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Updated: 06 जनवरी, 2023 04:36 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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इंटरनेशनल फ्लाइट (International Flight) में मुंबई के बिजनेस मैन शेखर मिश्रा ने एक महिला के ऊपर पेशाब (Urine) कर दिया. वजह बताई गई कि उसने फ्लाइट में शऱाब (Liquor) पी थी औऱ उस वक्त नशे में था. यह घटना पिछले साल 26 नवंबर की है जो अब जाकर सामने आई है. घटना के समय विमान न्यूयार्क से दिल्ली आ रहा था. अभी यह मामला शांत नहीं हुआ था कि एक दूसरी घटना भी सामने आ गई जिसमें पेरिस-दिल्ली फ्लाइट में शराब के नशे में धुत यात्री ने एक महिला के कंबल पर पेशाब कर दिया.

आपको नहीं लगता कि ये दोनों घटनाएं इंसानियत को शर्मसार करने वाली हैं? महिलाएं कोई पेशाब करने वाली कंटेनर हैं? या फिर वे महिलाएं है इसलिए उन्हें आसानी से ह्यूमिलिएट किया जा सकता है. सोच कर मन सिहर जाता है कि पीड़ित महिलाओं के ऊपर क्या बीती होगी? 

Air india, Liquor, Urine, Women,Tata, Liquor in fight, Liquoइन घटनाओं के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एयरलाइंस में शराब परोसने को लेकर बहस छिड़ गई है

इन दोनों घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर इंटरनेशल फ्लाइट में शराब परोसी ही क्यों जाती है? इंटरनेशनल फ्लाइट में आखिर शराब को लेकर कोई सख्त नियम क्यों नहीं बनाए गए हैं? क्या लंबी यात्राओं में सिर्फ शराब से थकान दूर हो सकती है औऱ नींद आ सकती है? जब कोई नियम ही नहीं है तो फिर केबिन क्रू की क्या गलती है? वे तो सिर्फ अपनी जॉब कर रहे होते हैं.

फिलहाल ये घटनाएं सामने आईं तो इस पर बात हो रही है, पता नहीं फीमेल क्रू मेंबर को ऐसी यात्राओं में कितना कुछ झेलना पड़ता होगा? हो सकता है कि विदेशी कल्चर में रोज खाने के साथ शराब पीने का नियम हो मगर भारतीय परिवेश, कहीं से भी इस बात की सहमति नहीं देता कि शराब पीकर किसी महिला के साथ अभ्रदता की जाए....

इन घटनाओं के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एयरलाइंस में शराब परोसने को लेकर बहस छिड़ गई है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्टिट करके पूछा है कि "मुझे यह बात कभी समझ में नहीं आई कि एयरलाइंस अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब क्यों परोसती हैं...?"

इस पर मनोज गु्प्ता नामक यूजर ने कहा है कि, मुझे कभी समझ नहीं आया कि शराब भारत में ही क्यों बनाई और बेची जाती है. यह पाप की बात है. अत्यधिक ठंडी जलवायु के कारण पश्चिम में इसे खाद्य और पेय के रूप में देखा जाता है. भारत में यह एक पाप भोजन है. प्रमोद का कहना है कि कम से कम शराब पीकर सहयात्री पर पेशाब करना तो कोई कारण नहीं होगा.

वहीं डॉक्टर श्रेय भाटिया का कहना है कि लंबी उड़ान उबाऊ होती हैं. शराब पश्चिमी देशों में भोजन का हिस्सा है, सीमित मात्रा में शराब पीने से व्यक्ति शांत हो जाता है और एंजॉय करता है. यह यात्रियों के लिए टिकट खरीदने का अट्रैक्शन भी है. इसलिए सीमित मात्रा में शराब परोसना तार्किक है.

श्रीधर नामक यूजर ने कहा है कि यह पश्चिमी संस्कृति है, जिसका पालन किया गया. आजादी मिलने के 75 साल बाद भी, हम अभी भी कुछ चीजों को अपना रहे हैं जो अंग्रेजों ने भारत में पेश कीं. पीएम मोदी इन पर ध्यान दे रहे हैं और उनमें से कुछ को ठीक कर रहे हैं. वहीं विचारक नामक यूजर ने लिखा है कि अब आपको अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के कंज्यूम करने से भी समस्या है. सही फुरसती हो भाई.

अरजीत दास नामक यूजर ने कहा है कि अधिकतर लोग फ्लाइट में उल्टी करते हैं, तो क्या एयरलाइंस को भोजन परोसना बंद कर देना चाहिए? शराब के नशे में शरारत करने वाला एक व्यक्ति, शराब को दोषी नहीं बना सकता है, यह वह व्यक्ति है जो दोषी है और उसे दंडित किया जाना चाहिए. वहीं अनवर नामक यूजर का कहना है कि शराब का बहाना बनाना बंद करो. इस तरह के व्यवहार के लिए कोई बहाना नहीं है...यह उसकी परवरिश है जिस पर सवाल उठाया जाना चाहिए.

दिपांजन का कहना है कि शबार बैन की मांग करना एक गलत सोच है. यहां अपराधी शराब नहीं बल्कि शराब पीने वाला है. अगर किसी आदमी की कार नीचे गिर जाए तो क्या आप कार पर बैन लगा देंगे या ड्राइवर को दोषी ठहराएंगे? आरोमल का भी कहना है कि एयरलाइंस, यात्रियों को शराब के अलावा और भी बहुत कुछ परोसती है. वे घड़ियां, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन, खिलौने जैसी कई प्रकार की चीज़ें भी बेचते हैं...!! क्या सब पर बैन लगा देना चाहिए? यह कोई समाधान नहीं है.

सुदीप्ता दास कहती हैं कि समस्या शराब से नहीं है. समस्या यह है कि लोग कई यह मुफ़्त है. मुझे याद है कि एक यात्री ने 6 से 7 बार शराब पिया और मांगता रहा. आखिर में एयरलाइंस ने कहा मना कर दिया कि अब हम बंद कर चुके हैं.

ओपन योज आइज नामक यूजर ने कहा है कि, 18-24 घंटे एक कुर्सी पर अनजान लोगों के साथ बैठने की कोशिश करें. बिना कुछ बाहर देखे, बिना इंटरनेट के मोबाइल या आईपैड के. उस कुर्सी पर खाना खाएं और कभी-कभी दो मिनट के लिए वॉशरूम चले जाएं. पूरा दिन ऐसे ही गुजाएं, आपको अपने प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा.

अंशुल जैन कहते हैं कि उपद्रवी व्यवहार, यह नहीं कहता है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर शराब बैन कर दी जानी चाहिए, ऐसा व्यवहार बार में भी किया जा सकता है. यह कोई समाधान नहीं है. नॉट ए बोट नामक यूजर ने जवाब दिया है कि यह अधिक पैसा पाने के लिए है. सब कुछ अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है और यहां तक ​​कि पहले टैक्स भी व्हिस्की पर ही लगे थे. शराब सरकारों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत है. आप किस ग्रह में हैं?

वैसे इस मुद्दे पर आपकी राय क्या है? क्या इंटरनेशलन एयरलाइंस में शराब पर बैन लगा देना चाहिए, या फिर जो हुआ उसमें शराब की नहीं पेशाब करने वाले व्यक्ति की गलती है?

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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