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Updated: 20 जनवरी, 2019 06:51 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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जितनी इज्जत यूपी की गाय को मिलती है उतनी शायद ही किसी और राज्य में मिलती हो. वैसे तो पूरे भारत के लिए गाय माता ही है, लेकिन फिर भी यूपी में तो शायद माता से भी बढ़कर है. गाय की सेवा और सुरक्षा के लिए यूपी सरकार ने एक अच्छी पहल की है. योगी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसके बाद यूपी में शराब पीने वालों को अब और भी ज्यादा पैसे चुकाने होंगे और जो आमदनी उससे होगी वो गायों की भलाई के लिए लगाई जाएगी.

जी हां, Times of india की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में यूपी कैबिनेट ने खास फीस की मंजूरी दे दी है जो बियर और विदेशी शराब पर लगाई जाएगी. इस फीस के बाद आमदनी गौशालाएं बनाने के लिए लगाई जाएगी.

कितनी बढ़ेगी कीमत?

शराब पीने वालों को अब हर बोतल पर ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. इसमें विदेशी शराब के लिए 10 रुपए प्रति बोलत और बियर के लिए 5 रुपए प्रति बोतल का कर अधिक देना होगा. इसी के साथ, बियर और विदेशी शराब की बॉटलिंग पर सभी कंपनियों को अलग से फीस देनी होगी. ये 1 से 3 रुपए प्रति बोतल हो सकती है.

इसी के साथ, अलग से फीस जो 50 पैसे से 2 रुपए प्रति बोतल हो सकती है वो लगाई जाएगी इम्पोर्ट पर्मिट फीस पर जो बियर और शराब को यूपी में बनाने के लिए लिया जाता है. यानी कुल मिलाकर बियर की बोतल और विदेशी शराब पर 10-15 रुपए बढ़ सकते हैं.

गाय, गौरक्षक, यूपी, योगी आदित्यनाथअब जितनी ज्यादा शराब पी जाएगी उतना ही गाय का संरक्षण हो सकेगा.

कितनी कमाई होगी इससे-

इसका आंकड़ा सुनकर चौंकिएगा मत, लेकिन असल में इस फीस को बढ़ाकर योगी सरकार 165 करोड़ रुपए सालाना कमाने की बात कर रही है. ये आंकड़ा प्रदेश में शराब की खपत के आंकड़ों के आधार पर निकाला गया है.

जो गौशालाएं बनाई जाएंगी वो आवारा गायों के लिए होंगी. सड़क पर घूमती हुई आवारा गाएं यूपी में सरकारी स्कूलों में भी बांधी जा रही हैं. अब वो गौशालाओं में रह सकेंगी. सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि आवारा गायों की समस्या ग्रामीण और शहरी इलाकों में एक जैसी हो रही है.

पहले एक्साइज मिनिस्टर जय प्रताप सिंह पहले इस फैसले के खिलाफ थे, लेकिन बाद में वो भी इसके लिए मान गए क्योंकि इससे अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है.

इस फैसले का असर सिर्फ बियर और महंगी शराब पर होगा इसमें सस्ती विदेशी शराब और भारतीय शराब के ब्रांड नहीं जुड़े हुए हैं इसलिए ये कहना की पूरे मार्केट पर असर पड़ेगा ये सही नहीं होगा फिर भी सरकार को इससे मुनाफा बहुत होगा.

योगी सरकार गाय को लेकर बेहद संजीदा है और वो हर ऐसा फैसला लेना चाहती है जिससे गाय की रक्षा हो सकते. 2019 चुनावों से पहले गाय का कायापलट जरूर हो सकता है.

2019 चुनावों से पहले राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं, तो अरविंद केजरीवाल अपने आप को गाय भक्त साबित कर चुके हैं और तो और यूपी, हरियाणा, दिल्ली की अनेकों गौशालाओं का निरीक्षण करने जा रहे हैं. देश में अब ये स्थिती बन गई है कि गाय को लेकर नीतियां बनाई जा रही हैं. किसी भी देश में शायद पहली बार ऐसा हो कि शराब की बिक्री भी गाय संरक्षण में लगाई जाए. एक तरफ जहां 2019 में सभी पार्टियों का मुद्दा हिंदुत्व की ओर मुड़ता दिख रहा है वहीं दूसरी ओर विकास थोड़ा पीछे रह गया है.

अगर हर पार्टी सिर्फ इन्हीं कामों को लेकर चुनाव लड़ेगी और चुनावों के बाद सिर्फ धार्मिक कामों में ही ध्यान लगाएगी तो विकास कब होगा? पता नहीं कब, पर कम से कम 2019 चुनावों से पहले भारत में गाय को लेकर बहुत बड़ा योगदान दिया जा रहा है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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