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Updated: 11 जनवरी, 2019 01:55 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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विदेश यात्रा का सपना देखने वाले हर भारतीय को लगता है कि उसे सस्ती डील मिले. घूमने में खर्च कम हो और पासपोर्ट पर स्टैम्प भी आसानी से लग जाए. पर कई बार सस्ती डील देखकर बुकिंग करवाना बहुत महंगा पड़ता है. इंटरनेट पर कई सारे आर्टिकल्स देखे होंगे आपने जिनमें ये लिखा होता है कि 50 हज़ार से कम में विदेश यात्रा की जा सकती है. बिलकुल ये सच है, लेकिन जो लोग अधिकतर बताना भूल जाते हैं वो ये कि अगर ठीक से ध्यान नहीं दिया तो कई बार बुकिंग करवाने के बाद भी बहुत पैसा खर्च करना पड़ सकता है. इसी साल मैं बाली होकर आई हूं जो ट्रिप कहने के लिए सिर्फ 45000 की थी जिसमें 5 दिन का खर्च शामिल था, आने-जाने की फ्लाइट्स शामिल थी और रहना और मील्स के साथ साइट सीइंग भी शामिल थी, लेकिन असल में ये खर्च 70 हज़ार के आस-पास बैठा. कुछ गलतियां जो हमारे ग्रुप से हुईं वो ध्यान रखने की जरूरत है.

विदेश, ट्रैवल, टूरिस्ट, घूमना, सोशल मीडियाऐसा नहीं है कि सस्ते में घूमा नहीं जा सकता, लेकिन ट्रैवल की बुकिंग करवाते समय कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.

1. भले ही पैकेज 50 के अंदर आ गया हो, लेकिन खर्च बहुत होगा..

भले ही पैकेज आपने बुक करवा लिया है, लेकिन एक्स्ट्रा पैसे लेकर जाएं. पैसे वहां कम नहीं पड़ने चाहिएं क्योंकि विदेश में न आप आसानी से नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करवा पाएंगे और न ही आसानी से पैसे मंगवा पाएंगे. यहां तक कि होटल में बुकिंग करवाने के बाद भी कई होटल अलग से सिक्योरिटी डिपॉजिट मांग लेते हैं जो भले ही आपको वापस मिल जाए, लेकिन शुरुआत में आपका बजट बिगाड़ सकता है. साथ ही इंटरनेशनल टूरिस्ट से होटल स्टॉफ, टैक्सी वाले सभी टिप भी मांगते हैं. इसके लिए तैयार रहें.

2. विद फूड पैकेज को ठीक से जांच लें कई बार इसमें सिर्फ दिन का एक मील शामिल होता है..

हमारा पैकेज विद फूड था यानी बुकिंग के समय हमें ये बताया गया था कि मील्स मिलेंगे, लेकिन जो बातें ट्रैवल एजेंट या फिर ट्रैवलिंग एप्स बताना भूल जाते हैं वो ये कि मील्स हर दिन और हर वक्त के लिए नहीं होते. दिन में तीन मील्स भी नहीं दिए जाते. किसी दिन नाश्ता, किसी दिन लंच, किसी दिन डिनर ऐसा अरेंजमेंट होता है. ये ट्रैवल डिटेल्स में दिया जाता है, लेकिन अक्सर टूरिस्ट इसे देखना भूल जाते हैं. जैसा कि हमारे साथ हुआ. पहले ही अपने ट्रैवल एजेंट से बुकिंग करवाते समय इस बात का पता लगा लेना जरूरी है. उसी समय अगर बार्गेन कर लिया जाए तो विदेश में जाकर परेशान होने और ज्यादा खर्च करने से बचा जा सकता है. ट्रैवल एजेंट ऐसी बुकिंग भी करवा सकता है कि साइट सीइंग पर जाते वक्त टूर गाइड ही कहीं लंच करवा दे और पैसे बुकिंग में ही जुड़े हों.

3. थाईलैंड, बाली जैसे देशों में सस्ते में बुकिंग तो हो जाएगी, लेकिन वहां शॉपिंग और खाना-पीना महंगा होगा..

थाइलैंड, श्रीलंका, बाली, मलेशिया, सिंगापुर, दुबई जैसी जगहों में फ्लाइट्स सस्ती होंगी लेकिन वहां जाकर शॉपिंग और खाना-पीना महंगा होगा. भले ही बाली, श्रीलंका की करंसी भारत से कम हो, लेकिन वहां भी महंगाई का पता चल सकता है. साथ ही सिंगापुर, मलेशिया और थाइलैंड जैसे देशों की तो करंसी ही हमारी करंसी के मुकाबले ज्यादा है. इसी के साथ, ओमान, कंबोडिया, वियतनाम जैसे देशों में फ्लाइट टिकट का खर्च बढ़ सकता है. ऐसी जगहों पर पैकेज कई बार बिना फ्लाइट्स के मिलते हैं और यूजर्स अपने से फ्लाइट्स करवाने के चक्कर में कई बार महंगी बुकिंग करवा लेते हैं. ऐसे में जगह के हिसाब से ये तय करें कि बुकिंग कब करवानी है.

4. लोकल ट्रैवल में लगते हैं ज्यादा पैसे..

अगर पैकेज लें तो कोशिश करें कि ऐसा हो जिसमें ज्यादा से ज्यादा टूरिस्ट-प्लेस साइट सीइंग कॉस्ट में ही पूरी हो जाएं. क्योंकि भले ही विदेश जाने के लिए फ्लाइट सस्ती पड़ जाए, लेकिन विदेशों में इंटर सिटी ट्रांसफर और टूरिस्ट जगहों पर सफर महंगा पड़ता है. अगर एक्स्प्लोर भी करना है तो भी कुछ जगहों के लिए होटल या ट्रैवल एजेंट के साइट सीइंग पैकेज का इस्तेमाल करें.

5. कई टूरिस्ट प्लेस बहुत चर्चित हैं, लेकिन उनका कोई मतलब नहीं और एंट्री टिकट ज्यादा पैसा खर्च करवाती है...

बाली में लोकल ड्रामा और डांस देखने के लिए हम बहुत उत्साहित थे. ओपन थिएटर में टिकट की बुकिंग पहले ही करवा ली थी, लेकिन न तो वो ड्रामा आकर्षक लगा और न ही वो समझ आया. अगर हमने पहले ही यूट्यूब पर एक दो वीडियो देखकर बुकिंग करवाई होती तो हमारे लिए किफायती भी होता और समय भी बच जाता. ऐसे में किसी भी लोकल थिएटर, टूरिस्ट डेस्टिनेशन आदि की बुकिंग करवाते समय ध्यान रखें कि एक गूगल सर्च कुछ गलत नहीं करती.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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