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Updated: 09 जुलाई, 2017 06:50 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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साहेबान...साहेबान...साहेबान, आज संडे भी है और गुरु पूर्णिमा भी, तो आज बात राजनीति, फिल्म, टीवी सीरियल या क्रिकेट पर न होकर सिर्फ 'गुरु' पर होगी. गुरु केवल मैथ्स साइंस और इंग्लिश के नहीं होते. जीवन में हर वो व्यक्ति जिससे आपने कुछ न कुछ सीखा है, वो आपका गुरु है.

याद रखिये हम सभी को किताबी ज्ञान तो किताबों से मिल ही जाता है असल प्रैक्टिकल ज्ञान हमें एक गुरु ही प्रदान कर सकता है. ये उन गुरुओं के आशीर्वाद और मार्गदर्शन का ही नतीजा होता है कि व्यक्ति कुछ नया सीखकर सफलता प्राप्त करता है और कामयाबी के झंडे गाड़ता है. कह सकते हैं कि एक गुरु ही सो कॉल्ड चेले की जिंदगी ब्लैक एंड वाइट से कलरफुल और ब्राइट करता है.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   जीवन में अगर गुरु न होते तो सच में सब कुछ कितना बोरिंग होता

तो बात करते हैं मैथ, फिजिक्स, केमिस्ट्री, इंग्लिश के अलावा कुछ ऐसे गुरुओं की जो अगर आपके जीवन में न होते तो आपका जीवन वैसा ही होता जैसे बिन दही का दही वड़ा, बिन पानी की पानीपुरी, बिन मक्खन की दाल मखनी.

1. लव सिखाने वाले 'लवगुरु'

प्यार एक खूबसूरत अनुभूति है और प्यार में पड़ना किसे नहीं पसंद होता. हम अपने जीवन में कभी न कभी जरूर प्यार में पड़े होंगे और हमने उन पलों में कुछ ऐसे लोगों की भी मदद ली होगी जिन्होंने हमें बहुत कुछ सिखाया होगा जैसे 'यार, अजीब बेवकूफ आदमी हो, उससे मिलने जा रहे हो तो ढंग से और स्मार्ट बन के जाओ. ये क्या पोकेमॉन बनी टीशर्ट पर गंदी जींस पहन रखी है, नहा धोकर डियो लगाकर जाओगे तो तुम्हें भी अच्छा लगेगा. या फिर ये कि यार उसे फिल्म दिखा रहे हो हालांकि तुमने कभी हमारे लिए तो कुछ किया नहीं. भगवान के लिए ही सही उसे कोल्ड ड्रिंक और पॉपकोर्न ज़रूर खिला देना.'

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   प्रेम पर ज्ञान देने वाले गुरु न होते तो जीवन बेरंग होता

अब आप खुद सोचिये अगर ऐसे गुरु आपके जीवन में न होते तो आपकी लव लाइफ का क्या होता. आप धन्यवाद दीजिये इन गुरुओं का जिन्होंने आपकी प्रेम के दरिया से अवगत कराया. अगर ये आपके जीवन में न होते तो आपकी हालात उस नाव की तरह होती जिस पर काई जमी है और जो बरसों से नदी किनारे एक गंदी सी रस्सी से बंधी है.

टैक/सेल्फी गुरु

नया लैपटॉप और मोबाइल लेने से लेकर सेल्फी लेने तक हमें लोगों की मदद लेना पसंद हैं. याद करिए उन लोगों को जिन्होंने आपसे कहा होगा कि 'जब सेल्फी ले रहे हो तो कैमरे को घूरना मत बस नेचुरल रहना' या फिर वो लोग जिन्होंने कहा होगा कि 'नहीं, सैमसंग की बैटरी नहीं चलती ये जल्दी डिस्चार्ज हो जाती है और इसका फ्रंट कैमरा भी बेकार है. तुम एक काम करो जितना बजट है तुम्हारा तुम उतने में मोटोरोला ले लो.' ऐसे लोग भी आपके गुरु हैं. कल्पना कीजिये अगर ये न होते तो कैसे चलता आपका जीवन, किस्से लेते आप राय मशवरा.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   ऐसे गुरुओं की बदौलत हम तकनीक की रेस में आगे निकल पाएं हैं 

उधार बांटने वाले गुरु

समाज खासतौर पर युवाओं के उत्थान में 'उधारी गुरुओं' का विशेष योगदान और बड़ी निर्णायक भूमिका है. ये आपके जीवन की रेल में डलने वाले कोयले की तरह हैं. बिगड़े बजट के समय ये गुरु ही व्यक्ति के उजड़े बागों में बहार लाते हैं. कल्पना करके देखिये यदि ऐसे गुरु आपके जीवन से हट जाएं तो फिर आपका क्या होगा जनाबे आली. हम तो कहते हैं कि आपको रोज इन गुरुओं के घर गेंदे के फूल की माला और मोगरा अगरबत्ती लेकर पहुंचना चाहिए और इनकी आराधना करनी चाहिए.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   आह, उधार देने वाले गुरु ऊपर वाले का आशीर्वाद हैं

स्मोकिंग और पैग वाले गुरु

तनाव भरे जीवन से निजात पाने के लिए लोगों के पास अपने तरीके हैं और इन्हीं तरीकों में से एक है स्मोकिंग और ड्रिंकिंग. कहते हैं कि स्मोकिंग और ड्रिंकिंग कभी कोई अकेले नहीं करता, ये कोई न कोई उसे सिखाता है. तो अगर आप तनाव दूर करने या एन्जॉय के लिए स्मोकिंग और ड्रिंकिंग करते हैं तो आपको उन गुरुओं के आगे नतमस्तक होना चाहिए जिन्होंने आपको 30 एमएल के पैग में 250 एमएल पानी मिलाके पीना सिखाया और साथ ही ये भी बताया कि सिगरेट का धुंआ ऐसे नहीं, ऐसे इन्हेल किया जाता है.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   इन्हीं गुरुओं की बदौलत तो हम सोशल हो पाएं हैं

