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Updated: 28 दिसम्बर, 2017 12:40 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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किसी इंसान की कोई आदत उसे कितनी मुश्किल में डाल सकती है? सीधी सी बात है .. बुरी हो या अच्छी आदत को छोड़ना आसान नहीं होता, लेकिन वही आदतें अगर बॉडी लैंग्वेज का हिस्सा बन जाएं तो इंसान को बहुत सोच समझ कर काम करना पड़ता है. वैसे तो बॉडी लैंग्वेज को लेकर लड़के और लड़कियों को लेकर पूरी दुनिया में अलग-अलग धारणाएं हैं, लेकिन हिंदुस्तान में ये बहुत अलग है. अगर बॉडी लैंग्वेज की बात करें तो ये 7 आम हरकतें किसी भी लड़की को आसानी से मुश्किल में डाल सकती हैं.

1. टकटकी लगाकर देखना..

असल में अक्सर लड़कियां कहीं देख नहीं रही होती हैं. उनके जहन में कुछ न कुछ चल रहा होता है. अगर मैं अपनी ही बात करूं तो मैं भी कुछ बात सोचते सोचते कहीं लगातार टकटकी लगाकर देखने लगती हूं. ऐसे में अगर कोई मेरे सामने खड़ा है तो उसका ये सोचना की मैं उसे देख रही हूं या मेरे देखने में कोई इशारा छुपा है ये सही नहीं होगा. न ही उसके कुछ सोचने से मैं अपनी ये आदत छोड़ दूंगी. पर हां इस तरह की आदत को बड़ी आसानी से लोगों की नजरों में गलत समझ लिया जाता है. इसे भी एक तरह का इन्विटेशन समझा जाता है.

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2. जोर-जोर से हंसना..

डॉक्टर से लेकर रामदेव बाबा तक सभी ये कहते हैं कि खुलकर हंसना चाहिए, लेकिन भारत जैसे देश में लड़कियों की खुलकर हंसने की आदत यकीनन लोगों को गलत संकेत देती है. अब भला लड़कियां खुलकर कैसे हंस सकती हैं. ये उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं (कृपया वाक्य में छुपे व्यंग्य को समझिए).

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3. उबासी या डकार लेना..

नहीं बिलकुल नहीं.. शरीर के ये जरूरी कृत्य लड़कियों के लिए नहीं है. लड़कियां भला ये हरकतें कैसे कर सकती हैं. फिल्म क्वीन में जब कंगना ये कहती हैं कि, 'हमारे यहां तो लड़कियों को डकार लेना भी अलाउड नहीं' तो सुनने में कुछ अजीब लगता है, लेकिन है पूरी तरह से सच. वाकई भारत में तो लड़कियों की उबासी और डकार को भी गलत समझा जाता है. लोगों को ये गलत संकेत मिलता है कि लड़की असभ्य है.

4. बात करते करते छू लेना..

चाहें हाथ मिलाना हो, चाहें बात करते करते किसी को थपकी मार देना.. अगर लड़कियां ये सब करती हैं तो इसे जरूर गलत नजर से देखा जाता है. ये लड़कों के लिए आम बात है, लेकिन लड़कियों के लिए ये इन्विटेशन देने की तरह है. ये आम सी आदत लड़कियों को बड़ी मुसीबत में डाल सकती है. पर लड़कियां समझे तब न.

5. इंट्रोवर्ट या एक्ट्रोवर्ट होना..

ये लड़की बहुत बोलती है.. कितनी बुरी आदत है इसकी.. फलां लड़की तो पता नहीं किस एटिट्यूड में रहती है किसी से बोलती ही नहीं. आम इंसानों की आदत होती है कि वो अपने नेचर के हिसाब से काम करें, लेकिन लड़कियों की बॉडी लैंग्वेज चाहें वो एक्सट्रोवर्ट हों या इंट्रोवर्ट लोगों को बहुत तकलीफ देती है.

6. खुजली करना..

जी हां, ये भी इस लिस्ट में शामिल है. हाथ खुजाना, सिर खुजाना, टांग खुजाना अरे तौबा रे तौबा. ये बॉडी लैंग्वेज भले ही इंसानो की जरूरत हो, लेकिन लड़कियों के लिए तो ये इस बात का सबूत हैं कि वो बेशर्म, बेपर्वाह और एकदम बदतमीज किस्म की लड़की है. भले ही मर्द अपने किसी भी अंग को बिना किसी शर्म भरे चौराहे या बाजार खुजाते रहें, पर लड़कियों के लिए ये तो बड़े शर्म की बात है. अब अगर खुजली करेगी पब्लिक प्लेस पर तो इसका मतलब तो यही है न कि वो इन्विटेशन दे रही है. वाकई इससे ज्यादा शर्म की बात नहीं हो सकती.

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7. बहस करना..

ऑफेंड होना सिर्फ लड़कों का हक है जी. लड़कियां अगर किसी गलत बात पर भी अपनी राय रख रही हैं या फिर सरेराह किसी से झगड़ा कर रही हैं तो वो सीधे तौर पर गलत हैं और उनकी बॉडी लैंग्विज से ही पता चलता है कि वो कैसे घर से रिश्ता रखती हैं. ये कोई सभ्य समाज की परिभाषा थोड़ी है. लड़की है.. उसे ऐसी हरकतें नहीं करनी चाहिएं..

ये सारी हरकतें किसी भी इंसान के लिए बहुत ही आम बात हैं, लेकिन अगर कोई लड़की है तो उसके लिए ये सही नहीं है. अगर कोई लड़की ऐसी हरकतें कर रही है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो गलत है. इसका सीधा सा मतलब ये है कि वो लड़की भी इंसान है.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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