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Updated: 12 जून, 2017 11:44 AM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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चाहे मैं हूं या आप दुखी हम सब हैं. हमारे इर्द-गिर्द दुखों का कंकड़ नहीं बल्कि पूरा का पूरा पहाड़ है. हमारे बीच में कहीं कोई इस बात पर दुखी है कि उसे नौकरी नहीं मिल रही तो कहीं ये दुःख कि नौकरी तो मिल गयी मगर अप्रेजल कब लगेगा और सैलरी कब बढ़ेगी. कहीं नई गाड़ी न ले पाने का दुःख है तो कहीं पत्नी या प्रेमिका को समय न दे पाने का दुःख है.

वेट न बढ़ने का दुःख, अचानक वेट बढ़ जाने का दुःख, क्रेडिट कार्ड से लेकर ब्रॉडबैंड के कनेक्शन और बच्चों की फीस से लेकर बीवी द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कॉस्मेटिक आइटम के दामों तक बस सब ओर दुःख ही दुःख है. यदि आप दुखों को ध्यान से देखेंगे तो मिलेगा कि दुखों से कुछ ही दूरी पर सुख खड़ा है.

शायद उपरोक्त बात आपको कन्फ्यूज करे और ये सोचने पर मजबूर करे कि हम आखिर ऐसा कह क्यों रहे हैं. तो आपको बता दें कि मामला ही कुछ ऐसा है ट्विटर पर मशहूर सिने अभिनेत्री शबाना आज़मी ने जिसपर कैप्शन है कि अपनी खुशियां खुद बनाएं. तस्वीर में एक कैलकुलेटर है जिसमें 45 लिखा है और उसे ऐसे रखा गया है जैसे कोई अपने वज़न की जांच कर रहा हो.

shabana azmi, twitterशबाना आजमी ने ट्विटर पर पोस्ट की ये तस्वीर

हालांकि तस्वीर को एक मजाकिया अंदाज में पोस्ट किया गया है, मगर इसके पहलुओं पर नजर डालें तो मिलता है कि इस तस्वीर के माध्यम से शबाना न सिर्फ लोगों को एक संदेश देना चाहती हैं, बल्कि उन्होंने ये बताने का प्रयास भी कर रही हैं कि हम जैसे हैं हमें खुद को उसी अंदाज़ में स्वीकारना चाहिए और छोटी-छोटी खुशियों को सहेज के रखना चाहिए. साथ ही, दुखों की घड़ी में हमें छोटे-छोटे सुखों को बड़े ढंग से सहेज कर रखना चाहिए.

गौरतलब है कि आज ओबेसिटी या मोटापा एक बड़ी समस्या है और प्रायः ये देखा गया है कि न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी रह रहा हर दूसरा आदमी मोटापे से त्रस्त है. साथ ही ये भी देखा गया है कि व्यक्ति जहां एक तरफ बढ़े हुए मोटापे की तरफ फिक्रमंद है और इसको कम करने के लिए प्रयासरत है तो वहीं दूसरी तरह अपने आप को पर्याप्त समय न दे पाने के कारण वो अपने बढ़े हुए मोटापे के लिए कुछ भी नहीं कर पाता.

बहरहाल अंत में हम यही कहेंगे कि शबाना द्वारा पोस्ट किये गए इस ट्वीट से ये बात कहीं न कहीं साफ हो जाती है कि शबाना न सिर्फ एक बेमिसाल अभिनेत्री हैं बल्कि उनका सेन्स ऑफ ह्यूमर भी अपने आप में लाजवाब है.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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