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Updated: 15 अप्रिल, 2020 07:34 PM
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गुजरे दो तीन महीनों से कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद अगर कोई चीज चर्चा में है तो वो चमगादड़ (Bats) हैं. तमाम शोध हमारे सामने हैं जिनमें कहा गया है कि कोरोना वायरस पहले चमगादड़ में आया और उसी के सेवन के बाद चीन (China) के वुहान (Wuhan) में बीमारी ने महामारी का रूप लिया. जब से ये खबर आई कि कोरोना का कारण चमगादड़ हैं एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. ऐसा ही एक खुलासा भारत में हुआ है जिसे देखकर कहा जा सकता है कि अब वो वक़्त आ गया है जब चीन से चमगादड़ों की पनौती भारत आ पहुंची है. बात विचलित करने वाली हो सकती है लेकिन सच यही है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक रिपोर्ट जारी की है और इनमें चमगादड़ों की दो प्रजातियों का वर्णन किया हैजिनमें कोरोना पाया गया है.

आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार भारत में चमगादड़ की दो प्रजातियों में SARS-COV-2 वायरस पाया गया है. दिलचस्प बात ये है कि आईसीएमआर ने यह पुष्टि अलग-अलग राज्य से लिए गए सैंपल्स के आधार पर की है. बताया जा रहा है कि आईसीएमआर ने इसके लिए सात राज्यों से सैंपल लिए थे. इन राज्यों में केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु समेत कई राज्य थे जहां ये टेस्ट पॉजिटिव पाया गया.

चिकित्सा अनुसंधान के इंडियन रीसर्च जर्नल में छपे इस शोध में कई दिलचस्प चीजों का जिक्र है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इस बात के कोई साक्ष्य या फ़िलहाल मौजूद नहीं हैं जिनको देखकर ये कहा जा सके कि चमगादड़ में पाया जाने वाला यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है. मगर क्योंकि चमगादड़ में वायरस मौजूद हैं इसलिए इस बात को भी ख़ारिज नहीं किया जा सकता कि इस खौफनाक बीमारी के फैलने की एक बहुत बड़ी वजह चमगादड़ हैं.

Coronavirus, Lockdown, Bats, Disease, Researchआईसीएमआर की रिपोर्ट में चमगादड़ों को लेकर जो दावा व है वो डराने वाला है

बता दें कि मेडिकल साइंस भी यही कहती है कि चमगादड़ में तमाम तरह के वायरस रहते हैं. पूर्व में ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें ये वायरस इंसानों के लिए प्राणघातक साबित हुए हैं. ध्यान रहे कि निपाह वायरस भी चमगादड़ में बरामद हुआ था और इसने भी भारत को बुरी तरह से प्रभावित किया था और तमाम लोगों की मौत का कारण बना था.

कोरोना के वायरस चमगादड़ में होते हैं या नहीं ये शोध डॉक्टर प्रज्ञा यादव ने किया है. जो पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) की वैज्ञानिक भी हैं. मामले पर प्रज्ञा कहती हैं कि केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में रोसेटस और पेरोपस नामक प्रजाति के 25 चमगादड़ों में कोरोना के वायरस पाए गए हैं.

साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि भारतीय चमगादड़ों में पाए गए इस कोरोना वायरस का सार्स या कोविड 19 के संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है डॉक्टर प्रज्ञा के अनुसार साल 2018-19 में केरल में चमगादड़ की पेरोपस नाम की प्रजाति में निपाह वायरस भी पाया गया था. उन्होंने बताया कि चमगादड़ स्वाभाविक रूप से कई प्रकार के वायरस का घर होते हैं.

शोध कर्ताओं का मानना है कि मौजूदा समय में बदलते परिवेश और प्रकृति के बदलावों में चमगादड़ों का अन्य जीवों और इंसानों से संपर्क संभव है. ऐसे ही किसी घटनाक्रम के चलते कोविड 19 की वैश्विक महामारी फैली है.

चमगादड़ों को लेकर किये गए इस शोध के बाद सनसनी मच गयी है मन जा रहा है कि इसका भी कारण चीन है. हो सकता है अपने में वायरस लिए कोई चमगादड़ भारत आया हो और उसने भारतीय चमगादड़ों को प्रभावित किया हो. ध्यान रहे कि ये बात चिंता की एक बड़ी वजह इसलिए भी है क्योंकि चीन के मद्देनजर यही कहा जा रहा है कि वहां इस बीमारी केफैलने की एक बड़ी वजह लोगों का चमगादड़ का सेवन करना है. 

बहरहाल अब जबकि भारत में मामला सामने आ गया है और शोध ने भी इस बात की तस्दीख कर दी है वैज्ञानिकों के सामने चुनौती अलग है. अब आने वाले वक़्त में शायद ये रिसर्च भी हो कि और कौन कौन से जानवर हैं जिनमें ये वायरस फैल सकता है और सम्पूर्ण मानव जाती को प्रभावित कर सकता है. सवाल कई हैं जवाब वक़्त देगा मगर जो वर्तमान है उसने उन लोगों के माथे पर चिंता के बल जरूर ला दिए हैं जो मांस भक्षण करते हैं या फिर ये कहें कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भोजन में मांस शामिल है.

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