बात मैरिज प्रोपोसल बिल पेश करने वाली सांसद की शाही शादी की!
वह शादी नहीं बल्कि रैली थी. पूरा शहर शादी का गवाह बना था. दो-ढाई लाख लोग आए थे और सारा इंतजाम लड़के वालों ने किया था. मैरिज प्रोपोसल बिल पेश करने वाली सांसद की शादी कुछ ऐसी ही थी!
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शादियां हमारे यहां आज भी एक महंगे शौक में आता है. आलम ये हैं कि शादी करोड़ों का बिजनेस बन चुका है. पिछले ही साल एक तरफ जहां जनता नोटबंदी की वजह से त्रस्त थी तो दूसरी तरफ कर्नाटक के एक पूर्व मंत्री और माइनिंग टाइकून जनार्दन रेड्डी ने अपनी बेटी की शादी में 500 करोड़ रुपए फूंके थे. ये अपने आप में शर्म से डूब जाने वाली बात थी.
इस तरह की खबरों ने शायद आम जनता ही नहीं नेताओं को भी परेशान कर दिया है. इसलिए लोकसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया. इस बिल में शादियों में होने वाले पैसे की बर्बादी पर नकेल कसने की बात की गई है. बिल के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा खर्च करने पर 10% गरीबों को दान करना होगा. यही नहीं शादियों में कितने मेहमानों को बुलाने और खाने के मेन्यू में क्या-क्या होगा इसका भी ब्योरा दिया गया है.
शादी में फिजूलखर्ची राकने का बिल पेश करने वाली रंजीत रंजन 10 लाख की बाईक से संसद आती हैं!सुनने वालों के लिए ये एक अच्छा प्रयास है. लेकिन जिस सांसद ने इस बिल को पेश किया है उनकी खुद की शादी की खबरों को जानते हैं आप? हम बात कर रहे हैं रंजीत रंजन की. बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन लोकसभा सांसद हैं और खुद 10 लाख की बाईक से संसद में आती हैं! इन दोनों का प्रेम विवाह 6 फरवरी 1994 में हुआ था और इनकी शादी भी शाही थी. रंजीत रंजन अपनी खुद की शादी में चार्टेड प्लेन से आईं थीं.
इनकी शादी में बिहार के पूर्णिया ज़िले में हुई थी. शादी में पूरा शहर ही आमंत्रित था और शहर का कोई भी चौक-चौराहा ऐसा नहीं था जो रौशनी से नहा नहीं रहा था. अनूमान के मुताबिक लगभग 1 लाख लोगों ने शादी में शिरकत की थी. पूर्णिया कॉलेज से हवाई अड्डा ग्राउंड के लगभग 200 एकड़ में शादी की व्यवस्था की गई थी.
चार्टेड प्लेन से आईँ थीं अपनी शादी मेंअपनी शादी के बारे में खुद रंजीत रंजन कहती हैं कि- "मेरी शादी नहीं बल्कि रैली थी. पूरा शहर उठकर हमारी शादी का गवाह बन गया था. मेरी शादी में दो-ढाई लाख लोग आए थे और ये सारा इंतजाम लड़के वालों ने किया था. लालू यादव, देवी लाल, डीपी यादव, राज बब्बर, जेबा काजी, प्रदीप नाथ जैसे लोग भी शादी में आए थे. लेकिन अब मैं बिल्कुल नहीं चाहती मेरे बच्चों की शादी में इतनी फिजूलखर्ची हो. आखिर लड़की के घरवालों पर ही सारा बोझ क्यों पड़े."
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने ऐसे ही एक एक्ट को लागू कर दिया है और शादी के खर्च पर नकेल लगाने वाला वह पहला राज्य बन गया. जम्मू सरकार ने अपने नियम में लड़के की शादी में 400 मेहमान और लड़की की शादी में 500 मेहमानों की अधिकतम संख्या निर्धारित कर दी है. सगाई समारोह में अधिकतम 100 लोगों को न्योता दिया जा सकता है. साथ ही खाने के मेन्यू को भी तय कर दिया गया है. अब 2 स्वीट डिश के साथ 7 शाकाहारी और 7 मांसाहारी व्यंजन ही परोसे जा सकेंगे. सरकार ने ये भी कहा है कि फंक्शनों में बने खानों को फेंका नहीं जा सकता. बचे हुए खाने को गरीबों और जरुरतमंदों को दे दिया जाए.
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