भारत से लड़ते-लड़ते पाकिस्तानी आपस में ही लड़ पड़े...
पाकिस्तान का युद्ध अब बाहरी के साथ-साथ अंदरूनी भी होने लगा है जहां एक नेता अपने इलाज के लिए लड़ रहा है तो पुरुष और महिलाएं अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.
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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनी और फिर हालात अब थोड़े काबू में आ गए हैं. जहां एक ओर भारत अपने देश में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारी में जुटा हुआ है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में एक अलग ही युद्ध चल रहा है. पाकिस्तान में जहां राजनेता एक दूसरे से लड़ाई में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर मर्द और औरत भी आपस में भिड़ गए हैं. ये उस देश की बात है जो कुछ दिनों पहले ये दावा कर रहा था कि वो हर मामले में भारत से बेहतर है.
पहला युद्धा है नवाज़ शरीफ और पाकिस्तानी सरकार के बीच. ये वो युद्ध है जिसमें नवाज़ शरीफ ने अपना इलाज करवाने तक से मना कर दिया है और पाकिस्तानी सरकार इसपर राजनीति कर रही है. विपक्ष के बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के पास जाते हैं और कहते हैं कि वो बहुत बीमार हैं, ये वो पाकिस्तान है जहां नवाज़ शरीफ को इलाज के लिए बाहर नहीं भेजा जा रहा, ये वो पाकिस्तान है जहां एक पूर्व प्रधानमंत्री ये कहता है कि उनके देश में बेहतर इलाज की सुविधा नहीं है और उन्हें अपने इलाज के लिए बाहर जाना होगा. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान कह रहे हैं कि उन्हें नवाज़ शरीफ की तबियत की चिंता है. पाकिस्तानी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेता जहांगीर तरीन का कहना है कि अगर वाकई नवाज़ शरीफ का इलाज पाकिस्तान में नहीं हो सकता तो उन्हें लंदन भेजने के बारे में भी सोचा जाएगा.
ये राजनीतिक मसले बताते हैं कि खुद को भारत से बेहतर बनाने वाले पाकिस्तान में भी राजनीति वैसी ही होती है.
नवाज़ शरीफ पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बार-बार बीमार पड़ रहे हैं. उन्हें अस्पताल शिफ्ट करने की बात चल रही है, लेकिन अभी भी उनके विदेश में इलाज को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं.
जहां एक ओर राजनीति के मामले में हमेशा से बहस चलती ही रहती है वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में अब मर्द और औरत भी आपस में युद्ध करने लगे हैं. महिला दिवस पर औरत मार्च #AuratMarch निकाला गया. पाकिस्तानी महिलाएं अपने घर से बाहर आकर अपने हाथों में पोस्टर लिए अपने लिए समान अधिकारों की मांग कर रही थीं. पाकिस्तानी महिलाएं सिर्फ अपने समान अधिकारों के लिए ही मांग कर रही थीं, लेकिन आखिर ये पाकिस्तानी मर्दों को कैसे हजम होता. तो पाकिस्तानी पुरुषों ने अपने पोस्टर निकाले और #MardMarch पर निकल पड़े.
जहां महिलाओं के पोस्टर में रेप, समान अधिकार, घरेलू काम, बुर्खे से आजादी की बातें लिखी हुई थीं वहीं पुरुषों के पोस्टर में जो बातें लिखीं थीं उन्हें देखकर हंसी आ जाएगी.
Some very insecure men have organized a response to #AuratMarch — #MardMarch.This is so sad and pathetic. pic.twitter.com/FS5YltMXVT
— Sameera Khan (@SameeraKhan) March 11, 2019
एक पुरुष अपने पोस्टर में लिखकर खड़ा था, 'पहले खाना बना लो फिर मैं गर्म कर लूंगा.' ये उस औरत मार्च के विरोध में था जिसमें एक महिला अपने पोस्टर पर लिखकर निकली थी कि कभी खाना तुम भी गर्म कर लिया करो.
मतलब यहां भी पुरुष चाहता है कि महिला खाना बनाकर रख दे तो शायद वो उसे गर्म करने के बारे में सोचेगा.
अब ये देखिए, क्या इस स्लोगन को देखकर सेक्सिस्ट कमेंट नहीं कहा जाएगा?
ट्विटर पर इस बात को लेकर पाकिस्तानी पुरुष और महिलाएं आपस में ही भिड़े हुए हैं और लगातार इसपर जंग लड़ी जा रही है.
"Most pathetic trend of the year award goes to #MardMarch you guys are destroying the basic building blocks of society by spreading hate between men and women. It makes me so sad to see this reaction Men are the protectors of women !!! what you guys are doing ??????? pic.twitter.com/SFNxvnB2Pr
— Syeda laila jaffri ???????? (@Mohtermalaila) March 11, 2019
पाकिस्तानी पुरुष और महिलाएं दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं और लड़ाई भी इस मोड़ पर आ गई है जैसे आम तौर पर घरों में होती ही रहती है.
Apparently, men and women both are in some stupid competition over who can come up with the most appalling pretexts to undermine the other and enforce bigoted opinions emphatically.#MardMarch pic.twitter.com/vOBYI1CRxx
— Osama Nasir (@osama_nasir_) March 11, 2019
ये जंग पाकिस्तानी आपस में ही लड़ रहे हैं. अब इसे सही या गलत की जंग कहिए, औरत या मर्द की जंग कहिए या फिर लिब्रल और रूढ़िवादियों की जंग कहिए, लेकिन पाकिस्तान में जंग तो हो ही रही है और ये भी कुछ छोटी-मोटी नहीं है.
पाकिस्तान जैसा देश जो खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा साबित करने के लिए उतावला हुआ रहता है उस देश में इस तरह की बातें न सिर्फ असलियत दिखाती हैं बल्कि ये भी साबित करती हैं कि नया पाकिस्तान अभी भी इतना नया नहीं बन पाया है.
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