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Updated: 30 नवम्बर, 2021 01:18 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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शादी के बाद कुछ महिलाएं अपने पति का सरनेम (surname) लगाती हैं तो कुछ नहीं लगाती हैं. पहले के समय में पति (husband) का सरनेम लगाना एक परंपरागत बात मानी जाती थी लेकिन बदलते समय के साथ लोगों की सोच बदली है. एक समय में शादी से पहले लड़कियों की पहचान पिता और शादी के बाद उनकी पहचान पति के नाम से ही होती थी लेकिन अब महिलाओं की भी अपनी एक सोशल पहचान है. उनका सोशल मीडिया अकाउंट है, उनका नाम है, उनका काम है.

अब लड़कियां सिर्फ मिसेज और चिंटू की मम्मी तक सीमित नहीं है. हालांकि महिलाओं का एक बड़ा तबका आज भी सरनेम जैसे बहस का हिस्सा नहीं है. उनके लिए आज भी यह तय किया हुआ नियम ही माना जाता है कि शादी के बाद पति का सरनेम लगाना है तो बस लगाना है, किसी और विकल्प के बारे में उन्हें सोचना ही नहीं है. ना ही इस पर उनका ध्यान जाता है, ना ही उन्हें पति के सरनेम लगाने से कोई परेशानी है.

marriage, divorced, surname, priyanka chopra, women change surname after marriageप्रियंका चोपड़ा का पति निक जोनस का सरनेम लगाकर हटा देना एक अलग ही बहस का मुद्दा है

वहीं कुछ महिलाएं ऐसी हैं जो शादी के बाद अपना सरनेम नहीं बदलती हैं. उन्हें अपना सरनेम बदलना पसंद ही नहीं है. वे अपनी पहचान नहीं खोना चाहतीं. उनका मानना है कि शादी का सरनेम से क्या लेना देना है? उन्हें अपने नाम, अपने उपनाम, अपने पहचान से खास लगाव है और वे किसी कीमत पर इसके साथ समझौता नहीं करना चाहती हैं. वे सेल्फमेड हैं और अपने नाम के साथ खुश भी हैं. बचपन से जिस नाम के साथ आप बड़े हुए हो, जो आपकी पहचान है उसे कुछ महिलाएं नहीं बदलना चाहतीं.

अभी कुछ दिनों पहले प्रियंका चोपड़ा का नाम इसलिए चर्चा में आया था क्योंकि उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से पति निक जोनस का सरनेम हटा दिया. लोगों को इस बात से बड़ी हैरानी हुई कि आखिर प्रियंका ने ऐसा क्यों किया? क्यों प्रियंका ने पति का सरनेम 'जोनस' हटा दिया? लोगों का कहना था कि जिस सरनेम को प्रियंका ने बड़े गर्व के साथ अपने नाम के आगे जोड़ा था उसे ऐसे अचानक क्यों हटा दिया? लोगों ने कयासबाजी लगाकर प्रियंका और निक जोनस का तलाक तक लगभग करवा ही दिया था, हालांकि देसी गर्ल प्रियंका की मां मुध चोपड़ा ने इसे महज एक अफवाह बताया था.

असल में पति का सरनेम लगाना या ना लगाना एक तरफ है और सरनेम लगाकर हटा देना एक अलग ही बहस का मुद्दा है. लोगों का मानना होता कि एक पत्नी अपने पति का सरनेम तभी हटाती है जब दोनों के बीच कोई अनबन हो, दोनों अलग होना चाहते हों या फिर दोनों का तलाक होने वाला हो.

हालांकि पति का सरनेम लगाकर हटाने की पीछे कई दूसरी वजहें हो सकती हैं. मान लीजिए 10 साल पहले किसी लड़की की शादी हुई हो और अब उसने अपने पति का नाम सरनेम हटा दिया, क्योंकि समय के साथ उसकी सोच बदल गई हो. उसे शायद यह लगा हो कि उसके लिए उसका नाम और उसकी पहचान मायने रखती है.

एक और बात है, कुछ दिनों में यह भी देखने में आया है कि लड़कियां जरूरी कागज में तो पति का सरनेम जोड़ लेती हैं लेकिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपना नाम ही रखती हैं. माने सर्टिफिकेट में पति का सरनेम जोड़ लेंगी लेकिन फेसबुक पर उन्हें अपना नाम ही रखना पसंद होता है. कुछ लड़कियों का मानना होता है कि बड़ी मेहनत से हमने अपनी पहचान बनाई है फिर इसे बदलने की जरूरत क्या है?

वहीं हमारे समाज में लड़कियां अगर पति का उपनाम लगाती हैं तो ही उन्हें पति के परिवार का हिस्सा माना जाता है और उन्हें बड़ी इज्जत भरी नजर से देखा जाता है लेकिन वहीं अगर कोई लड़का अपनी पत्नी का सरनेम जोड़ ले तो उसका मजाक बनाया जाता है. शायद, यही कारण है कि बहुत कम लड़के अपनी पत्नी का सरनेम लगाते हैं. सरनेम बदलना भावनात्मक हो सकता है लेकिन किसी के लिए भी  यह आसान नहीं होता है. कई जातियों में तो शादी के बाद लड़की का नाम बदलने की ही परंपरा है.

माना जाता है कि लड़की का नाम बदल देने से उसे मायके की याद नहीं आएगी. क्या लड़की का अपना घर उसके अपने लोग शादी के बाद भूलने वाली चीज है? अब समय आ गया है कि शादी के बाद लड़कियां अपना उपनाम बदलें या ना बदलें या फिर पति का उपनाम कुछ सालों बाद हटा दें...लोगों को अपने कयास लगाने छोड़ देने चाहिए.

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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