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Updated: 09 अगस्त, 2018 03:44 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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ऑफिस में कोई नई लड़की या कोई नया लड़का आए तो पूरे ऑफिस के सिंगल लोगों की बांछें खिल जाती हैं. ऐसा कई बार देखा गया है. फिर शुरू होता है नई दोस्ती, नए प्यार, नए रोमांस का सिलसिला. लेकिन आखिर ये ऑफिस रोमांस sexual harassment में कब बदल जाता है? कब ये समझ नहीं आता कि छोटा सा मज़ाक बड़ा हो गया है?

Vault.com द्वारा किया गया 2018 का एक सर्वे बताता है कि 50% कर्मचारी कम से कम एक बार ऑफिस रोमांस का हिस्सा जरूर बनते हैं और अधिकतर लोग सिर्फ डेटिंग तक ही सीमित रहते हैं. पर इनमें से अधिकतर sexual harassment में बदल जाते हैं. हालांकि, #MeToo मूवमेंट के बाद ये जरूर समझ आने लगा कि अक्सर ऐसे रिश्ते sexual harassment की तरफ बढ़ जाते हैं. आप क्या उम्मीद करते हैं कि किस हद तक सिर्फ फ्लर्ट किया जा रहा है और कब वो साधारण सा जोक आगे बढ़ गया. जहां कुछ किस्सों में ये बातें ज्यादा मायने नहीं रखती हैं वहीं अधिकतर में कोई एक पार्टनर दूसरे का फायदा उठाने की कोशिश करता है. यहीं से शुरुआत होती है sexual harassment की.

ऑफिस, सेक्शुअल हैरेस्मेंट, भारत, कानूनऑफिस हैरेस्मेंट की शुरुआत ऑफिस रोमांस से भी हो सकती है

कई तरह के होते हैं sexual harassment..

अगर किसी को लगता है कि sexual harassment का मतलब सिर्फ यही है कि लड़की के साथ किसी तरह की कोई बड़ी हरकत की गई हो तो ये गलत है. आम छेड़खानी, कोई व्यंग्य, या किसी तरह की अफवाह भी sexual harassment कहलाई जा सकती है. sexual harassment कई तरह के होते हैं.

Quid Pro Quo

ये एक लैटिन वाक्य है जिसका सीधा सा मतलब ये है कि कोई इंसान किसी अन्य इंसान का फायदा उठाए. ये ऐसा sexual harassment होता है जैसे कोई सुपरवाइजर प्रमोशन के लिए अपने अंडर काम करने वाली महिला का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा हो. हालांकि, इसमें ये जरूरी नहीं है कि कर्मचारी को हर बार आर्थिक नुकसान पहुंचाने की ही धमकी दी जाए, पर फिर भी अधिकतर मामलों में ऐसा ही होता है.

खराब काम करने का माहौल..

यहां सिर्फ सेक्शुअल नहीं मेंटल हैरेस्मेंट भी शुरू हो जाता है. ये तब होता है जब कर्मचारी को ऑफिस में गलत तरह से ट्रीट किया जाता है और सिर्फ इसलिए परेशान किया जाता है क्योंकि वो एक महिला है. Pew research की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में इंजीनियरिंग, मैथ्स, टेक्निकल फील्ड में महिलाओं को इस समस्या का सामना ज्यादा करना पड़ता है. इस तरह का हैरेस्मेंट जल्दी पकड़ में नहीं आता और इसे साबित करना भी बेहद मुश्किल है.

ऑफिस, सेक्शुअल हैरेस्मेंट, भारत, कानूनलगातार देखते रहना, रास्ता रोकना, काम न करने देना, लगातार डेट के लिए पूछना भी हैरेस्मेंट

क्या हैरेस्मेंट की श्रेणी में नहीं?

1. शालीनता से किसी कर्मचारी को डेट के लिए पूछना हैरेस्मेंट नहीं कहा जाएगा. 2. अगर कोई सुपरवाइजर अपनी कर्मचारी को थोड़ा और प्रोफेश्नल तरीके से कपड़े पहनने को कहे जो कंपनी पॉलिसी के अधीन हो तो वो हैरेस्मेंट नहीं कहा जाएगा, हां वो पहने हुए कपड़ों पर कमेंट नहीं कर सकता है और न ही उसका मजाक उड़ा सकता है. 3. अगर दो कर्मचारी ऑफिस में अपनी मर्जी से कोई संबंध बना रहे हैं तो वो sexual harassment नहीं होगा. 4. कोई छोटा मज़ाक या लिमिट में कही गई बातें sexual harassment नहीं होगा.

पर क्या होता है हैरेस्मेंट?

1. किसी को लंबे समय तक देखते रहना जिससे लड़की को अजीब महसूस होने लगे. वो भी एक तरह के हैरेस्मेंट में आता है. ये किसी भी तरह से रोमांटिक नहीं कहा जा सकता. 2. गलत तरह से छूना. किसी को बधाई देने के लिए हाथ मिलाना अलग है, लेकिन जबरदस्ती गले लगा लेना हैरेस्मेंट कहा जाएगा. हर बार बात करने के लिए छूने की जरूरत नहीं होती है. 3. वॉट्सएप, ईमेल, चैट आदि में ग्राफिक सेक्शुअल कंटेंट भेजना, अश्लील बातें करना यकीनन sexual harassment कहलाएगा. 4. एक बार मना करने के बाद भी बार-बार डेट के लिए पूछना, पीछे पड़ जाना भी एक तरह का हैरेस्मेंट कहलाएगा. 5. किसी को जान बूझकर ऑफिस में सेक्सी, हनी या ऐसे ही शब्दों का प्रयोग कर बुलाना जो ऑफिस की गरिमा के अधीन नहीं हों वो भी sexual harassment कहलाएगा.

कई कंपनियां इंटरनल पॉलिसी बनाती हैं जो इस तरह के किस्से से निपटने के लिए होता है, लेकिन अगर भारत सरकार की बात करें तो sexual harassment जो काम करने की जगह पर किया जाता है उसके लिए खास कानून बनाया गया है. Sexual Harassment of Women at Workplace (Prevention, Prohibition and Redressal) Act, 2013 में इस तरह के sexual harassment का प्रावधान है और महिलाएं आसानी से इसके तहत संबंधित इंसान के खिलाफ रिपोर्ट कर सकती हैं.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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