है कि वह पति के गलती को माफ कर दे और रिश्ता ना तोड़े? एक महिला अपने मन पसंद का काम क्यों नहीं कर सकती? एक महिला अपने हेल्थ का ध्यान क्यों नहीं रखती? एक महिला खुद को सभी घरवालों के बाद क्यों रखती है? एक महिला अपना गुस्सा क्यों नहीं जाहिर कर सकती?

सास-बहू और साजिश से परे कहानी

कुल मिलाकर इस सीरियल में हाउस वाइफ की असल जिंदगी को दिखाया जा रहा है. जो लगभग हर घर की सच्चाई है. खासकर 40 से 45 साल की वे महिलाएं जो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं या फिर पढ़ने के बाद भी अपने सपनों को मारकर घर-परिवार की जिम्मेदारियों में रमकर खुद को भूल गईं. पहली बार किसी सीरियल में सास-बहू, साजिश के अलावा इतनी असलियत देखने को मिल रही है. जो किसी सस्पेंस के साथ नहीं दिखाया जाता, ऐसा लगता है कि हम टीवी सीरियल नहीं बल्कि असल जिंदगी को देख रहे हैं.

अब Anupamaa सारी मुसीबतों से लड़ते हुए अपनी लाइफ में आगे बढ़ रही है. अनुपमा की खासियत डांस और स्वादिष्ट खाना बनाना है. अब वह स्कूल में बच्चों को खाना बनाना सिखाती है और डांस करना भी. वह अंग्रेजी भाषा सीख रही है और गाड़ी भी चला रही है. यानी अब अनुपमा शादी के 25 साल बाद पति से अलग होने के बाद अपनी लाइफ जी रही है. जिस घर में बेटे के टैलेंट के आगे बहू की क्वालिटी नजर नहीं आती थी, वही अब उस घर का खर्चा उठा रही है.

अपनी परवाह ना करने वाली मां, सबसे आखिरी में खाना खाने वाली हाउसवाइफ, सुबह सबसे पहले उठने वाली महिला और शादी के बाद मायके को भूल जाने वाली बेटी अनुपमा में खुद को देखती है. अनुपमा में वही दिखाया जा रहा है जो महिलाओं के साथ सच में हो रहा है.

इसलिए यह सीरियल हर घर में देखा जा रहा है. महिलाओं का तो यह फेवरेट सीरियल है, इसलिए पिछले कई महीनों से यह टीआरपी में नंबर 1 पर है. इसके प्रोड्यूसर राजन शाही हैं जिन्होंने ये रिश्ता क्या कहलाता है प्रोड्यूस किया है. इस शो में रूपाली गांगिली, सुधांशु पांडे और मदालर्सा शर्मा लीड रोल में हैं.

रूपाली गांगुली के 'अनुपमा' छोड़ने की खबर से बेचैनी

अनुपमा की भूमिका निभा रही रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly as Anupamaa) के शो छोड़ने की खबर आने के बाद दर्शक परेशान हो गए हैं. सोशल मीडिया पर दर्शकों ने रूपाली गांगुली से शो ना छोड़ने की अपील कर रहे हैं. इसी बात से आप इस सीरियल का अंदाजा लगा सकते हैं कि लोग क्यों अनुपमा से खुद को इतना जुड़ा हुआ पा रहे हैं. दरअसल, रूपाली गांगुली को नच बलिए शो की तरफ से ऑफर आया था.

हालांकि रूपाली ने अभी तक इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है. इस सीरियल को सिर्फ महिलाएं ही नहीं पुरुष भी देखते हैं. अनुपमा की कहानी हर उस शख्स को पसंद आएगी जो महिलाओं के हक के बारे में सोचता है.

एक मां, एक पत्नी और एक बहू के रूप के अलावा महिला का अपना भी एक रूप होता है. इस सीरियल को देखकर लोगों को यह बात तो समझ आ ही जाएगी. साथ ही Housewife की तकलीफ को भी दर्शक महसूस कर पाएंगे.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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