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Updated: 02 सितम्बर, 2022 08:34 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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पति का पत्नी से, पत्नी का पति से कब मन भर जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे में तलाक ही दोनों के पास एक मात्र ऑप्शन रहता है. तलाक के कुछ ही मामले होते हैं जो सही मायनों में लॉजिकल होते हैं. वरना ऐसे ऐसे कारणों का हवाला देकर लोग एक दूसरे से जुदा होने के लिए कोर्ट का रुख करते हैं कि हंसी ही न रुके. मतलब कभी कोई रोटी न गोल मिल पाने के कारण तलाक दे देता है. तो कभी तलाक सिर्फ इसलिए होता है कि पत्नी को मसालेदार और चटपटी सब्जी बनानी नहीं आती. कहीं कपडे वजह बनते हैं तो कहीं महिला का अख़बार पढ़ना. ऐसे ही कुछ मिलता जुलता मामला वजन का है जो यूपी के मेरठ से जुड़ा है. मेरठ में एक पति ने पत्नी को सिर्फ इसलिए तलाक तलाक तलाक कहकर घर से निकाल दिया क्योंकि शादी के बाद पत्नी मोटी हो गयी थी. नजमा नाम की महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति सलमान अक्सर उसके वजन को लेकर उसे अपमानित करता था और कई मौके ऐसे भी आए जब पति ने उसके साथ मारपीट की.

Divorce, Marriage, Husband, Wife, Divorce, Obesity, Domestic Violence, UP, Meerutमेरठ में जिस लॉजिक के तहत पति ने पत्नी को तलाक दिया वो कई मायनों में वाहियात है

पत्नी ने अपने पति पर तमाम तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं. पत्नी का कहना है कि तलाक और मारपीट की नौबत सिर्फ इसलिए आई क्योंकि शादी के फ़ौरन बाद से ही उसका वजन बढ़ रहा था.  मेरठ की जाकिर कॉलोनी की रहने वाली 8 साल की शादीशुदा नजमा तमाम तरह की यातनाएं सिर्फ इसलिए खेल रही है क्योंकि वो मोटी हो रही है.

सवाल ये है कि क्या पति भी वैसा ही है जैसा वो 8 साल पहले था. जवाब क्या है? उसपर विस्तृत चर्चा की गुंजाईश इसलिए भी नहीं है, क्योंकि हमारी पेरेंटिंग ही कुछ वैसी हुई है.  यदि हम पुरुष हुए तो शादी  के लिए हमें गोरी और दुबली पतली लड़की चाहिए. वहीं जब हम लड़कियों को देखते हैं तो उनके केस में लड़का लंबा और मजबूत पैसे वाला हो. 

उपरोक्त बातें हमें बचपन से बताई गयीं हैं. हमारे दिमाग के प्रोसेसर में फिट की गयी हैं. मेरठ के इस मामले को देखकर तमाम तरह की बातें हो सकती हैं लेकिन हैरान होने की इसलिए भी बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है क्योंकि ये समस्याएं कोई आज की नहीं हैं. चूंकि हमारी सोसाइटी एक पैट्रिआर्कल सोसाइटी है. लड़का यहां खुद भले ही शक्ल सूरत में ख़राब, मोटा या पेट निकला, पान मसाला खाए हुए हो लेकिन जब बात शादी की आएगी तो जो उसका टेस्ट होगा वो हैरान करने वाला होगा. उसे एक ऐसी लड़की से शादी करनी होती है जो परफेक्ट फिगर की मालकिन हो. यानी भले ही हम बोमन ईरानी हों हमें अपना पार्टनर दिशा पटानी जैसा ही चाहिए.

क्यों भाई? आखिर हम अपनी पत्नी या प्रेमिका को मोटा देख पाने में क्यों नहीं सहज हो पाते? क्यों हम ये भूल जाते हैं कि हम बेडौल हैं. शक्ल सूरत से भद्दे हैं  लुक्स हमारे कोई खास नहीं है फिर हम अपनी जीवन संगिनी एक मॉडल क्यों चाहते हैं? क्या हमारे द्वारा अच्छी, गुड़ लुकिंग और सेक्सी बीवी लाना सिर्फ इसलिए है क्योंकि हमें अपने को अपने दोस्तों के सामने प्रूफ करना है? 

मेरठ के मामले में यदि तलाक का कारण बीवी का मोटापा या मोटा होना बना है तो कोई लाख अलग अलग तर्क दे दे सच्चाई यही है कि पत्नी का मोटा होना यदि पति को खला है तो वजह वो हव्वा ही है जिसे हमारे समाज द्वारा निर्मित किया गया है. 

बहरहाल, मेरठ के इस मामले में पीड़िता नजमा को इंसाफ मिलता है या नहीं इसका फैसला तो वक़्त करेगा लेकिन एक बार फिर साफ़ हो गया कि भले ही हम खुद 'घूर' हों बतौर जीवन साथी हमें अपने जीवन में हूर ही चाहिए होती है. मिल गई तो अच्छी बात नहीं तो फिर तलाक की सुविधा तो है ही. जब तक मन हुआ इस्तेमाल किया और जब मन भर गया तो तलाक तलाक तलाक. 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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