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Updated: 07 जून, 2019 06:13 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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अलीगढ़ में 2.5 साल की बच्ची का कत्ल हो जाता है. मामला आपसी रंजिश का था. सिर्फ 10 हज़ार के लोन के लिए बच्ची का कत्ल कर दिया गया (Aligarh Twinkle sharma Murder case). उस बच्ची ने मरने से पहले जो कुछ भी झेला वो सोचकर ही रूह कांप उठती है. उसे बुरी तरह पीटा गया. आंखों के सॉफ्ट टिशू डैमेज थे. शरीर की सभी पसलियां टूटी हुई थीं यानी उसे बहुत बुरी तरह से मारा गया था. सिर से लेकर पैर तक में फ्रैक्चर. शरीर जब मिला तो वो इतनी बुरी हालत में था कि उसमें कीड़े पड़ गए थे. पोस्टमॉर्टम में रेप की पुष्टी नहीं हुई, लेकिन रिपोर्ट फॉरेंसिक लैब में भेजी गई है क्योंकि शरीर इतना सड़ चुका था कि रेप का पता लगाना आसान नहीं है. जिस मोहम्मद जाहिद और उसके साथी मोहम्मद असलम की बात हो रही है उनपर पहले भी केस चल चुके हैं. मोहम्मद असलम तो अपने ही रिश्तेदार की बच्ची के साथ यौन शोषण के मामले में जेल जा चुका है और दिल्ली में भी अपहरण का एक केस है. ये दोनों ही आरोपी किसी भी हालत में दया के काबिल नहीं हैं. कई बॉलीवुड सेलेब्स के साथ Sonam Kapoor अपनी ट्वीट में इस मामले की निंदा के साथ लोगों से नफरत न फैलाने को कहा.

जिस तरह का ये अपराध हुआ है उसके एवज में अगर लोग विरोध नहीं करेंगे तो शायद इस तरह के अपराध कभी नहीं रुकेंगे. 2018 में कठुआ में ऐसे ही एक बच्ची को तड़पा-तड़पा कर मार दिया गया था. उसके साथ गैंग-रेप हुआ था. इन दोनों मामलों को एक साथ जोड़ा जा रहा है. इंटरनेट पर दो धड़े बन गए हैं एक वो जो कहते हैं कि ये दोनों मामले एक ही जैसे हैं तो इसके खिलाफ प्रयास या विरोध एक जैसा क्यों नहीं है. और दूसरे वो जो इस मामले में चुप हैं, कुछ बोल नहीं रहे या फिर बोल रहे हैं तो भी शांति बनाए रखने की बात कर रहे हैं.

यकीन मानिए इस मामले में मैं पहले धड़े के साथ हूं और जिस तरह से जुर्म हुआ है या जिस तरह से कठुआ मामले में छोटी बच्ची के साथ रेप और निर्मम हत्या हुई थी ये कहना आसान नहीं है, लेकिन जरूरी है कि देश में बहुत स्थानीय स्तर तक बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में अगर बात करें सेलेब्स की तो उन्हें लाखों-करोड़ों लोग फॉलो कर रहे होते हैं. उनकी हर हरकत पर नजर रखी जाती है. ऐसे में Sonam Kapoor जैसे सेलेब्स से समाज में हो रही कई गतिविधियों पर राय भी मांगी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि सोनम कपूर अपनी राय गाहे-बगाहे देती रहती हैं. कठुआ के मामले में भी उन्होंने जोर-शोर से प्रदर्शन किया था. Placard लेकर उस बच्ची के लिए इंसाफ मांगा था, लेकिन अलीगढ़ वाले मामले में उन्हें शायद इंसाफ की जरूरत नहीं है.

सोनम कपूर की ट्वीट दोनों मामलों में बेहद अलग है.सोनम कपूर की ट्वीट दोनों मामलों में बेहद अलग है.

सोनम कपूर की ट्वीट को लेकर लोग अब विरोध कर रहे हैं. उन्हें अपने चुनिंदा विरोध प्रदर्शन को लेकर बुरा-भला कहा जा रहा है. आम तौर पर स्टार्स का ट्रोल होना किसी गलत कारण से होता है और ऐसा इस बार भी है.

लोग उसे सोनम कपूर की फिल्म से भी जोड़कर देख रहे हैं. जिस समय आसिफा का मामला सामने आया था उस समय सोनम ने विरोध प्रदर्शन भी बहुत ज्यादा किया था. अब सोनम ने ट्वीट की जब पहले ही वो इस मामले में न बोलने की वजह से वो ट्रोल होना शुरू हो गई थीं.