वाह दद्दा वाह, आपसे सहमत 'दी' जैसे गुरु

इसको पढ़ने के बाद अपने-अपने फेसबुक का रुख करिएगा. वहां आपको ये वाले गुरु और उनकी वॉल मिल जाएगी. हां वही वॉल जिनको देखकर आप फेसबुक पर लिखना सीख रहे होंगे. ध्यान रहे कि हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहां हमारी आधी से ज्यादा जिंदगी सोशल मीडिया पर बीत रही है और हम उन लोगों से इंस्पायर हो रहे हैं जो 'फेसबुक पर लिख रहे हैं' ऐसे में अगर ये वाले गुरु और ऐसी 'दी' न होतीं तो आपके फेसबुकी लेखन का क्या होता. 

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   हमें फेसबुक पर लिखना है और ऐसे गुरु हमारे लिए वरदान हैं

पॉलिटिकल गुरुजी

'अरे तुम क्या जानो ये अरविन्द केजरीवाल तो है ही झूठा और ये जो नीतीश और मुलायम को देख रहे हो न ये सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं असली काम तो सिर्फ नरेंद्र मोदी कर रहे हैं' या फिर ये वामपंथी इन्हें तो बस देश तोड़ना आता है. तुम ही बताओ इन्होंने आज तक देश के लिए कुछ किया है' प्रायः ऐसे गुरु आपको किसी भी चाय, पान सिगरेट की दुकान पर मिल जाएंगे. यकीन मानिए अगर ये न होते तो भारत जैसे विशाल देश की राजनीति आप कभी न सीख पाते. इन गुरुओं को भी हमारी तरफ से लाल सलाम.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   हमने इन गुरुओं से ही सीखा राजनीति किस चिड़िया का नाम है

फिल्म और म्यूजिक रिव्यु गुरु

'यार फलां पिक्चर इतनी बोरिंग हैं कि मैं तो आधी पिक्चर छोड़ के ही बाहर आ गया, यूं समझ लो स्टोरी लाइन नाम की कोई चीज थी ही नहीं.' या फिर 'सुना उस गाने को! भाई साहब लड़का नया है, मगर क्या उम्दा गिटार बजाया था.' हिरोइन के जीरो फीगर से लेकर हीरो के डाइट चार्ट तक इन्हें हर चीज की जानकारी रहती है. कहा जा सकता है कि अगर ये गुरु न होते तो हम आर्ट और कंटेम्प्रेरी सिनेमा के बीच का अंतर और अच्छे म्यूजिक को ही न समझ पाते.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   गुरु जी ने कहा सिनमा भी देखो जीवन में ये भी है जरूरी

जिम वाले गुरु जी

'अरे ऐसे डम्बल उठाएगा तो बॉडी कभी न बनने वाली'. 'सुन ट्रेड मिल पर जाने से पहले पहले स्ट्रेचिंग कर ले बॉडी हीट रहेगी तो कैलोरी जल्दी बर्न होगी' या फिर भाई तू सिर्फ अपर बॉडी की एक्सरसाइज पर ध्यान दे, जलवा उसी का होता है जो अपर बॉडी पर ध्यान देता है.' ऐसे गुरु हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. बिन इनके फिट होने और अच्छा दिखने की कल्पना ही बेकार है. व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि असल सम्मान के हकदार ये वाले गुरु ही हैं अगर ये न होते तो शायद ही हमारा 'मटका' 'प्लाई बोर्ड' बन पाता.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   56 इंच के सीने से लेकर 19 इंच के डोले तक सब इन गुरुओं की बदौलत है

बाइकर गुरुजी

ऊपर इतना कुछ लिखा जा चुका है लेकिन अगर हम सारी बातों के बीच इन गुरुओं की चर्चा न करें तो हमारा लिखना और आपका पढ़ना दोनों बेकार है. आज के दिन प्रणाम उन गुरुओं को जिन्होंने हमें 2 स्ट्रोक और 4 स्ट्रोक इंजन के बीच का अंतर समझाया. जिन्होंने हमें व्हीली करना और बाइक को 360 डिग्री पर घुमाना सिखाया. जिन्होंने हमें स्टंट के दौरान बरतने वाली सावधानियों से अवगत कराया.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक   तेज रफ़्तार में बने रहने के लिए इन गुरुओं का साथ ही सच्चा सुख है

काउंसिलिंग / इंटरव्यू क्रैक कराने वाले गुरु

हमने सबसे अंत में इन गुरुओं की बात की है और ये माना है कि जीवन की ग्रोथ में इनको नकारना एक बड़ी भूल होगी. हमारा जीवन ऐसे अनेक गुरुओं से भरा पड़ा है जिनसे मिले ज्ञान की बदौलत हमने सफलता की सीढ़ियां चढ़ी हैं. ऐसे गुरु अगर हमारे जीवन में न होते तो हमें कभी पता ही न चल पाता कि इंटरव्यू के दौरान बंद एसी कमरे में पूछा क्या जाता है.

गुरु, गुरु पूर्णिमा, शिक्षक  नौकरी जीवन है बाक़ी सब maya है ये हमें इन गुरुओं से सिखाया है 

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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