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Updated: 26 नवम्बर, 2022 04:46 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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गलवान को लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चढ्ढा का भारतीय सेना का मजाक उड़ाना भर था. चाहे वो बॉलीवुड सिलेब्रिटीज और राजनेता हों या देश का आम आदमी सब एकजुट हो गए हैं और ऋचा चड्ढा की तीखी आलोचना हो रही है. ऋचा का ट्वीट पूरे सोशल मीडिया पर जंगल में लगी आग की तरह वायरल हुआ और लाखों प्रतिक्रियाएं आईं. बाद में ऋचा ने ट्वीट डिलीट किया और लम्बा चौड़ा नोट लिखकर माफ़ी मांगी. विषय क्योंकि देश की सुरक्षा और भारतीय सेना से जुड़ा है लोग अपनी बातों पर अड़े हैं और ऋचा की माफ़ी के बाद भी जिस तरह के ट्वीट आ रहे हैं लोग उन्हें माफ़ करने के मूड में नहीं हैं. जैसा कि सोशल मीडिया का दस्तूर है किसी भी मुद्दे को लेकर लोग अपने को दो वर्गों में बांट लेते हैं, इस मामले में भी देखने को मिला. Galwan Says Hi पर कॉस्मेटिक्स बनाने वाली कंपनी MamaEarth को भी ऋचा का पक्ष लेना पड़ा. मामा अर्थ ने एक ट्वीट किया और ये समझाने की कोशिश की कि आखिर अपने ट्वीट के जरिये ऋचा कहना क्या चाह रही थीं. साथ ही जैसी भाषा मामा अर्थ ने अपने ट्वीट में इस्तेमाल की उसने ये भी बताया कि ऋचा के कहने का क्या मतलब था.

Mamaearth, Richa Chadha, Indian Army, Humiliation, Oppose, Support, Boycott, Twitterगलवान पर ऋचा का समर्थन कर मामाअर्थ ने मुसीबत खुद मोल ली है

बात आगे बढ़े उससे पहले ये बताना बहुत जरूरी है कि ऋचा के समर्थन में मामा अर्थ ने ट्वीट यूं ही प्यार-मुहब्बत या फैन फॉलोइंग के चलते नहीं किया. बात ये है कि ऋचा मामा अर्थ की ब्रांड ऐम्बैस्डर हैं. ज्ञात हो कि ऋचा के galwan says hi के बाद लोग खुलकर ऋचा के विरोध में सामने आए हैं और हर उस चीज के बायकॉट की बात सोशल मीडिया पर हो रही है जिससे ऋचा ने अपने को जोड़ा हुआ है.

आफत मामा अर्थ पर भी आई है और जिस तरह ऋचा के समर्थन में उसने ट्वीट किया कहीं न कहीं उसने ऋचा को क्लीन चित देने की कोशिश की. लोग पहले ही भरे बैठे थे. ऐसे में उन्हें मामा अर्थ की ये बेशर्मी बिलकुल भी अच्छी नहीं लगी मांग की जा रही है कि जनता मामा अर्थ का भी ठीक वैसा ही बहिष्कार करे जैसा ऋचा का किया गया है.

जैसा कि हमने ऊपर ही बताया है विषय देश की सेना है इसलिए लोग ऋचा को माफ़ करने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में मामा अर्थ का ऋचा के समर्थन में आना कंपनी के लिए उड़ते तीर जैसा हो गया है. सोशल मीडिया पर तमाम लोग ऐसे हैं जो कह रहे हैं कि कितना अच्छा होता कि मामा अर्थ सिर्फ तेल, साबुन, क्रीम, काजल जैसी चीजें बेचती. वहीं सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की भी भरमार थी जिनका मानना है कि जब तक मामा अर्थ अपने को ऋचा से अलग नहीं करता उसका भी बहिष्कार बदस्तूर जारी रहेगा.

बहरहाल, भले ही ऋचा का सपोर्ट कर मामा अर्थ ऋचा, अली फज़ल और समर्थकों की नजर में अच्छा बन गया हो लेकिन जैसी सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं हैं इतना तो तय है कि आने वाले वक़्त में अपनी इस 'जल्दबाजी' की कीमत एक ब्रांड के रूप में मां अर्थ को चुकानी पड़ेगी. कुल मिलाकर ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आने वाला वक़्त एक ब्रांड के रूप में मामा अर्थ के लिए निर्णायक है.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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