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Updated: 19 जुलाई, 2019 04:19 PM
अभिनव राजवंश
अभिनव राजवंश
  @abhinaw.rajwansh
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खुद को फिट और युवा दिखाने की ललक में आपने लोगों को जिम या सडकों पर दौड़ लगाते तो अक्सर ही देखा होगा, और शायद यह भी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि खुद को उम्रदराज दिखाने के कुछ एक लक्षण मसलन सफेद बाल, झुर्रियां के आने के संकेत भी लोगों की रातों की नींद गायब करने के लिए काफी हैं. हालांकि स्मार्टफोन का दौर लोगों से जो ना करा दे. अब अचानक से ही लोगों में खुद को बूढ़े के रूप में दिखाने की होड़ मची हुई है. दरअसल Faceapp नाम का एक एप रातों रात लोगों के बीच काफी मशहूर हो रहा है. यह एप आपकी वर्तमान तस्वीर को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से बूढ़ा या युवा दिखाने की काबिलियत रखता है. और यही कारण है पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर फेस एप के माध्यम से एडिट की गयी तस्वीरों की बाढ़ सी आयी हुई है. क्या आम और खास, फेस एप के प्रकोप से कोई नहीं बच पाया है, चाहे वह बॉलीवुड- हॉलीवुड के सितारे हों या खेल जगत की हस्तियां, हर कोई अपने भविष्य की तस्वीर देखने दिखाने में व्यस्त है.

faceappखुद को बूढ़ा होते कोई देखना नहीं चाहता, लेकिन एप के जरिए हर कोई खुद को बूढ़ा देखने के लिए आतुर है

फेस एप की लोकप्रियता को कुछ आकड़ों से और बेहतर ढंग से समझा जा सकता है. पूरे विश्व भर में इस एप को गूगल प्ले स्टोर पर 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है जबकि एपल स्टोर में भी यह टॉप डाउनलोड होने वाले एप में है. यह आकड़ें यह बताने के लिए काफी हैं कि इस एप की दीवानगी किस प्रकार लोगों के सर चढ़कर बोल रही है.

लोगों में अपना भविष्य जानने की कुलबुलाहट हमेशा से ही रही है, इसी वजह से बड़ी संख्या में लोग हस्तरेखा और ज्योतिष शास्त्र जैसे विद्याओं से अपना भविष्य में झांकने की कोशिश करते रहे हैं. और शायद यही वजह है जब लोगों को यह पता चला कि कोई एप इस बात का आकलन कर सकने में सक्षम है कि भविष्य में वो कैसे दिखाई देंगे तो लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया है. यह कह पाना जरा मुश्किल है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने वाला यह एप किस हद तक लोगों की सही तस्वीर दिखा रहा है, मगर यह जरूर है कि यह लोगों की जिज्ञासा शांत करने में कुछ हद तक कामयाब रही है.

हालांकि तस्वीरों के परिणामों को देखकर यह कहा जा सकता कि यह एप अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में रहने वाले लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया है और भारत में इसके परिणाम शायद ही सच्चाई के करीब भी पहुंचे. हर देश और जगह की अपनी एक जलवायु होती है और उसी के प्रभाव से लोगों का रंग, कदकाठी इत्यादि तय होता है, और यही वजह है कि एक भारतीय और एक अमेरिका में रहने वाले व्यक्ति में बुढ़ापे के लक्षण अलग अलग होते है. हालांकि फेस एप का विकास शायद अब तक पूरे विश्व की अलग-अलग कंडीशंस को ध्यान में रख कर नहीं किया गया है, और यही वजह है कि भारतीय तस्वीरें सच्चाई के करीब नहीं लगतीं.

faceappगूगल प्लेस्टोर पर 10 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है फेसएप

मगर इस्तेमाल करने में प्राइवेसी का खतरा भी

स्मार्ट फोन के इस दौर में अब तक की सबसे बड़ी चुनौती है अपनी जरुरी जानकारियां और तस्वीरें सुरक्षित रखना. कई बार इस तरह की खबरें आती रही हैं कि कई एप यूजर के डेटा का अनचाहा इस्तेमाल कर रहे हैं. फेस एप के साथ भी उसी तरह की समस्या है. दरअसल जब भी हम फेस एप के माध्यम से किसी तस्वीर को एडिट करते हैं, तो वो सीधा फेस एप के सर्वर पर अपलोड हो जाती है. कई लोग इस बात की चिंता भी जता रहे हैं कि यह एप आपके फोन की सारी तस्वीरों तक पहुंच सकता है. कई लोगों का यह भी अंदेशा है कि एप आपकी सारी तस्वीरों को अपने सर्वर पर अपलोड कर सकती है. हो सकता है कि यह एप आपके फोन से सूचनाओं को हासिल करके इनका विज्ञापन में इस्तेमाल कर ले. यह भी संभव है कि यह एप आपकी आदतों और रुचियों को जानकर विज्ञापन करने में इस्तेमाल करने लगे. इसे मार्केटिंग के हथियार के तौर पर भी देखा जा रहा है.

फेस एप की प्राइवेसी पॉलिसी

एप का कहना है कि - जब भी आप हमारी सर्विस यूज करते हैं, हमारी सर्विस ऑटोमैटिकली कुछ लॉग फाइल इनफॉर्मेशन रिकॉर्ड करती है. इनमें आपका वेब रिक्वेस्ट, आईपी अड्रेस, ब्राउजर टाइप, यूआरएल और आप इस सर्विस के साथ कितनी बार इंटरऐक्ट करते हैं इस तरह की जानकारी शामिल हैं. पॉलिसी में ये भी कहा गया है कि कंपनी यूजर डेटा बिना उनकी इजाजत के नहीं बेचेगी और न ही किसी को रेंट पर देगी. हालांकि फेस ऐप के ग्रुप की कंपनियों को आपका डेटा दिया जा सकता है, क्योंकि आपने इसका कॉन्सेंट दिया है. कंपनी की पॉलिसी के मुताबिक अगर कंपनी चाहे तो थर्ड पार्टी एडवार्टाइजिंग पार्टनर्स को कुछ जानकारियां दे सकती है.  

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लेखक

अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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