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Updated: 27 जनवरी, 2023 08:22 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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70 साल के ससुर (Father in law) ने 28 साल की बहू (Daughter in law) से शादी (Marriage) करके उसे नई जिंदगी तो बिल्कुल नहीं दी है...क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि लड़कियां अकेले नहीं रह सकतीं. उन्हें सहारे की जरूरत होती है. इसलिए पति के नाम पर बुजुर्ग इंसान भी चलेगा. वह भी ससुर, जो पिता समान होता है. यह शादी नहीं लड़की की बर्बादी है. मामला यूपी के गोरखपुर का है. अब सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इस शादी पर लोग थू-थू कर रहे हैं.

लोग ऐसा क्यों मानते हैं कि एक लड़की अकेले नहीं रह सकती है? उसे किसी पुरुष के सहारे की जरूरत पड़ती है इसलिए उसकी शादी करनी जरूरी है. जैसे की वह कोई गाय है जिसे खूंटे से बांधना है. लोग क्यों नहीं समझते कि वह अकेले जिंदगी गुजार सकती है. उसे किसी के नाम की जरूरत नहीं है. इससे अच्छा होता कि ससुर उसकी शादी कहीं और करा देता या फिर उसे बेटी मानकर अपने घर रख लेता. उससे शादी करने की क्या जरूरत थी? ख्याल रखने के लिए क्या पत्नी बनाना जरूरी था? वह लड़की को भी तो इस लायक बना सकता था कि वह अपने पैरों पर खड़ी होकर जी सकती. भले अफसर ना बनती, मगर कुछ तो कर ही लेती.

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रिपोर्ट्स के अनुसार, ससुर का नाम कैलाश यादव है. जिनकी पत्नी की मौत 12 साल पहले हो गई थी. वहीं उनके तीसरे बेटे की भी मौत हो गई थी. जिसके बाद बहू पूजा विधवा हो गई थी. उसकी बाकी की जिंदगी कैसे कटेगी, इसी सोच के साथ ससुर ने यह फैसला लिया. मेरे हिसाब से लड़की के पास हां कहने के सिवा औऱ चारा भी क्या होगा? इसके बाद दोनों ने मंदिर में शादी कर ली. लड़की उम्र में कैलाश यादव से 42 साल छोटी है.

समझ नहीं आ रहा है कि ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जो लड़की शादी के लिए मान गई होगी. शायद उसे भी लगा होगा कि वह किसके सहारे रहेगी? हमारे समाज में महिला पहले पति का अधीन रहती है, फिर पति के औऱ बाद में बेटे के अधीन रहती है. शादी के बाद लड़की पति के सहारे रहती है. जब पति नहीं रहता तो उसे बेसहारा मान लिया जाता है. लोगों को लगता है कि उसके साथ कभी भी कुछ गलत हो सकता है. अरे अगर मान लिया जाए कि सहारा देने की बात थी तो भी सुसर बेटी मानकर ऐसे ही दे देता, आखिर बहू को बेटी ही तो माना जाता है. इतना ही बहू की टेंशन थी तो उसका कन्यादान कर देता. वह लड़की उसकी पोती के समान थी, उसे ही अपनी पत्नी बना लिया.

इस मामले में किसी की तरफ से शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. इसलिए पुलिस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया है. इस तरह अब पूजा अपने ही ससुर की पत्नी बन गई है. इससे अच्छा तो वह अकेले रहती कम से कम उसकी जिंदगी नर्क तो नहीं बनती? वैसे भी 70 साल का इंसान कब तक सहारा देगा? यह सिर्फ बेवकूफी भरा फैसला है और कुछ नहीं. आज के जमाने में इस तरह की खबरें हैरान करती हैं. शायद लड़कियों के लिए दुनिया बदलने में अभी देर है.

 

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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