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Updated: 12 अक्टूबर, 2021 06:51 PM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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पहले ही जानकारी के लिए बता देते हैं कि एनसीबी (NCB) ने इस साल ड्रग्स से जुड़े करीब 94 मामले दर्ज किए हैं. और, इन मामलों में कॉमेडियन भारती सिंह और उनके पति हर्ष लिंबाचिया समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन, बॉलीवुड के 'किंग खान' कहे जाने वाले शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) के ड्रग्स मामले में गिरफ्तार होने के बाद तो देश में ऐसा माहौल बन गया है कि जैसे इससे पहले ड्रग्स को लेकर कोई गिरफ्तारी हुई ही न हो. ये चौंकाने वाली बात कही जा सकती है कि क्रूज रेव पार्टी में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों से इतर चर्चा में केवल आर्यन खान हैं. खैर, शाहरुख खान का बेटा होने की वजह से बॉलीवुड के कई सितारे खुलकर आर्यन खान के समर्थन में आ गए. 'किंग खान' को मिल रहा समर्थन कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन, आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि जल्द ही इस कार्यवाही में आर्यन को मुस्लिम (Muslim) घोषित कर 'विक्टिम कार्ड' खेलने वाली जमात एक्टिव हो जाएगी.

Aryan Khan Muslim Victim Cardड्रग्स मामले में गिरफ्तार हुए आर्यन खान का ही धर्म सामने आया है.

दरअसल, कुछ बॉलीवुड कलाकार, कथित बुद्धिजीवी और राजनेता इस कार्यवाही को मुस्लिम होने की वजह से निशाना बनाए जाने की ओर ले गए हैं. महबूबा मुफ्ती से लेकर आरफा खानम शेरवानी सरीखों ने आर्यन खान को 'मासूम से लेकर मुसलमान' तक घोषित करने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. वो अलग बात है कि इसी क्रूज रेव पार्टी मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों के धर्म से जुड़ी कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. इतनी ही नहीं, आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के खिलाफ भी तमाम लोग अपनी पुरानी खुन्नस निकालने में जुट गए हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो आर्यन को जमानत दिलाने के लिए जहां कोर्ट में हाई-प्रोफाइल वकील सतीश मानशिंदे अपनी ताकत झोंक रहे हैं. वहीं, सोशल मीडिया समेत अन्य परोक्ष तरीकों से लोगों के बीच ये नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि आर्यन खान को मुसलमान और शाहरुख खान का बेटा होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है. खैर, अब इस मामले में हिंदुत्व (Hindutva) का एंगल भी घसीट लिया गया है.

आर्यन खान की गिरफ्तारी वाले मामले में गौरी खान की एंट्री उस दिन हुई थी, जब उनके बर्थडे के दिन आर्यन की जमानत पर सुनवाई होनी थी. जमानत नहीं मिली, तो सोशल मीडिया पर गौरी खान का कार के अंदर बैठकर रोते हुए एक वीडियो वायरल हुआ. और, अब अभी तक मुस्लिम की वजह से निशाने पर लिये जाने वाला मामला हिंदुत्व की ओर मोड़ दिया गया है. हिंदुत्व को मुस्लिम वाले एंगल से जोड़ने के लिए शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान का सहारा लिया गया है. दरअसल, सभी को पता है कि शाहरुख खान से शादी करने से पहले गौरी खान हिंदू थीं. एक टॉक शो में गौरी खान ने कहा भी था कि मैं पति शाहरुख खान के धर्म का सम्मान करती हूं, लेकिन मैंने धर्म परिवर्तन नहीं किया है. तो लब्बोलुआब यही है कि आर्यन खान को बचाने के लिए दी जा रहीं वकीलों की दलीलों से इतर लोगों को एक कारण और मिल गया है कि वो आर्यन खान के लिए सपोर्टिव कैंपेन चला सकें.

दरअसल, लेखक देवदत्त पटनायक ने एक ट्वीट कर लिखा है कि नवरात्र के दौरान एक गौरी के बेटे को जेल में डाल दिया गया. अब इस ट्वीट को लेकर बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि देवी दुर्गा का एक नाम गौरी भी है. और, गौरी का नाम लेकर हिंदुत्व का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है. दरअसल, देवदत्त पटनायक का ये ट्वीट एक तरह से मुस्लिम होने की वजह से निशाना बनाए जाने की बात को कमजोर करने के लिए एक कोशिश जैसा माना जा सकता है. क्योंकि, मुस्लिम वाले एंगल से आर्यन खान के नाम पर उतना समर्थन नहीं जुटाया जा सका था. मुस्लिम होने की दलील आर्यन खान के बहुत ज्यादा काम आती नहीं दिखी है. 

खैर, देवदत्त पटनायक ने एक अन्य ट्वीट में नवरात्र का मजाक उड़ाते हुए कहा है कि गौरी के बेटे को कब जेल से छोड़ा जाएगा सप्तमी, अष्टमी, नवमी या विजयादशमी पर?

वहीं, आर्यन खान मामले पर पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट कर लिखा था कि आर्यन खान का मामला उसके द्वारा ड्रग्स के सेवन से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह सीधे शाहरुख को निशाना बनाने के लिए है. एक स्वतंत्र देश में आर्यन खान को जमानत का मौलिक अधिकार नहीं दिया जा रहा है. इसमें कोई शक नहीं है कि शाहरुख खान हमारे समय के सबसे बड़े मुस्लिम सुपरस्टार हैं. सजा के जैसी कार्यवाही उनके लिए संदेश है कि आप भी पाला बदल लें. खैर, ऐसा ही कुछ पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी शाहरुख खान का समर्थन करने के लिए कहा था.

आसान शब्दों में कहा जाए, तो किसी भी मामले पर दक्षिणपंथियों को निशाने पर लेने के लिए इन तमाम बुद्धिजीवियों, कलाकारों और नेताओं के पास अब कुछ खास कहने को बचा नहीं है. ऐसे हालातों में इन तमाम लोगों को मजबूरन मुस्लिम विक्टिम कार्ड और हिंदू धर्म के देवी-देवताओं व त्योहारों का मजाक उड़ाने का ही सहारा लेना पड़ता है. क्योंकि, आर्यन खान मामले में तो कानून और न्यायालय अपना काम कर रहा है. लेकिन, इन कथित बुद्धिजीवियों के लिए समर्थन जुटाना भी मुश्किल पड़ रहा है.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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