सोनम कपूर का रिएक्शन सिर्फ सोशल मीडिया के लिए नहीं बल्कि मेरे लिए भी कम ही था. कठुआ वाले मामले में इस तरह का बोल्ड प्रदर्शन और अपनी आवाज़ उठाना मुझे अच्छा लगा था और यकीनन मुझे लगा था कि भले ही ये एक्ट्रेस कितना भी ट्रोल हो रही हों, कम से कम वो एक बच्ची की मौत पर कुछ कहने का साहस रखती हैं.

लेकिन अलीगढ़ वाले मामले में ट्वीट करना और लोगों को ये ज्ञान देना कि वो नफरत न फैलाएं ये सही नहीं था. माना शायद सोनम ने कोइना मित्रा को लेकर ट्वीट किया हो. कोइना मित्रा जो कि आजकल सिर्फ विवादों के लिए कट्टर हिंदू बनी हुई हैं उन्होंने इस मामले में ट्वीट किया और सोनम, स्वरा जैसे उन सभी लोगों पर निशाना साधा जो आसिफा वाले मामले में अपनी आवाज़ उठा चुके हैं.

उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि लिब्रल रेपिस्ट का समर्थन करते हैं. सोनम ये दलील दे सकती हैं कि उन्होंने शांति बनाए रखने की बात ऐसे लोगों के लिए की थी, लेकिन फिर भी सोनम कपूर के लिए ट्विंकल शर्मा के लिए इंसाफ मांगना जरूरी था.

वो बातें जो सोनम की ट्वीट में गलत थीं..

अब सबसे बड़ी मुद्दे की बात मुझे क्यों लग रहा है कि सोनम की ट्वीट गलत है? मैं यहां हिंदू-मुसलमान की बात नहीं कर रही. मैं यहां दो बेहद निर्मम अपराधों की बात कर रही हूं. दो बच्चियों की बात जिन्हें बिना गलती के इतनी बड़ी सज़ा मिली.

- सोनम की ट्वीट में ट्विंकल के लिए इंसाफ नहीं मांगा गया है. आरोपी दोनों ही मामलों में जल्दी गिरफ्तार कर लिए गए थे, लेकिन एक बच्ची के लिए इंसाफ और दूसरी के लिए सिर्फ ये मान लेना कि गिरफ्तारी से इंसाफ मिल गया ये गलत है.

- सोनम की ट्वीट में उनका विरोध नहीं दिख रहा है. एक सेलेब होने के नाते वो भी एक ऐसा सेलेब जो हर बात पर अपनी राय रखने में सक्षम है, जो महिलाओं की आवाज़ उठाता है, उस सेलेब के लिए विरोध करना दोनों ही मामलों में सही है. मैं खुश थी कि सोनम ने कठुआ मामलें में इतना बढ़ चढ़कर विरोध किया. समाज के लिए एक मैसेज पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन अलीगढ़ मामले में विरोध प्रदर्शन कम नहीं हो सकता. इतिहास में दुनिया का कोई भी विरोध प्रदर्शन समय के साथ-साथ बढ़ा है उसका पैमाना कम नहीं हुआ. अगर कम हुआ तो विरोध जिस लिए किया जा रहा था वो कारण ही खत्म हुआ. ऐसे में क्या सोनम का दाइत्व नहीं बनता कि वो इतने बड़े मामले में भी इंसाफ की बात करें?

यहां मुद्दा धर्म का बिलकुल नहीं है और अगर किसी को लग रहा है, इस मामले में हिंदू-मुस्लिम विवाद फैलाना चाहिए तो वो बिलकुल गलत है, लेकिन विरोध प्रदर्शन कम नहीं होना चाहिए वर्ना वही होगा जो निर्भया मामले के बाद हुआ था. सिर्फ एक बार एक मामले के लिए प्रदर्शन करना काफी नहीं है. ऐसा ही प्रदर्शन मुजफ्फरपुर बालिका गृह के मामलों में भी होना चाहिए था, ऐसा ही प्रदर्शन मथुरा मामले में भी होना था. जब तक लोग ये नहीं सोचेंगे कि हर मामला बड़ा है, हर बार ऐसे जुर्म से किसी न किसी परिवार की खुशियां छिन जाती हैं तब तक शायद इसका कुछ नहीं हो पाएगा.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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