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Updated: 05 नवम्बर, 2018 08:47 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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अपने फतवों की वजह से हमेशा चर्चा में बना रहने वाला दारुल उलूम देवबंद एक बार फिर से सुर्खियों में छा गया है. इस बार महिलाओं की नेल पॉलिश को निशाना बनाया गया है. ताजा फतवे में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं का नेल पॉलिश लगाना इस्लाम के खिलाफ है. दारुल उलूम के मुफ्ती इशरार गौरा ने कहा है कि महिलाओं को नाखून पर नेल पॉलिश नहीं, बल्कि मेहंदी लगानी चाहिए. अब इन्हें कौन समझाए कि औरतों के श्रृंगार की चीजें शरीर के अलग-अलग हिस्से के लिए हैं. मेहंदी हाथों-पैरों पर लगाई जाती है, ना कि नाखूनों पर. लेकिन यूं लगता है जैसे दारुल उलूम ने तय कर लिया है कि जो भी महिला खुद को अधिक खूबसूरत बनाने की कोशिश करेगी, उसका पूरा फैशन ही बिगाड़ कर रख देना है.

दारुल उलूम देवबंद, फतवा, मुस्लिम, महिलाएंताजा फतवे में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं का नेल पॉलिश लगाना इस्लाम के खिलाफ है.

ये फतवा मुजफ्फरनगर जिले के गांव तेवड़ा निवासी मोहम्मद तुफेल के एक सवाल के बाद जारी किया गया है. उस शख्स ने पूछा था कि क्या औरतें शादी में जाते समय नेल पॉलिश लगा सकती हैं? इस पर दारुल उलूम ने कहा कि महिलाओं का नेल पॉलिश लगाना जायज नहीं है. हां उन्हें सशर्त नेल पॉलिश लगाने की इजाजत जरूर मिली है. शर्त ये है कि उन्हें नमाज से पूर्व नेल पॉलिश उतारनी होगी. मुफ्तियों की खंडपीठ ने तो यहां तक कह दिया कि औरत या मर्द को नाखून भी नहीं बढ़ाने चाहिए. उनके अनुसार 40 दिन के बाद भी नाखून नहीं काटना इस्लाम के खिलाफ है.

बेशक ये फतवा आपको अजीब लगा रहा होगा, लेकिन आपको बता दें कि पहली बार नहीं है, जब दारुल उलूम ने कोई फतवा जारी किया हो. इससे पहले महिलाओं को लेकर कई फतवे जारी हो चुके हैं. आपको बता दें कि दारुल उलूम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में है और इसे एशिया का सबसे बड़ा मदरसा माना जाता है. आइए आपको बताते हैं दारुल उलूम के कुछ फतवों के बारे में-

- पिछले साल 21 अक्टूबर को दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं की फोटो अपलोड करना भी नाजायज है, क्योंकि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता.

- महिलाओं को बाल कटवाने और आइब्रो बनवाने के खिलाफ भी फतवा जारी किया गया था और इसे भी नाजायज करार दिया गया था.

- 2018 की शुरुआत में ही यह भी फतवा जारी किया गया था कि महिलाएं ऐसे कपड़े पहनें कि उनके अंग छुपे रहें. जब कोई औरत घर से बाहर निकलती है तो शैतान उसे घूरता है. इसलिए मुहम्मद साहब ने कहा था कि औरत छुपाने की चीज है. इस फतवे के बाद भी दारुल उलूम की काफी आलोचना हुई थी.

- इसके अलावा दारुल उलूम यह भी फतवा जारी कर चुका है कि किसी भी महिला का बाजार में जाकर किसी गैर मर्द से चूड़ियां पहनना गलत है. फतवे में कहा गया था कि इस्लामी शरीयत के अनुसार किसी भी मुस्लिम महिला को हर उस मर्द से पर्द करना होता है, जिससे उसका खून का रिश्ता ना हो. ऐसे में किसी गैर मर्द से चूड़ी पहनने में तो हाथ को दूसरा मर्द छूता है, इसलिए यह इस्लामा के खिलाफ है और ऐसा करना किसी गुनाह से कम नहीं है.

- दारुल उलूम देवबंद वैक्सिंग और शेविंग के जरिए शरीर के बाल हटाने तो भी तहजीब के खिलाफ बता चुका है. इसे शरिया के तहत जायज नहीं माना गया है. नाभी के नीचे के हिस्से, बगल और मूंछ के बालों के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से के बालों को शेविंग या वैक्सिंग से हटाया गलत है.

- इन्तेहां तो तब हो गई थी जब जीवन बीमा को लेकर भी फतवा जारी कर दिया गया था. दारुल उलूम के अनुसार जीवन बीमा कराना हराम है. कोई भी बीमा कंपनी इंसान की जान नहीं बचाती है. ऐसे में सिर्फ अल्लाह पर भरोसा करना चाहिए. अब उन्हें कौन बताए कि जीवन बीमा अपनी जान बचाने के लिए नहीं कराया जाता, बल्कि इसलिए कराया जाता है कि हमें कुछ हो जाने के बाद हमारा परिवार दर-दर की ठोकरें ना खाए.

आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 12 सालों में दारुल उलूम देवबंद ऑनलाइन करीब 1 लाख फतवे जारी कर चुका है. 2005 में दारुल उलूम ने फतवा ऑनलाइन विभाग स्थापित किया था. नेल पॉलिश पर बैन लगा दिया है, हेयर कटिंग और आईब्रो बनवाने पहले से ही बैन है. अब बस साबुन, शैंपू, कंडिश्नर, क्रीम, लोशन, हेयर ऑयल बचा है. धीरे-धीरे इनके खिलाफ भी फतवा आ जाएगा. और देखते ही देखते हो सकता है कि मुस्लिम महिलाओं के मुंह धोने पर भी कोई फतवा जारी कर दिया जाए. ये फतवे भले ही दारुल उलूम देवबंद सीना तान कर और सिर ऊंचा करते हुए फख्र से जारी करता है, लेकिन ये फतवे ही हैं जो एक महिला के उठे हुए सिर को झुकाने का काम कर रहे हैं. ये फतवे ही हैं जो मुस्लिम महिलाओं को बागी होने पर मजूबर कर रहे हैं. घरेलू हिंसा एक अपराध है और उसके लिए सजा है, ये फतवे भी महिलाओं के साथ होने वाली किसी घरेलू हिंसा से कम नहीं है. ऐसे बेतुके फतवे सिर्फ यही दिखाते हैं कि ये महिलाओं की आजादी और ख्वाहिशें छीनने के लिए जारी किए जा रहे हैं.

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