New

होम -> समाज

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 03 जुलाई, 2018 06:29 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
  • Total Shares

कहते हैं- 'जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय'. रविवार की रात मासूम पुनीत पर ये कहावत एकदम सटीक बैठी. एक सड़क हादसे में बच्चे के मां-बाप और 11 साल की बहन की मौत हो गई, लेकिन 8 महीने का पुनीत जिंदा बच गया. इस घटना के बारे में जो भी सुन रहा है वह इसे चमत्कार ही मान रहा है. पूरे घटनाक्रम में बच्चे के लिए तीन महिलाओं ने मां की भूमिका अदा की है. पहली वो मां है, जिसने बच्चे को जन्म दिया, दूसरी वो मां है, जिसने दुर्घटना के वक्त बच्चे को बचाया और तीसरी वो मां है, जो अपना दूध पिलाकर उस मासूम की जान बचा रही है. इस बच्चे को खुशनसीब समझें या बदनसीब, जिसे तीन माओं का प्यार तो मिला, लेकिन उसके सिर से मां-बाप का साया उठ गया है.

दुर्घटना, मां, मौत, ट्रैफिक पुलिस, अपराध, गुजरातजब कार ने टक्कर मारी तो मां ने बच्चे को उछाल दिया, जिसे दूसरी महिला ने पकड़ लिया.

क्या है मामला?

ये बात गुजरात के सूरत की है. रविवार रात को डिंडोली के नवगाम फ्लाईओवर पर एक बेकाबू एसयूवी ने मोटरसाइकल से जा रहे परिवार को टक्कर मार दी. बाइक पर पति-पत्नी, उनकी 11 साल की बेटी और 8 महीने का मासूम पुनीत था. बेटी की मौत तो फ्लाईओवर पर ही हो गई, लेकिन पति-पत्नी फ्लाईओवर से करीब 50 फुट नीचे गिरने की वजह से मर गए. गिरते वक्त बच्चे की मां भंवरी ने उसे हवा में उछाल दिया और वहां खड़ी दूसरी महिला लक्ष्मी पाटिल ने लपक कर पकड़ लिया और मासूम की जान बच गए. पुलिस ने बच्चे को उनके पड़ोसी के घर पहुंचा दिया. जब बच्चे को भूख लगी तो उसे बोतल से दूध पिलाने की कोशिश की गई, लेकिन बच्चे ने दूध नहीं पिया. इसके बाद उस पड़ोसी महिला रेखा देवी ने भूख से तड़प रहे बच्चे को अपना ही दूध पिलाया. पुनीत के परिवार में अब सिर्फ उसकी दादी ही बची हैं जो बीकानेर में रहती हैं, वह उसे लेने आ रही हैं.

उस मासूम की क्या गलती है?

वो उम्र, जिसमें बच्चा खिलौने तक से ठीक से खेलना नहीं जानता, उस उम्र में उसके सिर से मां-बाप का साया उठ गया. परिवार में उसे पालने वाली अब सिर्फ उसकी दादी हैं. जिस शख्स की एसयूवी ने इन्हें टक्कर मारी, वो नशे में बुरी तरह से धुत था. ये शख्स है दिव्येश अग्रवाल, जो गोदादरा का रहने वाला है. यूं तो सोमवार को ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस भी दर्ज कर दिया गया है, लेकिन इन सबसे भी उस मासूम को न तो उसके मां-बाप वापस मिल सकते हैं ना ही उसकी आने वाली जिंदगी आसान हो पाएगी.

जिस फ्लाईओवर पर ये हादसा हुआ है उस पर कोई डिवाइडर ना होना भी इस दुर्घटना का बड़ा कारण है. अगर फ्लाईओवर पर डिवाइडर होता तो हादसा इतना बड़ा नहीं होता. 11 साल की लड़की की जान तो फ्लाईओवर पर ही चली गई थी, लेकिन मां-बाप की जान फ्लाईओवर से नीचे गिरने के कारण हुई. ये घटना अगर किसी सड़क पर होती तो मां-बाप की जान बच जाती. ऐसे में फ्लाईओवर पर डिवाइडर होना बेहद जरूरी है, ताकि किसी तरह की अनहोनी होने पर नुकसान कम से कम हो. इस फ्लाईओवर पर डिवाइडर ना होने की वजह से ही ये घटना भयावह हो गई.

वहीं दूसरी ओर, ये दुर्घटना सूरत की ट्रैफिक पुलिस के मुंह पर भी करारा तमाचा है. नशे में धुत होकर सड़कों पर गाड़ी चला रहे शख्स को पुलिस दुर्घटना होने से पहले नहीं पकड़ सकी. लोगों में इस बात का डर है ही नहीं कि नशे में गाड़ी चलाने पर उन्हें पुलिस पकड़ सकती है, तभी तो बिना किसी डर के नशे में धुत उस शख्स ने पूरे परिवार को ही खत्म कर दिया. यातायात नियमों का अगर सख्ती से पालन हो तो इस तरह की घटनाओं पर लगाम लग सकती है, लेकिन घूसखोरी के चलते पैसे वाले अक्सर ही बच निकलते हैं, जिसका खामियाजा सड़क पर चलने वाले आम आदमी को भुगतना पड़ता है.

ये भी पढ़ें-

Whatsapp की अफवाहें में क्‍या हत्‍यारा बनाने की ताकत है !

मुंबई के उस ब्रिज की कहानी जो आज गिर गया

ये अंधविश्वास ही है जो बुराड़ी से लेकर 15 लाख की मांग तक कायम है

#दुर्घटना, #मां, #मौत, Suv Killed Three In Surat, Three Mothers Of A Kid, Bike Accident In Surat

लेखक

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय