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Updated: 15 जून, 2022 06:13 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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जिस तरह से हॉलीवुड फिल्म 'The Avengers' में मुसीबत के समय अलग-अलग जगहों पर रहने वाले सभी हीरो एकजुट होकर बुरी ताकतों से लड़ते हैं. ठीक उसी तरह भारतीय सशस्त्र सेनाओं की 'अग्निपथ योजना' के तहत अब ऐसे 'अग्निवीर' तैयार किए जाएंगे. जो मुश्किल हालातों में किसी भी समय देशसेवा के लिए तैयार होंगे. देश के सामने भविष्य में उपज सकने वाली किसी भी सीमान्त समस्या के निपटारे के लिए ये 'अग्निवीर' पूरी तरह से स्किल्ड रहेंगे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अग्निवीर भारत की फ्यूचर वॉर्स के 'एवेंजर्स' बनेंगे.

Agnipath Scheme Youth of India now will be the Avengers of Army as Agniveers know detailsभारतीय सेनाओं में अब जोश के साथ अनुभव के तालमेल को बढ़ाने की ओर बड़ा कदम उठाया गया है.

चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के लिए 'एडवांस' तैयारी

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 'अग्निपथ योजना' के बारे में कहा कि 'इसका उद्देश्य सेना को भविष्य के लिए एक पहले से ही तैयार लड़ाकू बल बनाना है. जो संघर्ष के सभी आयामों में कई चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो.' भारत के नजरिये से देखा जाए, तो जनरल मनोज पांडे ने चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों की सीमा पर अपनाई जाने वाली उग्रता का मुंहतोड़ जवाब उन्हीं की भाषा में देने की तैयारी का इशारा किया है. पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी लगातार भारत को एक देश के तौर पर परेशान करती रही है. और, भविष्य में इसके बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. अगर भविष्य में ऐसी कोई स्थिति भारत के सामने पैदा होती है. तो, भारतीय सेनाओं में प्रशिक्षण पाए हुए 'अग्निवीर' किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे. और, भारत भी इन फ्यूचर वॉर्स को आसानी से टैकल कर सकेगा.

'युवा और माकूल' सेना का कॉन्सेप्ट

भारतीय सशस्त्र सेनाओं में लंबे समय से अनुभव के साथ युवा जोश के तालमेल की बात कही जाती रही है. पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध के बाद बनाई गई कारगिल समीक्षा समिति (केआरसी) ने भारतीय सेनाओं में 'युवा और माकूल' सेना तैयार करने का सुझाव दिया था. अग्निपथ योजना के तहत 4 सालों के लिए अग्निवीरों को भारतीय सेनाओं का हिस्सा बनाकर 'जोश और होश' का बेहतरीन कॉम्बिनेशन तैयार किया जाएगा. और, सेना को लगातार युवा और माकूल अग्निवीर मिलते रहेंगे. क्योंकि, भविष्य में हथियारों से लेकर तकनीकी तौर पर लगातार अपडेट हो रहा है. इस स्थिति में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की एक ऐसी सेना तैयार की जा सकेगी. जो किसी भी हालात से निपटने में सक्षम हो. इतना ही नहीं, आईआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों से भर्ती के जरिये सेना की टेक्निकल क्षमता को भी बढ़ाया जा सकेगा.

सेना से बाहर अग्निवीर आखिर क्या करेंगे?

अग्निपथ योजना के बारे में ये सवाल खड़ा होना लाजिमी है कि 4 साल बाद सेना से बाहर होने वाले 75 फीसदी युवा यानी अग्निवीर आखिर क्या करेंगे? भारत में हालिया बेरोजगारी की दर को देखते हुए यह एक जायज सवाल नजर आता है. लेकिन, अगर इसे तार्किक तौर पर देखा जाए, तो साढ़े 17 की उम्र में भारतीय सेनाओं में अग्निवीर बनने वाला युवा सेना से बाहर आने के समय 21 की उम्र का पूरा हो जाएगा. अधिकांश सरकारी नौकरियों में आवेदन की न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल ही होती है. इस हिसाब से अगर 21 साल की उम्र में यह युवा इन नौकरियों के लिए अप्लाई करता है. तो, उसे एक्स सर्विसमैन के लिए मिलने वाली छूट भी मिलेंगी. इतना ही नहीं, पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस की नौकरी में इन युवाओं की ट्रेनिंग का लाभ भी इन्हें मिलेगा. बता दें कि शॉर्ट टर्म रिक्रूटमेंट पॉलिसी के तहत अग्निवीर को 12वीं की शिक्षा भी दी जाएगी. हां, ये जरूर संभव है कि सभी इन नौकरियों के पात्र नहीं बन पाएंगे. लेकिन, अग्निपथ योजना के तहत ट्रेनिंग पाने वाले अधिकांश अग्निवीर भविष्य में इन नौकरियों में अपनी संभावनाओं को खोज सकते हैं. 

जानिए अग्निपथ योजना से जुड़ी अहम बातें

- अग्निपथ योजना के तहत लड़के और लड़कियों दोनों को ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भर्ती का मौका मिलेगा. अग्निवीर बनने के लिए आयु साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल के बीच होनी चाहिए. अग्निवीर की मेडिकल और फिजिकल फिटनेस के लिए सेना की ओर से पहले से ही तय किए गए नियमों का पालन होगा. 10वीं और 12वीं पास युवाओं को अग्निवीर के तौर पर अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए मौका मिलेगा.

- अग्निवीरों को सेवा निधि के तौर पर पहले साल में EPF/PPF की सुविधा के साथ 4.76 लाख रुपये का पैकेज मिलेगा. पहले साल में अग्निवीरों को 30 हजार का पैकेज मिलेगा. जो चौथे साल में 40 हजार होकर 6.92 लाख का पैकेज हो जाएगा. अग्निवीरों की सर्विस खत्म होने पर उन्हें 10.04 लाख रुपये का पैकेज ब्याज के साथ मिलेगा. जिसका इस्तेमाल वह अपनी उच्च शिक्षा या अन्य मदों में कर सकेंगे. सेवा निधि के पैकेज पर सभी तरह के टैक्स से छूट मिलेगी.

- अगर सर्विस के दौरान अग्निवीर शहीद होते हैं, तो उनके परिजनों को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. वहीं, सेवा के दौरान दिव्यांग होने 44 लाख रुपये का कवरेज मिलेगा. ये पैकेज दिव्यांगता के आधार पर दिया जाएगा. दोनों ही स्थितियों में सेवा निधि सहित बचे हुए वर्षों के हिस्से का भी भुगतान किया जाएगा.

- अग्निवीरों को उच्च शिक्षा के लिए कौशल पात्रता प्रमाण पत्र के साथ क्रेडिट स्कोर भी मिलेगा. जिससे उन्हें स्वरोजगार के लिए लोन जैसी चीजें भी आसानी से प्राप्त हो सकेंगी. सेवामुक्त हुए अग्निवीरों को 'अग्निवीर स्किल सर्टिफिकेट' मिलेगा. जो अन्य नौकरियों को प्राप्त करने में सहायता देगा.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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